Ranchi Violence: रांची हिंसा का यूपी कनेक्शन, सहारनपुर से आए थे उपद्रवी, जानें कैसे रची गई खतरनाक साजिश


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झारखंड की राजधानी रांची में भड़की हिंसा को लेकर अब कुछ बड़े खुलासे होने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार रांची पुलिस अगर मुस्तैद नहीं होती तो हिंसा और भी अधिक खतरनाक रूप ले सकती थी। मीडिया रिपोर्ट में इस हिंसा को लेकर जो खुलासे हुए हैं वे आपको हैरान कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस हिंसा को भड़काने के लिए उत्तर प्रदेश से फंडिंग की गई थी। यहां तक कि हिंसा को और उग्र रूप देने के लिए यूपी के सहारनपुर से करीब 100 से अधिक युवाओं को भेजा गया था। ये सभी युवा एक सप्ताह पहले ही रांची आ गए थे और खतरनाक साजिश रचनी शुरू कर दी थी। 

कुछ इस तरह से बनाई गई हिंसा की योजना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार जून से ही हिंसा को भड़काने के लिए याजना बनाई जाने लगी। बताया जा रहा है कि इस योजना को सफल बनाने के लिए यूपी के सहारनपुर से 12 लोगों की टीम चार और सात जून को रांची पहुंची थी। ये लोग मेन रोड में होटल रुके थे। यहां से फिर तीन टीमें बनाई गईं। एक टीम खूंटी भी गई थी। इन्होंने ही इलाही नगर, हिंदपीढ़ी और गुदड़ी में बैठक कर जुलूस निकालने और हिंसक प्रदर्शन करने के लिए युवाओं को भड़काया। युवाओं को कौम का वास्ता देकर पुलिस के खिलाफ पत्थरबाजी करने के लिए कहा गया। सभी ने सुनियोजित तरीके से पत्थर जमा किए। यहां तक कि आग लगाने के लिए पेट्रोल भी साथ में रखा था।

कम उम्र के युवाओं को भड़काया गया
सहारनपुर से आई टीम अब लोगों को तैयार करने के लिए मुस्लिमों के मुहल्ले में संपर्क करना शुरू कर दिया। हालांकि, इस दौरान कुछ लोगों ने आपत्ति भी जताई लेकिन खतरनाक साजिश की मंसूबा लेकर आए उपद्रवी मानने वाले कहां थे। उन्होंने 16-24 उम्र वाले युवाओं को उकसाना शुरू कर दिया। सभी को कौम का वास्ता देकर प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कहा। फिर क्या था सैंकड़ों युवा इनके झांसे में आ गए और हिंसा करने के लिए तैयार हो गए।

धर्म का हवाला देकर युवाओं को भड़काया
सहारनपुर से आए लोगों ने रांची के युवाओं से कहा कि यूपी में हमारे धर्म को टारगेट किया जा रहा है। हमें अपनी ताकत दिखानी होगी। पूरे देश में नमाज के बाद प्रदर्शन होंगे। यहां भी पूरी मजबूती के साथ हमें विरोध करना है। सभी मस्जिदों से जुलूस निकाले जाएं। इसके बाद कई युवा तैयार हो गए।

सोशल मीडिया को बनाया हिंसा का हथियार 
उपद्रवियों की टीम ने सोशल मीडिया पर मैसेज फैलाया कि शुक्रवार को नमाज के बाद डोरंडा रिसालदार बाबा मैदान, राजेंद्र चौक, रतन टॉकीज और छोटा तालाब के पास इकट्ठा हों। नूपुर शर्मा का पुतला फूंकना है। काला बिल्ला लगाकर आएं। इसके बाद झांसे में आए युवा वहां जमा हो गए और जमकर पत्थरबाजी की।

सीएम ने दिए हिंसा की जांच के आदेश
झारखंड के मुख्यमंत्री सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची में हुई हिंसा की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। सीएम ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की है। इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शनिवार को लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि कुछ ‘अवसरवादी ताकतों’ ने राज्य की राजधानी रांची में ‘संगठित’ तरीके से शांति भंग करने की साजिश रची। 

हिंसा में दो की मौत, दो दर्जन लोग घायल
अधिकारियों ने कहा कि पलामू, चतरा और पूर्वी सिंहभूम के जिला प्रशासन, रांची में हुई हिंसा के बाद से अलर्ट पर हैं। रांची में शुक्रवार को हुई हिंसा में दो लोगों की जान चली गई और कम से कम दो दर्ज दर्जन लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। 

असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी का आदेश
पलामू के उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि नागरिक और पुलिस अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए समन्वय से काम करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि ‘बाहरी ताकतों’ के साथ-साथ असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखने का आदेश जारी किया गया है। 

विस्तार

झारखंड की राजधानी रांची में भड़की हिंसा को लेकर अब कुछ बड़े खुलासे होने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार रांची पुलिस अगर मुस्तैद नहीं होती तो हिंसा और भी अधिक खतरनाक रूप ले सकती थी। मीडिया रिपोर्ट में इस हिंसा को लेकर जो खुलासे हुए हैं वे आपको हैरान कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस हिंसा को भड़काने के लिए उत्तर प्रदेश से फंडिंग की गई थी। यहां तक कि हिंसा को और उग्र रूप देने के लिए यूपी के सहारनपुर से करीब 100 से अधिक युवाओं को भेजा गया था। ये सभी युवा एक सप्ताह पहले ही रांची आ गए थे और खतरनाक साजिश रचनी शुरू कर दी थी। 

कुछ इस तरह से बनाई गई हिंसा की योजना

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चार जून से ही हिंसा को भड़काने के लिए याजना बनाई जाने लगी। बताया जा रहा है कि इस योजना को सफल बनाने के लिए यूपी के सहारनपुर से 12 लोगों की टीम चार और सात जून को रांची पहुंची थी। ये लोग मेन रोड में होटल रुके थे। यहां से फिर तीन टीमें बनाई गईं। एक टीम खूंटी भी गई थी। इन्होंने ही इलाही नगर, हिंदपीढ़ी और गुदड़ी में बैठक कर जुलूस निकालने और हिंसक प्रदर्शन करने के लिए युवाओं को भड़काया। युवाओं को कौम का वास्ता देकर पुलिस के खिलाफ पत्थरबाजी करने के लिए कहा गया। सभी ने सुनियोजित तरीके से पत्थर जमा किए। यहां तक कि आग लगाने के लिए पेट्रोल भी साथ में रखा था।

कम उम्र के युवाओं को भड़काया गया

सहारनपुर से आई टीम अब लोगों को तैयार करने के लिए मुस्लिमों के मुहल्ले में संपर्क करना शुरू कर दिया। हालांकि, इस दौरान कुछ लोगों ने आपत्ति भी जताई लेकिन खतरनाक साजिश की मंसूबा लेकर आए उपद्रवी मानने वाले कहां थे। उन्होंने 16-24 उम्र वाले युवाओं को उकसाना शुरू कर दिया। सभी को कौम का वास्ता देकर प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कहा। फिर क्या था सैंकड़ों युवा इनके झांसे में आ गए और हिंसा करने के लिए तैयार हो गए।

धर्म का हवाला देकर युवाओं को भड़काया

सहारनपुर से आए लोगों ने रांची के युवाओं से कहा कि यूपी में हमारे धर्म को टारगेट किया जा रहा है। हमें अपनी ताकत दिखानी होगी। पूरे देश में नमाज के बाद प्रदर्शन होंगे। यहां भी पूरी मजबूती के साथ हमें विरोध करना है। सभी मस्जिदों से जुलूस निकाले जाएं। इसके बाद कई युवा तैयार हो गए।

सोशल मीडिया को बनाया हिंसा का हथियार 

उपद्रवियों की टीम ने सोशल मीडिया पर मैसेज फैलाया कि शुक्रवार को नमाज के बाद डोरंडा रिसालदार बाबा मैदान, राजेंद्र चौक, रतन टॉकीज और छोटा तालाब के पास इकट्ठा हों। नूपुर शर्मा का पुतला फूंकना है। काला बिल्ला लगाकर आएं। इसके बाद झांसे में आए युवा वहां जमा हो गए और जमकर पत्थरबाजी की।

सीएम ने दिए हिंसा की जांच के आदेश

झारखंड के मुख्यमंत्री सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची में हुई हिंसा की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। सीएम ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की है। इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शनिवार को लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि कुछ ‘अवसरवादी ताकतों’ ने राज्य की राजधानी रांची में ‘संगठित’ तरीके से शांति भंग करने की साजिश रची। 

हिंसा में दो की मौत, दो दर्जन लोग घायल

अधिकारियों ने कहा कि पलामू, चतरा और पूर्वी सिंहभूम के जिला प्रशासन, रांची में हुई हिंसा के बाद से अलर्ट पर हैं। रांची में शुक्रवार को हुई हिंसा में दो लोगों की जान चली गई और कम से कम दो दर्ज दर्जन लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। 

असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी का आदेश

पलामू के उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि नागरिक और पुलिस अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए समन्वय से काम करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि ‘बाहरी ताकतों’ के साथ-साथ असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखने का आदेश जारी किया गया है। 



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