OPINION: योगी मॉडल के आगे टूट गए दशकों पुराने मिथक, ‘मंडल की राजनीति’ के अंत की शुरुआत


महेंद्र कुमार सिंह/नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा दोबारा सरकार बना रही है. करीब 37 साल बाद ऐसा होगा, जब कोई मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार प्रदेश की सत्ता संभालेगा. यह जीत ‘नए उत्तर प्रदेश’ की जीत है. ऐसा उत्तर प्रदेश, जिसने जाति व सम्प्रदाय की राजनीति को नकारते हुए विकास की राजनीति को चुना है. विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों से 90 के दशक से शुरू हुई ‘मंडल की राजनीति’ के अंत की शुरुआत हो चुकी है.

दूसरा महत्वपूर्ण संदेश यह है कि कई यूरोपीय देशों से बड़े इस 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी के ‘नाम और काम’ दोनों पर गहरी मुहर लगा दी है. भाजपा को दो तिहाई बहुमत से सत्ता पर पुनः स्थापित करना प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर आधारित ‘योगी मॉडल’ के प्रति अपार जनसमर्थन को भी दर्शाता है.

‘योगी मॉडल’ को समझने के लिए गोरक्षपीठाधीश्वर और नागपंथ को जानना अहम
विकास के ‘योगी मॉडल’ को समझने के लिए गोरक्षपीठाधीश्वर और नाथपंथ के बारे में जानना आवश्यक है. जाति, पंथ का भेदभाव मिटा कर सामाजिक समरसता की स्थापना और लोक-कल्याण ही नाथपंथ है और उसकी प्रमुख पीठ गोरक्षपीठ का ध्येय है. नाथपंथ के महंत के लिए राजनीति लोक-कल्याण का माध्यम है. बस इसी मंत्र में निहित है राजनीतिक इच्छाशक्ति, ईमानदार नेतृत्व और दृढ़ प्रशासक.

सुदृढ़ शासन व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान
नाथपंथ के इसी आधारभूत सिद्धांतों में रचा-बसा है योगी मॉडल. इस मॉडल ने प्रदेश में लाभार्थी वर्ग का ऐसा समूह तैयार किया, जिसने भाजपा को प्रदेश की सत्ता पर दोबारा आसीन करा दिया, लेकिन यह बिना सुदृढ़ शासन व्यवस्था के सम्भव नहीं था, जो योगी मॉडल की रीढ़ है. यहीं से जन्मा है निडर, निर्भीक प्रशासक जिसे आम लोगों ने अपनी भाषा में ‘बुलडोजर बाबा’ का नाम दे दिया.

आधुनिकता एवं परम्परा का तालमेल है योगी मॉडल
प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में योगी मॉडल उत्तर प्रदेश के चहुंमुखी विकास को गति दे रहा है. एक नए उत्तर प्रदेश का सृजन हो रहा है. योगी मॉडल में आधुनिकता एवं परम्परा का सम्मिश्रण है. अयोध्या, काशी, मथुरा और प्रयागराज सज रहे हैं और इन स्थलों को पर्यटन एवं व्यवसाय से जोड़ा जा रहा है. तो दूसरी तरफ एक्सप्रेस-वे का जाल बिछ रहा है. हजार करोड़ निवेश आ रहा है. औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त हो रहा है. योगी ने उत्तर प्रदेश की अक्षम एवं राजनीतिकरण से ग्रसित नौकरशाही पर नकेल कस कर, ट्रांसफर-पोस्टिंग इंडस्ट्री पर रोक एवं बिना हस्तक्षेप के कार्य करने की स्वतंत्रता देकर योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य किया, जिसे लोगों ने महसूस भी किया.

कोरोना महामारी में मजदूरों के मददगार बने सीएम योगी
वैश्विक महामारी कोविड के कुशल प्रबंधन में योगी एक ‘दार्शनिक राजा’ बन कर उभरे और आबादी की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य में जीवन और जीविका दोनों बचाने में सफल रहे. उनके कार्यकाल के दो साल कोविड महामारी से जूझते हुए बीते, लेकिन विकास की रफ्तार नहीं थमी. जब दिल्ली एवं मुंबई जैसे महानगरों ने कामगारों, मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया, सीएम योगी उनके सबसे बड़े मददगार बने और इस मुश्किल घड़ी में इन गरीबों के बीच मुफ्त राशन एवं खाते में सीधे कैश ट्रांसफर सुनिश्चित कर इनका दिल जीत लिया.

परिणाम की चिंता किये बगैर लोक-कल्याण के कार्य करते हैं योगी आदित्यनाथ
जनता का यह विश्वास ही है कि उसने लगातार 2019 एवं 2022 में पूरे दिल और दिमाग से योगी मॉडल और डबल इंजन की सरकार की कार्यशैली पर अपनी मुहर लगाई. गोरक्षपीठ के महंत आदित्यनाथ से जो परिचित हैं वह जानते हैं कि वो लोक-कल्याण के कार्य को अपनी पूरी क्षमता से करते हैं और परिणाम की चिंता हरगिज नहीं करते. शायद अपने कार्य पर ही पूरा विश्वास था कि योगी तमाम आशंकाओं एवं विरोधों के बावजूद कार्यकाल के पांच साल में कभी विचलित नहीं हुए.

सीएम योगी ने प्रदेश को विकास के नव क्षितिज पर पहुंचाया
विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड विजय यह सुनिश्चित करता है कि जनता ने योगी के विकास मॉडल को पूरे नंबर दिए हैं. जनता ने उस ‘कर्मयोगी’ को दोबारा चुना है, जिसने बिना रुके, बिना झुके और बिना डिगे निस्वार्थ भाव से प्रदेश को विकास के नव क्षितिज पर पहुंचाया है. यही वजह है कि योगी जैसा सिर्फ योगी ही हो सकते हैं.

(महेंद्र कुमार सिंह वरिष्ठ स्तंभकार है एवं दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक हैं.)

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)

Tags: Assembly elections, Uttar Pradesh Elections, Yogi adityanath



Source link

Enable Notifications OK No thanks