नई दिल्ली. रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने अपनी नीतिगत ब्याज दरों में लगातार 11वीं बार कोई बदलाव नहीं किया और यह 21 साल के निचले स्तर पर बनी हुई है. इसका सीधा मतलब है कि आपको भी बैंकों से सस्ता कर्ज मिलता रहेगा.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार सुबह जब मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक के नतीजे घोषित किए तो रेपो रेट में क बार फिर कोई बदलाव नहीं किया और इसे 4 फीसदी पर बनाए रखा. रेपो रेट अप्रैल, 2001 के बाद सबसे निचले स्तर पर है. यही कारण है कि बैंक भी होम, ऑटो और पर्सनल लोन की दरों को घटाए हुए हैं. अगर आप भी कार या अन्य कोई गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे तो इस समय सस्ते लोन का फायदा उठाने का सबसे सही मौका है.
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7 फीसदी से शुरू हो रहा ऑटो लोन
रेपो रेट दो दशक के निचले स्तर पर बने रहने से कार या अन्य वाहन खरीदने वालों को 7 फीसदी के मामूली ब्याज दर पर ऑटो लोन मिल रहा है. बैंक बाजार की वेबसाइट के मुताबिक, सबसे कम ब्याज पर ऑटो लोन बैंक ऑफ बड़ौदा ऑफर कर रहा है. इसकी शुरुआती ब्याज दर 7 फीसदी है. एसबीआई भी 7.20 फीसदी की शुरुआती ब्याज दर पर कार लोन ऑफर कर रहा है. इसी तरह, केनरा बैंक का कार लोन 7.30 फीसदी तो एक्सिस बैंक का 7.45 फीसदी से शुरू हो रहा है. फेडरल बैंक 8.50 फीसदी की दर से कार लोन दे रहा है.
क्या पुराने ग्राहकों को भी फायदा होगा
दरअसल, अधिकतर बैंक ऑटो लोन को फिक्स्ड रेट पर ही देते हैं. ऐसे में रेपो रेट में या अन्य किसी बाहरी बेंचमार्क में बदलाव का उसकी ब्याज दरों पर असर नहीं पड़ता है. अगर आपका लोन भी फिक्स्ड रेट पर चल रहा है तो रेपो रेट बदलने या कम होने का फायदा नहीं मिलेगा. हां, अगर फ्लोटिंग रेट पर ऑटो लोन भी मिल गया है तो आपको रेपो रेट में बदलाव होने का फायदा या नुकसान हो सकता है. अमूमन ऑटो लोन की अवधि 5-8 साल तक होती है.
पर्सनल लोन भी मिल रहा सस्ता
रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं होने से बैंक अपनी पर्सनल लोन की दरें भी घटाए हुए हैं. Bankbazar की वेबसाइट के अनुसार, एचडीएफसी बैंक सबसे कम 10.50 फीसदी की शुरुआती ब्याज दर पर पर्सनल लोन ऑफर कर रहा है. इसके अलावा एक्सिस बैंक 12 फीसदी, यस बैंक 13.99 फीसदी की सालाना ब्याज दर पर पर्सनल लोन दे रहा है. चूंकि, यह जोखिम वाला कर्ज होता है लिहाजा इसकी ब्याज दरें भी काफी ज्यादा रहती हैं. आपके क्रेडिट स्कोर के अनुसार ही बैंक इस लोन की ब्याज दरें तय करते हैं.
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ऐसे समझें मुनाफे का गणित
मान लीजिए आपने पुरानी कार का लोन 9 फीसदी की ब्याज पर लिया था और अब नई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो समान अवधि और राशि के लिए दोनों के कुल कर्ज में बड़ा अंतर आ जाएगा. मसलन आपने 10 लाख रुपये का कार लोन 5 साल के लिए 9 फीसदी ब्याज पर लिया था. ऐसे में आपको ब्याज के रूप में कुल 2,45,501 रुपये देने होंगे और आपकी ईएमआई 20,758 रुपये रहेगी.
अब अगर 10 लाख का लोन 7 फीसदी ब्याज पर 5 साल के लिए मिलता है तो आपकी घटकर 19,801 रुपये हो जाएगी. आपको पूरे टेन्योर में ब्याज के रूप में कुल 1,88,072 रुपये चुकाने होंगे. यानी सीधे तौर पर आपको 57,429 रुपये का फायदा होगा.
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