इस्सेवाल सामूहिक दुष्कर्म केस: पांच दोषियों को आजीवन कारावास और एक को 20 साल की सजा, सभी को देना होगा जुर्माना


संवाद न्यूज एजेंसी, हलवारा (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 04 Mar 2022 03:17 PM IST

सार

तीन साल बाद जिला अदालत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को दोषी करार दिया था। छह दोषियों में एक नाबालिग भी शामिल है।

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पंजाब को झकझोर देने वाले इस्सेवाल सामूहिक दुष्कर्म मामले में छह दोषियों को सजा सुना दी गई है। मामले के मुख्य आरोपी जगरूप सिंह रुपी, सादिक अली, सैफ अली, सुरमु और अजय उर्फ लल्लन उर्फ ब्रिज नंदन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। घटना के वक्त नाबालिग रहे लियाकत अली को 20 साल की सजा सुनाई गई है।

जगरूप सिंह रुपी, सादिक अली, सैफ अली, सुरमु और अजय उर्फ लल्लन उर्फ ब्रिज नंदन पर एक एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। लियाकत अली पर 50 हजार रुपये जुर्माना किया गया है। ये साढ़े पांच लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। अगर आरोपी जुर्माना अदा नहीं करते तो सजा बढ़ जाएगी। शुक्रवार दोपहर तीन बजे जिला अदालत की स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी दोषियों को सजा का एलान करते हुए बचाव पक्ष के वकीलों की सजा कम करने की सभी दलीलों को रद्द करते हुए ये फैसला सुनाया है।

तीन साल बाद जिला अदालत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को दोषी करार दिया था। छह दोषियों में एक नाबालिग भी शामिल है। स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज रश्मि शर्मा ने सोमवार दोपहर बाद अपने फैसले में मुख्य आरोपी जगरूप सिंह रुपी, सादिक अली, सैफ अली, सुरमु, अजय उर्फ लल्लन उर्फ ब्रिज नंदन और एक नाबालिग को दोषी करार दिया था। सभी आरोपियों को धारा 341, 427, 364 ए, 342, 354, 354 बी, 376 डी, 411, 379, 411, 34 आईपीसी और 66 ई आईटी एक्ट में दोषी करार दिया गया था। जबकि धारा 397 को 395 में तब्दील कर दिया गया है। 

विस्तार

पंजाब को झकझोर देने वाले इस्सेवाल सामूहिक दुष्कर्म मामले में छह दोषियों को सजा सुना दी गई है। मामले के मुख्य आरोपी जगरूप सिंह रुपी, सादिक अली, सैफ अली, सुरमु और अजय उर्फ लल्लन उर्फ ब्रिज नंदन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। घटना के वक्त नाबालिग रहे लियाकत अली को 20 साल की सजा सुनाई गई है।

जगरूप सिंह रुपी, सादिक अली, सैफ अली, सुरमु और अजय उर्फ लल्लन उर्फ ब्रिज नंदन पर एक एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। लियाकत अली पर 50 हजार रुपये जुर्माना किया गया है। ये साढ़े पांच लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। अगर आरोपी जुर्माना अदा नहीं करते तो सजा बढ़ जाएगी। शुक्रवार दोपहर तीन बजे जिला अदालत की स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी दोषियों को सजा का एलान करते हुए बचाव पक्ष के वकीलों की सजा कम करने की सभी दलीलों को रद्द करते हुए ये फैसला सुनाया है।

तीन साल बाद जिला अदालत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को दोषी करार दिया था। छह दोषियों में एक नाबालिग भी शामिल है। स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज रश्मि शर्मा ने सोमवार दोपहर बाद अपने फैसले में मुख्य आरोपी जगरूप सिंह रुपी, सादिक अली, सैफ अली, सुरमु, अजय उर्फ लल्लन उर्फ ब्रिज नंदन और एक नाबालिग को दोषी करार दिया था। सभी आरोपियों को धारा 341, 427, 364 ए, 342, 354, 354 बी, 376 डी, 411, 379, 411, 34 आईपीसी और 66 ई आईटी एक्ट में दोषी करार दिया गया था। जबकि धारा 397 को 395 में तब्दील कर दिया गया है। 



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