नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अर्थव्यवस्था को लेकर अपना नरम रुख बरकरार रखा है. MPC Meeting में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में लगातार 10वीं बार कोई बदलाव नहीं किया गया.
रिजर्व बैंक के फैसले के बाद ब्याज दरें अब भी नीचे बनी रहेंगी, क्योंकि रेपो रेट को 4 फीसदी पर फिर स्थिर रखने का फैसला किया गया है. इसी तरह, रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बनी रहेगी. कई विशेषज्ञ और बाजार विश्लेषक रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाने का अनुमान लगा रहे थे. हालांकि, सभी अनुमानों से परे रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
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दो साल से ही नहीं बदलीं दरें
आरबीआई ने करीब दो साल पहले रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में आखिरी बार कटौती की थी, जिसके बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो रेट अब भी करीब 20 साल के निचले स्तर पर बना हुआ है. रेपो रेट में आखिरी बार कटौती मई, 2020 में की गई थी. रेपो रेट पर ही बैंक अपने खुदरा कर्ज की ब्याज दरें तय करते हैं, जो आगे भी नीचे बने रहने का अनुमान है.
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अगले वित्तवर्ष में 7.8% विकास दर का दावा
रिजर्व बैंक ने चालू वित्तवर्ष में 9.2% के विकास दर अनुमान को बनाए रखा है, जबकि अगले वित्तवर्ष (2022-23) के लिए 7.8% विकास दर अनुमान का दावा किया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था न सिर्फ तेज सुधार की राह पर है, बल्कि इसमें स्थिरता भी आ रही है. इसकी विकास दर को बरकरार रखने के लिए अभी मौद्रिक नीतियों को नरम ही रखा जाएगा. पिछले महीने जारी इकोनॉमिक सर्वे में अगले वित्तवर्ष के लिए 8-8.5% विकास दर का अनुमान लगाया गया था, जबकि आरबीआई का अनुमान इससे कम है.
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