यूपी चुनाव: तीसरे चरण में 22 फीसदी दागी, 39 फीसदी करोड़पति प्रत्याशी, लुईस खुर्शीद के खिलाफ सबसे ज्यादा 17 आपराधिक मामले दर्ज


सार

गंभीर आपराधिक मामलों में यदि दलवार स्थिति का आकलन करें तो समाजवादी पार्टी यहां भी अव्वल है, पार्टी ने 21 ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिन पर गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के ऐसे माननीयों की संख्या 20 है। बसपा की 18 तो  कांग्रेस की दस, आम आदमी पार्टी के 11 प्रत्याशियों इस तरह के मुकदमे हैं।

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में पहले दो चरणों के मुकाबले दागी उम्मीदवारों की संख्या घटी है। इस चरण में 22 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, सबसे ज्यादा आपराधिक मामले कांग्रेस की फर्रुखाबाद सीट की प्रत्याशी लुइस खुर्शीद पर दर्ज हैं। करोड़पतियों प्रत्याशियों की सूची में बबीना से यशपाल सिंह यादव शीर्ष पर हैं। 

समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक 52 फीसदी दागी उम्मीदवारों को टिकट दी है। वह करोड़पति उम्मीदवारों की सूची में भी शीर्ष पर है। सपा ने 58 में से 30 बाहुबलियों को टिकट दिए हैं। जबकि भाजपा ने 55 में से 25 यानी 46 फीसदी बाहुबलियों पर भरोसा जताया है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने मंगलवार को तीसरे चरण की रिपोर्ट जारी की। 

इस चरण में 627 प्रत्याशी खड़े हैं लेकिन चार प्रत्याशियों के शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण विश्लेषण नहीं किया गया है। तीसरे चरण में 59 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव होना है। 623  में से 135  यानी 22 प्रतिशत ने अपने ऊपर आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। 103 ने गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। इसमें बसपा ने 59 में 23 यानी 39 फीसदी। 

वहीं, सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने भी राज्य में अपनी साख बचाने का जिम्मा उन्हीं को दिया है। पार्टी ने इस चरण में 20  दागियों को यानी 36 फीसदी को टिकट दिया है। वहीं, ईमानदारी और स्वच्छ राजनीति का दम भरने वाली आम आदमी पार्टी ने भी 49 टिकटों में 11 आपराधिक मामले वालों को चुना है। 

गंभीर आपराधिक मामलों में यदि दलवार स्थिति का आकलन करें तो समाजवादी पार्टी यहां भी अव्वल है, पार्टी ने 21 ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिन पर गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के ऐसे माननीयों की संख्या 20 है। बसपा की 18 तो  कांग्रेस की दस, आम आदमी पार्टी के 11 प्रत्याशियों इस तरह के मुकदमे हैं।

सपा के 90 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति
करोड़पति उम्मीदवारों में 623 में 245 करोड़पति हैं। इसमें सबसे ज्यादा धनपतियों पर भरोसा समाजवादी पार्टी ने जताया है। पार्टी के 52 उम्मीदवार यानी 90 फीसदी करोड़पति हैं। इस क्रम में पहले दस करोड़पतियों में कांग्रेस, सपा और बसपा के उम्मीदवार हैं। इस सूची में पहले नंबर पर  झांसी बबीना से सपा उम्मीदवार यशपाल सिंह यादव हैं, उन्होंने 70  करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। 

कांग्रेस के अजय कपूर  सबसे ज्यादा संपत्ति वाले उम्मीदवारों में दूसरे पायदान पर हैं। इन्होंने  69  करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। वहीं, इसी पार्टी के प्रमोद कुमार तीसरे नंबर पर हैं, इन्होंने  45 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। इस चरण में 40 फीसदी प्रत्याशियों ने अपने ऊपर कर्ज होने की बात हलफनामे में स्वीकारी हैं।

दो उम्मीदवारों पर दुष्कर्म और दो पर हत्या के मामले दर्ज  
तीसरे चरण में 11 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन पर महिला अत्याचार के मामले दर्ज हैं।  इसमें से दो पर महिला दुष्कर्म के मामलों का खुलासा किया है।  दो ने हत्या के मामले और 18 उम्मीदवारों ने खुद पर हत्या के प्रयास के मामले चलने का खुलासा अपने शपथ पत्र में किया है।

57 फीसदी प्रत्याशी स्नातक तो 13 साक्षर 
तीसरे चरण में 57 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा है। तीसरे चरण में 239 (38फीसदी) उम्मीदवार 12वीं तक ही पढ़े हैं। इनमें 357 (57फीसदी) प्रत्याशी स्नातक या इससे ज्यादा पढ़े हैं। 13 उम्मीदवार ऐसे हैं जो सिर्फ साक्षर हैं।

96 महिलाएं चुनावी मैदान में
तीसरे चरण में 96 महिलाएं भी मैदान में हैं और यह पहला ऐसा चरण है, जहां किसी महिला उम्मीदवार पर सबसे अधिक आपराधिक मामले हैं।

विस्तार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में पहले दो चरणों के मुकाबले दागी उम्मीदवारों की संख्या घटी है। इस चरण में 22 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, सबसे ज्यादा आपराधिक मामले कांग्रेस की फर्रुखाबाद सीट की प्रत्याशी लुइस खुर्शीद पर दर्ज हैं। करोड़पतियों प्रत्याशियों की सूची में बबीना से यशपाल सिंह यादव शीर्ष पर हैं। 

समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक 52 फीसदी दागी उम्मीदवारों को टिकट दी है। वह करोड़पति उम्मीदवारों की सूची में भी शीर्ष पर है। सपा ने 58 में से 30 बाहुबलियों को टिकट दिए हैं। जबकि भाजपा ने 55 में से 25 यानी 46 फीसदी बाहुबलियों पर भरोसा जताया है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने मंगलवार को तीसरे चरण की रिपोर्ट जारी की। 

इस चरण में 627 प्रत्याशी खड़े हैं लेकिन चार प्रत्याशियों के शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण विश्लेषण नहीं किया गया है। तीसरे चरण में 59 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव होना है। 623  में से 135  यानी 22 प्रतिशत ने अपने ऊपर आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। 103 ने गंभीर किस्म के आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। इसमें बसपा ने 59 में 23 यानी 39 फीसदी। 

वहीं, सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने भी राज्य में अपनी साख बचाने का जिम्मा उन्हीं को दिया है। पार्टी ने इस चरण में 20  दागियों को यानी 36 फीसदी को टिकट दिया है। वहीं, ईमानदारी और स्वच्छ राजनीति का दम भरने वाली आम आदमी पार्टी ने भी 49 टिकटों में 11 आपराधिक मामले वालों को चुना है। 

गंभीर आपराधिक मामलों में यदि दलवार स्थिति का आकलन करें तो समाजवादी पार्टी यहां भी अव्वल है, पार्टी ने 21 ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जिन पर गंभीर किस्म के आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के ऐसे माननीयों की संख्या 20 है। बसपा की 18 तो  कांग्रेस की दस, आम आदमी पार्टी के 11 प्रत्याशियों इस तरह के मुकदमे हैं।



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