पंजाब सरकार को नोटिस: हाईकोर्ट ने पूछा- किस आधार पर 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली, सूची कैसे सार्वजनिक हुई?


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Mon, 30 May 2022 08:52 PM IST

सार

हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा है कि आखिर किस आधार पर सुरक्षा वापस लेने का निर्णय लिया गया और आखिर कैसे यह सूची सार्वजनिक हो गई है। पंजाब सरकार को अगली सुनवाई के दौरान इस बारे में सीलबंद रिपोर्ट सौंपनी होगी।

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पंजाब सरकार की ओर से 424 से अधिक लोगों को दी गई सुरक्षा वापस क्यों ली गई, इस मामले में पंजाब सरकार अब घिर गई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा है कि किस आधार पर सुरक्षा वापस ली गई है और जिनकी सुरक्षा वापस ली गई है तो सूची सार्वजनिक कैसे हुई। अगली सुनवाई पर पंजाब सरकार को इस बारे में सीलबंद रिपोर्ट सौंपनी होगी।

कांग्रेस से पूर्व विधायक ओपी सोनी ने सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए उनकी सुरक्षा वापस लेने के आदेश को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के दौर में उन्हें भारत-पाक सीमा पर कंटीले तार लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी। 

तब से अब तक उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। अब अचानक उनकी सुरक्षा से 19 कर्मी कम कर दिए गए। याची ने कहा कि ऐसा करना सीधे तौर पर अन्याय है क्योंकि उनकी तरह ही पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल और सुखजिंदर रंधावा को भी जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। उन दोनों की सुरक्षा को जारी रखा गया है जबकि याची की सुरक्षा में कटौती की गई है।

ओपी सोनी के अतिरिक्त जिन 423 से अधिक लोगों की सुरक्षा में कटौती की गई है उन लोगों ने सुरक्षा में कटौती को हाईकोर्ट में चुनौती देना आरंभ कर दिया है। अकाली नेता वीर सिंह लोपोके ने भी सुरक्षा वापस लेने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए तत्काल दो सुरक्षा कर्मी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा है कि आखिर किस आधार पर सुरक्षा वापस लेने का निर्णय लिया गया और आखिर कैसे यह सूची सार्वजनिक हो गई है। पंजाब सरकार को अगली सुनवाई के दौरान इस बारे में सीलबंद रिपोर्ट सौंपनी होगी।

विस्तार

पंजाब सरकार की ओर से 424 से अधिक लोगों को दी गई सुरक्षा वापस क्यों ली गई, इस मामले में पंजाब सरकार अब घिर गई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा है कि किस आधार पर सुरक्षा वापस ली गई है और जिनकी सुरक्षा वापस ली गई है तो सूची सार्वजनिक कैसे हुई। अगली सुनवाई पर पंजाब सरकार को इस बारे में सीलबंद रिपोर्ट सौंपनी होगी।

कांग्रेस से पूर्व विधायक ओपी सोनी ने सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए उनकी सुरक्षा वापस लेने के आदेश को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के दौर में उन्हें भारत-पाक सीमा पर कंटीले तार लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी। 

तब से अब तक उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। अब अचानक उनकी सुरक्षा से 19 कर्मी कम कर दिए गए। याची ने कहा कि ऐसा करना सीधे तौर पर अन्याय है क्योंकि उनकी तरह ही पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल और सुखजिंदर रंधावा को भी जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। उन दोनों की सुरक्षा को जारी रखा गया है जबकि याची की सुरक्षा में कटौती की गई है।

ओपी सोनी के अतिरिक्त जिन 423 से अधिक लोगों की सुरक्षा में कटौती की गई है उन लोगों ने सुरक्षा में कटौती को हाईकोर्ट में चुनौती देना आरंभ कर दिया है। अकाली नेता वीर सिंह लोपोके ने भी सुरक्षा वापस लेने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए तत्काल दो सुरक्षा कर्मी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा है कि आखिर किस आधार पर सुरक्षा वापस लेने का निर्णय लिया गया और आखिर कैसे यह सूची सार्वजनिक हो गई है। पंजाब सरकार को अगली सुनवाई के दौरान इस बारे में सीलबंद रिपोर्ट सौंपनी होगी।



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