LIC IPO : कल आएगा भारत का सबसे बड़ा आईपीओ, बोली लगाने से पहले जान लें ये 10 जरुरी बातें


नई दिल्ली. एलआईसी 4 मई को भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ लाने जा रही है. सरकार को इस आईपीओ से 21,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है. सरकार एलआईसी में 3.5 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश कर रही है.

अगर आप भी एलआईसी के आईपीओ में पैसा लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो इससे जुड़ी ये 10 बातें जरुर जान लें.

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आईपीओ की तारीख

एलआईसी का आईपीओ 4 मई को खुलेगा और 9 मई को बंद होगा. शेयर 17 मई को बाजार में सूचीबद्ध होंगे.

प्राइस बैंड

आईपीओ का प्राइस बैंड 902-949 रुपये रखा गया है. इसके शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये है. एलआईसी अपने पॉलिसीधारकों को 60 रुपये और कर्मचारियों को 45 रुपये का डिस्काउंट देगी.

आईपीओ का मकसद

सरकार यह आईपीओ के जरिए शेयर बाजार का लाभ उठाना चाहती है और शेयरधारकों के 221,374,920 शेयर ऑफर-फोर-सेल के तहत जारी करना चाहती है.

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कम-से-कम 15 शेयरों के लिए बोली

बोलीदाता को कम-से-कम 1 लॉट यानी 15 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी. इस तरह से एक निवेशक 14 लॉट के लिए बोली लगाकर कुल 2 लाख रुपये निवेश कर सकता है.

ऑफर संबंधी डिटेल

सरकार की इसके जरिए 21,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. यह पूरा आईपीओ ऑफर-फोर-सेल है. आईपीओ के कुल साइज का 50 फीसदी हिस्सा संस्थागत निवेशकों के लिए, 15 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए और बाकी 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है.

कंपनी के बारे में

एलआईसी भारत की सबसे बड़ी बीमा प्रदाता कंपनी है. बाजार में इसकी 61 फीसदी हिस्सेदारी है. कुल संपत्ति के मामले में यह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. एलआईसी 40 लाख करोड़ के एसेट को मैनेज करती है. इसके पास 13.5 लाख एजेंट हैं.

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वित्तीय जानकारी

वित्त वर्ष 21 के अंत में एलआईसी के पास 37,46,404 करोड़ का एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) था. जो कि इससे पिछले वित्त वर्ष से 10 फीसदी अधिक था. इस दौरान कंपनी का मुनाफा 2710 करोड़ रुपये से बढ़कर 2974 करोड़ रुपये हो गया. दिसंबर 2021 तक एलआईसी के पास 40.90 लाख करोड़ रुपये का एयूएम था.

ताकत और व्यापार नीति

कंपनी की ताकत यह है कि ये भारत जैसे देश में सबसे बड़ी बीमा दाता है. भारत में बीमा अभी बहुत कम पेनिट्रेट कर पाया है और इसकी संभावनाएं अथाह है. पूरे भारत में इसकी मजबूत उपस्थिति है. यह एक भरोसमंद ब्रैंड है.

कुछ बातें जो पक्ष में नहीं

कंपनी लगातार निजी प्रतिद्वंदियों से मुकाबले में अपना बाजार आधार खोती जा रही है. फिलहाल इसके पास 60 फीसदी से अधिक मार्केट शेयर है लेकिन वित्त वर्ष 16-21 के बीच ये 9 फीसदी सीएजीआर दर से बढ़ी है जबकि निजी कंपनियों में 18 फीसदी की दर से वृद्धि हुई है.एलआईसी डिजिटल पहुंच भी बहुत मजबूत नहीं है. एलआईसी 6,028 के मार्केट-टू-मार्केट घाटे में है.

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जीएमपी, अलॉटमेंट और लिस्टिंग

कंपनी का ग्रे मार्केट प्राइस 85 रुपये प्रति शेयर चल रहा है. जो इसके प्राइस बैंड से 10 फीसदी अधिक है. शेयर 12 मई को अलॉट होंगे और 17 मई को एलआईसी बाजार में सूचीबद्ध हो जाएगी.

Tags: LIC IPO

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