MEA: मंदिर में तोड़फोड़ पर भारत ने पाकिस्तान को घेरा, कहा- धार्मिक अल्पसंख्यकों की व्यवस्थित उत्पीड़न की एक और कड़ी


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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को बताया कि भारत ASEAN देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी की 10वीं वर्षगांठ पर और हमारे संवाद संबंधों की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर 16-17 जून को विशेष आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा।

इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को मंदिर में की गई तोड़फोड़ पर आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान के कराची शहर में एक हिंदू मंदिर में की गई तोड़फोड़ की घटना पर गौर किया है। यह धार्मिक अल्पसंख्यकों की व्यवस्थित उत्पीड़न की एक और कड़ी है। पाकिस्तान सरकार को हमने अपने विरोध से अवगत करा दिया है। हमने पाकिस्तान सरकार से वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आग्रह किया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से जब विवादित टिप्पणी के मद्देनजर एनएसए और ईरानी विदेश मंत्री की मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की टिप्पणियों पर टिप्पणी करना पसंद नहीं करता। मेरी समझ यह है कि आप जिस एक रीडआउट या बयान के बारे में बात कर रहे हैं, उसे ईरान ने पहले से हटा लिया है। 

उन्होंने कहा कि हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्वीट और टिप्पणियां सरकार के विचारों को नहीं दर्शाती हैं। यह हमारे वार्ताकारों को भी अवगत कराया गया है और यह तथ्य भी है कि संबंधित टिप्पणी और ट्वीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

चीन मसले पर यह कहा
चीन द्वारा सीमाई क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार पश्चिमी क्षेत्र में चीन द्वारा बुनियादी ढांचे के निर्माण समेत हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों के घटनाक्रम की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है। सरकार क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी पर्याप्त, उचित उपाय करती है। भारत सरकार ने हाल के वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी कई उपाय किए हैं।

चीन ने अमेरिकी जनरल की टिप्पणी को निंदनीय बताया
इससे पहले चीन ने भारत से लगी सीमा पर रक्षा बुनियादी ढांचा स्थापित करने को लेकर अमेरिका के शीर्ष जनरल की आलोचनात्मक टिप्पणियों को गुरुवार को निंदनीय करार दिया। साथ ही उसने ‘आग में घी डालने’ डालने की कुछ अमेरिकी अधिकारियों की कोशिशों की आलोचना की और कहा कि चीन तथा भारत के पास वार्ता के जरिए उचित तरीके से अपने मुद्दों को सुलझाने की ‘इच्छाशक्ति और क्षमता’ है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को बताया कि भारत ASEAN देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी की 10वीं वर्षगांठ पर और हमारे संवाद संबंधों की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर 16-17 जून को विशेष आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा।

इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को मंदिर में की गई तोड़फोड़ पर आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान के कराची शहर में एक हिंदू मंदिर में की गई तोड़फोड़ की घटना पर गौर किया है। यह धार्मिक अल्पसंख्यकों की व्यवस्थित उत्पीड़न की एक और कड़ी है। पाकिस्तान सरकार को हमने अपने विरोध से अवगत करा दिया है। हमने पाकिस्तान सरकार से वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आग्रह किया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से जब विवादित टिप्पणी के मद्देनजर एनएसए और ईरानी विदेश मंत्री की मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों की टिप्पणियों पर टिप्पणी करना पसंद नहीं करता। मेरी समझ यह है कि आप जिस एक रीडआउट या बयान के बारे में बात कर रहे हैं, उसे ईरान ने पहले से हटा लिया है। 

उन्होंने कहा कि हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्वीट और टिप्पणियां सरकार के विचारों को नहीं दर्शाती हैं। यह हमारे वार्ताकारों को भी अवगत कराया गया है और यह तथ्य भी है कि संबंधित टिप्पणी और ट्वीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

चीन मसले पर यह कहा

चीन द्वारा सीमाई क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार पश्चिमी क्षेत्र में चीन द्वारा बुनियादी ढांचे के निर्माण समेत हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों के घटनाक्रम की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है। सरकार क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी पर्याप्त, उचित उपाय करती है। भारत सरकार ने हाल के वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी कई उपाय किए हैं।

चीन ने अमेरिकी जनरल की टिप्पणी को निंदनीय बताया

इससे पहले चीन ने भारत से लगी सीमा पर रक्षा बुनियादी ढांचा स्थापित करने को लेकर अमेरिका के शीर्ष जनरल की आलोचनात्मक टिप्पणियों को गुरुवार को निंदनीय करार दिया। साथ ही उसने ‘आग में घी डालने’ डालने की कुछ अमेरिकी अधिकारियों की कोशिशों की आलोचना की और कहा कि चीन तथा भारत के पास वार्ता के जरिए उचित तरीके से अपने मुद्दों को सुलझाने की ‘इच्छाशक्ति और क्षमता’ है।



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