जरूरी है इंश्योरेंस! सुरक्षा के साथ टैक्स बचत भी, और भी ढेर सारे फायदे


Insurance News: किसी समय बहुत से लोग बीमा का फालतू का खर्चा मानते थे, लेकिन कोरोना महामारी के बाद बीमा को लेकर लोगों की सोच एकदम बदल गई है. आलम ये है कि पिछले साल कोरोना के हाहाकार के बाद से बीमा कंपनियों के कारोबार में जबरदस्त उछाल आया है. बीमा खरीदने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. बीमा कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमत भी बढ़ा दी है.

किसी भी व्यक्ति, संस्था के लिए बीमा एक जरूरी टूल बन गया है. कुछ मामलों में तो बीमा कानूनन जरूरी होता है. बिना बीमा वाला वाहन चलाना गैर-कानूनी है. सुरक्षा और निवेश के साथ-साथ बीमा टैक्स बचत का भी एक बड़ा विकल्प है.

किसी भी आपात स्थिति खासकर आर्थिक स्थिति में बीमा (Insurance) हमारे साथ एक मजबूत आधार बनकर खड़ा होता है. बीमा जहां हमारे परिवार को भविष्य की किसी अप्रिया घटना का सामाना करने की ताकत देता है. यह बचत का भी बड़ा आधार है. बहुत से लोग बचत के लिए ही बीमा पॉलिसी लेते हैं. यह समझ लेना जरूरी है कि निवेश और बीमा, दोनों ही अलग-अलग चीजें हैं. निवेश के लिए बीमा कराने पर आपको वह रिटर्न नहीं मिलता है, जिसकी उम्मीद की जाती है.

बदलती जीवन शैली में बीमा का भी स्वरूप बदला है. आज बीमा बाजार बहुत बड़ा हो गया है. चीज का बीमा है. स्वास्थ्य और जनरल इंश्योरेंस में ही सैकड़ों प्रोडक्ट्स हैं. यहां हम किसी भी परिवार के लिए जरूरी बीमा उत्पादों पर रोशनी डाल रहे हैं.

जीवन बीमा (Life Insurance)
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी एक व्यक्ति और एक इंश्योरेंस मुहैया कराने वाली कंपनी के बीच किया गया एक अनुबंध है. इस अनुबंध में इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी होल्डर को एक तय फीस जिसे प्रीमियम कहा जाता है, के एवज में आर्थिक सुरक्षा देती है.

इस सिस्टम के आधार पर पॉलिसी होल्डर की मृत्यु होने पर या पॉलिसी मैच्योर होती है, तो कुछ समय के बाद इंश्योरेंस मुहैया कराने वाली कंपनी उस व्यक्ति को या उसके परिवार को एकमुश्त राशि का भुगतान करता है. पॉलिसी खरीदार की व्यक्तिगत मांग और जरुरतों के हिसाब से बाजार में तमाम तरह की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां होती हैं.

टर्म इंश्योरेंस (Term Insurance)
घर के मुखिया के लिए टर्म इंश्योरेंस होना बहुत जरूरी है. कमाई करने वाले व्यक्ति के नहीं होने की दशा में टर्म इंश्योरेंस मुखिया पर निर्भर लोगों को आर्थिक मदद करता है. टर्म इंश्योरेंस जितनी जल्दी उम्र में कराया जाए उतना ही कम खर्चिला और ज्यादा कवरेज वाला होता है. आज की जरूरत के हिसाब से घर के मुखिया का कम से कम एक करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस होना चाहिए.

स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance Policy)
बढ़ती महंगाई में मेडिकल खर्चे भी बढ़ रहे हैं. महानगरों में साधारण बुखार में ही हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं. ऐशे में स्वास्थ्य बीमा बहुत जरूरी हो गया है. परिवार के प्रत्येक सदस्य का हेल्थ इंश्योरेंस होना चाहिए. फैमली फ्लोटर पॉलिसी में भी पूरे परिवार को कवर किया जा सकता है. एक अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉॉलिसी में डॉक्टर का परामर्श शुल्क, मेडिकल टेस्ट, अस्पताल में भर्ती होने का खर्च और ऑपरेशन आदि के खर्चों को कवर किया जाता है.

मोटर इंश्योरेंस (Motor Insurance)
आप कार या टू-व्हीलर चलाते हैं तो आपको पता ही होगा कि वाहनों का इंश्योरेंस कानून जरूरी होता है. इसलिए थर्ड पार्टी बीमा के साथ कम्प्रेहैन्सिव मोटर बीमा कवर जरूर लेना चाहिए. इस बीमा को हर साल रिन्यू कराना पड़ता है.

दुर्घटना बीमा (Accident Insurance)
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा के तहत आकस्मिक मृत्यु के कारण परिवार के वित्तीय नुकसान को पूरा करने में मदद मिलती है. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख रुपये का बीमा कवरेज मिलता है. इसे बैंक में बचत खाते से साथ जोड़ा गया है. बीमा प्रीमियम के 12 रुपये सालाना बैंक खाते में डेबिट किए जाते हैं.

होम इंश्योरेन्स (Home Insurance)
आजकल प्राकृतिक घटनाएं भी बढ़ी हैं. चोरी-चकारी भी बहुत होने लगी है. ऐसे में घर का बीमा भी होना चाहिए. घर के बीमा से आप आग, चोरी और प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.

साइबर इंश्योरेंस (Cyber insurance)
जैसे-जैसे हम डिजिटल होते जा रहे हैं, साइबर फ्रॉड की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. हमारे जीवन का हिसाब-किताब मोबाइल, लैपटॉप में डेटा के रूप में साइबर दुनिया में तैर रहा है. कोई भी इसमें सेंध लगा सकता है. इसलिए अपने बैंक खातों की सुरक्षा, क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए साइबर बीमा कवर का विकल्प भी चुनना चाहिए.

Tags: Insurance, Insurance Policy, Insurance scheme, Life Insurance

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