LIC IPO: आखिरी दिन तीन गुना सब्सक्राइब हुआ मेगा इश्यू, ग्रे मार्केट में घटा भाव, जानिए डिटेल  


नई दिल्ली. सरकारी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) का सोमवार को आखिरी दिन था. यह मेगा इश्यू करीब तीन गुना सब्सक्राइब हुआ है. पॉलिसीधारकों के लिए सुरक्षित कोटे में सबसे ज्यादा सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ है जबकि कर्मचारियों के कोटे को भी बेहतर रिस्पॉन्स मिला है. हालांकि, इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में गिरावट दर्ज की गई है.

इस आईपीओ के जरिए सरकार अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 21,000 करोड़ रुपये जुटा रही है. इसका प्राइस बैंड 902-949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. यह इश्यू 4 मई को आम निवेशकों के लिए और 2 मई को एंकर निवेशकों के लिए खुला था. एंकर निवेशकों से एलआईसी ने 5,627 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

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पॉलिसीधारकों का कोटा सबसे ज्यादा भरा

एलआईसी का इश्यू आखिरी दिन तक 2.94 गुना भरा. इसके विशाल आकार के लिहाज से इसे अच्छा माना जा सकता है. पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों के कोटे को बेहतर रिस्पॉन्स मिला. पॉलिसीधारकों के कोटे में लगभग 6 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. जबकि कर्मचारियों का कोटा करीब 4.32 गुना भरा है. पात्र संस्थागत खरीदारों (QIB) का हिस्सा 2.83 गुना, गैर संस्थागत निवेशकों का हिस्सा 2.88 गुना और खुदरा निवेशकों का कोटा 1.95 गुना भरा है. सब्सक्रिप्शन के अंतिम आंकड़े में फेरबदल होने की संभावना है.

जीएमपी में लगातार गिरावट

हालांकि, ग्रे मार्केट प्रीमियम देखें तो इसकी लिस्टिंग को लेकर कमजोर संकेत मिल रहे हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम घटकर 40 रुपये पर आ गया है. यह आईपीओ के पहले दिन से अब तक करीब 60 फीसदी घट गया है. इश्यू के पहले दिन इसका जीएमपी 105 रुपये पर पहुंच गया था. जबकि इश्यू खुलने से पहले एलआईसी का जीएमपी 85 रुपये तक गया था. सोमवार के जीएमपी के आधार पर देखें तो एलआईसी का शेयर प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर 949 रुपये से 40 रुपये की बढ़त यानी 989 रुपये पर लिस्ट हो सकता है. यह इश्यू प्राइस से करीब 4 फीसदी ज्यादा है.

17 मई को एलआईसी के शेयर बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध होंगे. इसके शेयरों का अलॉटमेंट 12 मई को होगा. अगर बाजार में उठापटक आगे भी जारी रहती है तो उसका असर इसकी लिस्टिंग पर पड़ सकता है. इससे उन निवेशकों को मायूसी होगी जिन्होंने लिस्टिंग गेन के लिए इस इश्यू में बोली लगाई है.

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जीएमपी के क्या हैं मायने

जीएमपी कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं होता है. ये उन कयासों पर आधारित होता है कि किसी इश्यू को  कितना समर्थन मिलने वाला है. इसका कंपनी की वित्तीय स्थिति से भी कोई सरोकार नहीं होता है. इसलिए बाजार के जानकार आईपीओ में निवेश से पहले जीएमपी से अधिक कंपनी की बैलेंस शीट और वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने की सलाह देते हैं.

Tags: IPO, LIC IPO, Life Insurance, Life Insurance Corporation of India (LIC)

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