नई दिल्ली. एक तरफ तो मोदी सरकार किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना की 11वीं किस्त का पैसा ट्रांसफर करने की तैयारी कर रही है. वहीं, दूसरी ओर पहले गलती से ट्रांसफर किए गए हजारों करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी भी चल रही है.
दरअसल, सरकार की ओर से पात्र किसानों को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी होने के बावजूद लाखों अपात्र किसानों के खाते में योजना का पैसा ट्रांसफर हो गया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, लाखों किसानों के खातों में करीब 4,350 करोड़ रुपये गलत तरीके से ट्रांसफर हो गए हैं. केंद्र सरकार ने राज्यों को ऐसे अपात्र किसानों से पैसे वापस लेने का निर्देश दिया है.
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टैक्स देने वाले किसान भी ले रहे लाभ
केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी किए निर्देश में कहा है कि योजना का लाभ लेने वाले कई किसान ऐसे हैं जो इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. फिर भी अपने खाते में पैसे ट्रांसफर करा रहे. बावजूद इसके कि केंद्र सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि सिर्फ छोटे और सीमांत किसानों को ही योजना के तहत आर्थिक मदद दी जाए. इसके जरिये हर साल किसानों के खाते में सीधे 6,000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं.
केंद्र के निर्देशानुसार ही राज्य सरकारें लाभार्थियों का ब्योरा तैयार करती हैं और उनकी पहचान कर पैसे खाते में ट्रांसफर करती हैं. ऐसे किसान जो छोटे और सीमांत किसानों की श्रेणी में आते हैं, उनके परिवारों को ही योजना का लाभ दिया जाना है.
आपको भी गलती से मिला है पैसा तो ऐसे लौटाएं
अगर आपको भी बिना उचित पात्रता के पीएम किसान योजना का पैसा मिला है तो सरकार की रिकवरी से पहले आप खुद लौटा सकते हैं. इसके लिए आपको पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाना होगा. इसके बाद Refund विकल्प पर क्लिक कर आप अपना पैसा वापस सरकार के खाते में डाल सकते हैं.
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ऐसे किसानों को नहीं माना जाता पात्र
-जिन किसानों या उनके परिवार (पति, पत्नी, बच्चे) ने पिछले साल आयकर का भुगतान किया हो.
-किसी संवैधानिक पद पर रहे या मौजूद किसान अथवा उनके परिवार.
-संस्थागत भूमि धारक किसानों और उनके परिवार.
-सरकार या उसके अधीन किसी संस्था अथवा इकाई में मौजूदा कर्मचारी या रिटायर हो चुके कर्मचारियों को भी इसका पात्र नहीं माना जाता है. (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को छोड़कर)
-वकील, सीए, डॉक्टर, इंजीनियर अथवा उनके परिवार के सदस्यों को भी इसका लाभ नहीं दिया जाना है.
-ऐसे किसान या उनके परिवार जो पूर्व में अथवा मौजूदा समय में मंत्री, विधायक, सांसद, नगर निमग के मेयर रहे, उन्हें भी अपात्र माना जाएगा.
-रिटायर्ड पेंशनर्स जिनकी मासिक पेंशन 10 हजार रुपये से अधिक है.
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