नई दिल्ली. मैगी, किटकैट और नेस्कैफे जैसे पॉपुलर ब्रांड से पहचान बनाने वाली एफएमसीजी सेक्टर की कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) को तगड़ा झटका लगा है. दरअसल, कंपनी ने गुरुवार को बताया कि लागत बढ़ने के कारण मार्च 2022 में खत्म तिमाही के दौरान उसका शुद्ध लाभ 1.25 फीसदी घटकर 594.71 करोड़ रुपये रह गया. कंपनी ने इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 602.25 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था.
शुद्ध बिक्री में 9.74 फीसदी का इजाफा
गौरतलब है कि कंपनी वित्त वर्ष के रूप में जनवरी-दिसंबर का अनुसरण करती है. नेस्ले इंडिया ने शेयर बाजार को बताया कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी शुद्ध बिक्री 9.74 फीसदी बढ़कर 3,950.90 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले वर्ष समान अवधि में 3,600.20 करोड़ रुपये थी.
कुल खर्च 12.98 फीसदी बढ़ा
कंपनी ने बताया कि जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान उसका कुल खर्च 12.98 फीसदी बढ़कर 3,195.90 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले साल की इसी अवधि में 2,828.61 करोड़ रुपये था.
नेस्ले इंडिया की घरेलू स्तर पर बिक्री 10.23 फीसदी बढ़कर 3,794.26 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले वर्ष समान अवधि में 3,442.03 करोड़ रुपये थी और निर्यात 0.96 फीसदी की गिरावट के साथ 156.64 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष समान अवधि में 158.17 करोड़ रुपये था.
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मैगी में एक बार फिर से लगेगा महंगाई का तड़का!
कमोडिटी की ग्लोबल कीमतें बढ़ने से परेशान नेस्ले एक बार फिर से अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने की तैयारी में है. कंपनी का कहना है कि खाने का तेल, कॉफी, गेहूं और फ्यूल जैसी कमोडिटी के दाम 10 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं. इसका मतलब ये हुआ कि कंपनी इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालेगी.
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