Insurance Tips: आखिर क्यों होता है इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट, जानें वजह और उपाय


Insurance Tips: इंश्योरेंस चाहे हेल्थ का हो या फिर लाइफ का. वाहन का बीमा हो या फिर घर या कीमती चीजों का, आज के समय की जरूरत बन गया है. किसी भी तरह का इंश्योरेंस मुसीबत के समय बहुत काम आता है. कोरोना महामारी ने इंश्योरेंस के महत्व को बहुत अच्छे तरीके से समझा दिया है. लेकिन यही इंश्योरेंस उस समय बेकार साबित होता है जब बीमा कंपनी आपके क्लेम को रिजेक्ट कर देती हैं. देखने में आया है कि इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम में कोई ना कोई गलती बताकर उसे रिजेक्ट कर देती हैं. इसलिए जरूरी है उन बातों का विशेष ख्याल रखना जिनकी वजह से आपका क्लेम रद्द हो सकता है.

जब आप कोई बीमा खरीदते हैं उस समय एजेंट आपको पॉलिसी के बारे में कई बड़े-बड़े दावे करता है. लेकिन पॉलिसी खरीदना तभी सफल माना जाएगा जब आपका इंश्योरेंस क्लेम बिना किसी परेशानी के आपको मिल जाए.

इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो जाने की समस्या कई बार देखने में आती है. हालंकि अगर इंश्योरेंस से जुड़े नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ा जाए और उनका पालन किया जाए तो इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- नौकरी करने वाले ध्यान दें, 1 अप्रैल से इन PF अकाउंट्स पर लगेगा टैक्स, जानें आप पर क्या होगा असर

नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ें
ज्यादातर लोग बीमा लेते समय इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दी गई सेवा-शर्तों को नहीं पढ़ते हैं. यह एक बड़ी गलती है. इसलिए बीमा लेते समय सभी पेपर्स ध्यान से पढ़ने चाहिए. कंपनियां इंश्योरेंस से जुड़ी जानकारियां अपनी वेबसाइट्स पर भी अपलोड करती हैं. आप वेबसाइट पर भी नियम और शर्तों को जाकर पढ़ सकते हैं. बिना पूरा पढ़ें पॉलिसी से जुड़े डाक्यूमेंट्स पर साइन न करें. बीमा एजेंट कहते हैं कि सिर्फ आप साइन कर दें बाकी सब वे खुद कर देंगे. लेकिन आपको हर चीज अच्छी तरह से पढ़ने के बाद ही साइन करने चाहिए.

सटीक जानकारी
हम हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय ज्यादा प्रीमियम से बचने के लिए अक्सर पहले हुई बीमारियों की जानकारी नहीं देते हैं. ज्यादातर लोग धुम्रपान और मद्यपान की जानकारी भी शेयर नहीं करते हैं. इन गलतियों की वजह से अक्कर क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. इसलिए बेहद जरूरी है कि आप प्री एक्जिस्टिंग इलनेस के बारे में बीमा कंपनी को ठीक तरह से जानकारी दें.

यह भी पढ़ें- LIC IPO Update news: अगर एलआईसी की पॉलिसी है तो सस्ते में मिलेगा शेयर

क्लेम में देरी
क्लेम समय से फाइल करना चाहिए. घटना के फौरन बाद ही अपना क्लेम फाइल करेंगे तो बेहतर रहेगा. ज्यादातर कंपनी आपको 7 दिन से 30 दिन तक का समय देती हैं. इस बीच क्लेम जरूर फाइल कर दें.

मोटर इंश्योरेंस में ध्यान रखें ये बात
आप अगर अपनी गाड़ी में कोई बदलाव करते हैं जैसे आपने सीएनजी किट लगवाई है या गाड़ी की बॉडी में कोई बदलाव किया है तो इसकी जानकारी जरूरी बीमा कंपनी को दें. यह जानकारी नहीं देने पर आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. यह ध्यान रखें कि कुछ खास नुकसान को बीमा कंपनी पॉलिसी में कवर नहीं करती है. इसके लिए अलग से ऐड-ऑन कवर्स लेने चाहिए ताकि आगे जाकर किसी तरह की परेशानी न हो.

इंश्योरेंस क्लेम खारिज होने ही एक वजह ये भी है कि कुछ खास नुकसान को बीमा कंपनी पॉलिसी में कवर नहीं करती है. इन नुकसान के लिए अलग से ऐड-ऑन कवर्स लेने होते हैं. अगर इंजन की खराबी या समय के साथ गाड़ी में आने वाली खराबी के लिए पॉलिसी में कवर मिलता नहीं है. इसके लिए अलग से इंजन प्रोटेक्टर और जीरो डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन कवर्स लेना चाहिए.

Tags: Health Insurance, Insurance, Insurance Policy

image Source

Enable Notifications OK No thanks