Kamika Ekadashi 2022: जानिए कब है कामिका एकादशी, इस दिन बन रहे हैं 3 शुभ योग


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कामिका एकादशी

Highlights

  • सावन में पड़ने वाली पहली एकादशी कामिका एकादशी कहलाती है
  • कामिका एकादशी का व्रत 24 जुलाई को रखा जायेगा
  • कामिका एकादशी का व्रत करने से पापों का नाश होता है

Kamika Ekadashi : सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई से शुरू हो गया है। सावन में पड़ने वाली पहली एकादशी कामिका एकादशी कहलाती है। वहीं पंचांग के अनुसार सावन का महीना शुभ मुहूर्त में आरंभ हुआ है। जिस कारण इस बार के सावन का महत्व और बढ़ गया है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त श्रद्धा और भक्तिभाव से भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि पूर्वक उपासना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 

सावन का महीना भगवान शिव जी की पूजा आराधना के लिए अच्छा होता है, वहीं एकादशी व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में सावन की पहली एकादशी यानी कामिका एकादशी व्रत का महत्व और बढ़ गया है। सावन कामिका एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ-साथ भोलेनाथ की भी कृपा होती है।

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इस दिन मनाई जाएगी कामिका एकादशी

कामिका एकादशी का व्रत 24 जुलाई को रखा जायेगा। सावन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 जुलाई दिन शनिवार को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन 24 जुलाई रविवार को दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयाति​की मान्यता के मुताबिक़, कामिका एकादशी व्रत 24 जुलाई को होगी।

कामिका एकादशी पर शुभ योग 

  1. कामिका एकादशी के दिन 24 जुलाई को प्रात:काल से वृद्धि योग शुरू होगा जो कि दोपहर बाद 02 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से ध्रुव योग लग जाएगा। 
  2. इसी दिन द्विपुष्कर योग भी लग रहा है। द्विपुष्कर योग 24 जुलाई को रात 10 बजे से 25 जुलाई सुबह 05 बजकर 38 मिनट तक है।
  3. कामिका एकादशी को रोहिणी नक्षत्र रात 10 बजे तक है और उसके बाद से मृगशिरा नक्षत्र शुरू होगा। 
  4. कामिका एकादशी व्रत का पारण 25 जुलाई को प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से 08 बजकर 22 मिनट तक कर सकेंगे।
  5. द्वादशी तिथि का समापन 25 जुलाई को शाम 04 बजकर 15 मिनट पर होगा।

कामिका एकादशी से मिलता है ये लाभ 

कामिका एकादशी व्रत करने से सभी तीर्थों में स्नान के समान ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इससे पापों का नाश होता है और ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु की कृपा से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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