लंबे पावर कट के लिए हो जाइए तैयार, डिमांड के मुकाबले कम है सप्‍लाई, आगे हालात होंगे और खराब


नई दिल्‍ली. देश में पड़ रही गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गई है. इस साल पीक पालर डिमांड में 12.1 फीसदी का उछाल आया है. देश में बिजली की कुल आपूर्ति गुरुवार को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 205.65 गीगावॉट पर जा पहुंची. मौसम विभाग ने अभी अगले पांच दिन भीषण गर्मी पड़ने की संभावना जताई है. इससे बिजली की मांग में और इजाफा होगा. सरकारी अनुमानों के मुताबिक मई-जून में देश में बिजली की पीक डिमांड 215 से 220 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी.

दूसरी ओर बिजली के लंबे कटों से परेशान होकर कई जगह लोग धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं. पंजाब में किसान संगठनों ने इस मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है. हरियाणा में भी रात को बिजली कट लगने से खफा ग्रामीणों ने कई जगह विरोध-प्रदर्शन किया. हरियाणा में तीन से पांच घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है. जानकारों का कहना है कि आगे गर्मी में बढ़ोतरी होने और जून से चावल रोपाई सीजन‍ शुरू होने पर हालात और खराब हो सकते हैं.

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जिन राज्‍यों में बिजली की सबसे ज्‍यादा कमी है उनमें सबसे ऊपर झारखंड है. बिजली की सप्लाई जरूरत से 17.28 फीसदी कम हो रही है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 11.62 फीसदी, राजस्‍थान में 9.60 फीसदी, हरियाणा में 7.67 फीसदी और उत्तराखंड में मांग के मुकाबले 7.59 फीसदी कम बिजली की आपूर्ति हो रही है.

62.3 करोड़ यूनिट बिजली कम
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, देश में बिजली की कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट तक जा पहुंची है. गुरुवार को देश में 205.65 गीगावॉट बिजली आपूर्ति की गई. लेकिन यह रिकॉर्ड आपूर्ति भी मांग को पूरा नहीं कर सकी. 28 अप्रैल 2022 की दोपहर 2 बजकर 40 मिनट तक के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल अप्रैल में पूरी की जा रही पीक पावर डिमांड में 12.1 फीसदी का उछाल आया है. पिछले साल की इसी अवधि में यह डिमांड 182.559 गीगावॉट थी, जो अब बढ़कर 204.653 गीगावॉट हो चुकी है.

वर्ष 2021 में देश की एक दिन में पूरी की गई सर्वाधिक बिजली मांग 200.53 गीगावॉट थी. बिजली की मांग पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रही है. 26 अप्रैल को दिनभर में 201.06 गीगावॉट बिजली की सप्लाई की गई. इतनी सप्लाई के बावजूद भी 8.22 गीगावॉट बिजली की कमी बनी रही. 27 अप्रैल को देश भर में 200.65 गीगावॉट बिजली सप्लाई की गई थी, लेकिन वह भी बिजली की जरूरत के मुकाबले 10.29 गीगावॉट कम ही रही.

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पंजाब में आंदोलन की राह पर किसान
पंजाब के विभिन्न किसान संगठन 5 मई को स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कार्यालयों के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे. किसान संगठनों का कहना है कि किसानों को कम से कम 16 घंटे बिजली की आपूर्ति की जरूरत है. अगर सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो वे राज्य सरकार के खिलाफ बेमियादी धरना शुरू कर देंगे. जम्हूरी किसान सभा के अध्यक्ष सतनाम सिंह अजनाला ने कहा कि वे अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 5 मई को पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के कार्यालयों के सामने धरना देंगे.

Tags: Electricity, Power Blackout, Power Crisis

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