नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के रेपो दरों में इजाफा करने के बाद कई बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हुए कर्ज महंगा कर दिया. अब इस सूची में एक बड़े बैंक का नाम जुड़ गया है. दरअसल, सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. बैंक ने अलग-अलग अवधि के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट यानी 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की है. अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक की नई दरें 10 जुलाई, 2022 से लागू होगी.
बदलाव के बाद एमसीएलआर आधारित ब्याज दरें 6.95 फीसदी से 7.55 फीसदी होगी. एक साल के लिए एमसीएलआर को 7.45 फीसदी बढ़ाकर 7.55 फीसदी कर दिया गया है. 2 और 3 साल के लिए एमसीएलआर भी 0.10 फीसदी बढ़ाकर 7.55 फीसदी कर दिया गया है. एक दिन से लेकर 6 महीने की अवधि के लिये एमसीएलआर को 0.10 फीसदी बढ़ाकर 6.95-7.50 फीसदी कर दिया गया है।.
बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
क्या होता है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. आरबीआई ने 1 अप्रैल 2016 से देश में एमसीएलआर की शुरुआत की थी. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे. आधार दर की जगह पर अप्रैल 2016 से बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब बैंकों द्वारा एमसीएलआर में किसी भी बढ़ोतरी या कटौती का असर नए और मौजूदा लेनदारों पर भी पड़ता है.
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Tags: Bank
FIRST PUBLISHED : July 09, 2022, 15:12 IST