Bhojpuri में पढ़ें- पवन, खेसारी, रानी आ शक्ति कपूर करिहें स्क्रीन पर धमाका


भोजपुरी भी कइसे पीछे रहो. हाँ, ई बा कि भोजपुरी सिनेमा के पहिले जेतना संख्या में स्क्रीन मिलो, अब नइखे मिलत. काहें सिंगल, मल्टीप्लेक्स हर जगह एह बेरा साउथ सिनेमा छवले बा. चारु ओर एह घरी आर आर आर ना त केजीएफ के चर्चा बा. लोग थियेटर में ई फिल्म कई-कई बार देख के आ रहल बा.

हिन्दी के भी बड़ स्टार के फिल्म लाइन में लागल बा अउरी कई गो रिलीज भी हो गइल बा आ आवे वाला समय में रिलीज होखे वाला बा. पहिले अखबार के एगो पेज पर सिनेमा के इश्तिहार छपत रहे. ओ में देखला पर पता लागे कि बिहार झारखंड के अधिकांश सिनेमाघर में त भोजपुरी के ही फिलिम लागल बा. एक ओर मनोज तिवारी बाड़ें, त कहीं रवि किशन, त कहीं निरहुआ. फेर समय बीतल त पेज ओसहीं भरल रहे भोजपुरी फिल्मन के परचार से. 10 गो भोजपुरी फिल्मन के प्रदर्शन वाला पोस्टर आ सिनेमाघर के नाम के बीच एक दू गो हिन्दी फिलिम होखे. पवन सिंह, निरहुआ आ खेसारी लाल पोस्टर पर जगह पावे लगलें, फेर बाद में कल्लू, चिंटू आ यश कुमार के फोटो भी जुड़ल.

अखबार में फिल्मन के प्रचार त आजुओ छपत बा, हाँ अब सगरो पृष्ठ नइखे भर पावत. कारण कि सिंगल स्क्रीन थियेटर अब नाम मात्र के बचल बाटे आ मल्टीप्लेक्स के अधिकांश प्रोमोशन त सोशल मीडिया अउरी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ही हो जाला. कुछ दिन पहिले एगो अखबार में अइसने इश्तिहार देखे के मिलल जे में एगो भोजपुरी फिल्म के जिक्र रहे अउरी बाकि दोसर पोस्टर में साउथ आ हिन्दी आ ओकरा बाद हॉलीवुड के फिल्म के प्रदर्शन के बारे में बतावल रहे.

हमरा एह उदाहरण दिहला के मतलब बा कि भोजपुरी के स्क्रीन प्रेजेंस एक दम से घटल बा अउरी घटते जा रहल बा. फिर भी भोजपुरी के निर्माता-निर्देशक आ कलाकार लोग फिल्म त बनाइये रहल बा, रेवेन्यू के दुसर रास्ता भी तलाश कर रहल बा. चलीं आजकल भोजपुरी में कवन-कवन मुख्य फिल्मन के चर्चा हो रहल बा, उ देखल जाव.

पवन सिंह आ रविकिशन बहुत दिन बाद स्क्रीन शेयर कर रहल बा लोग फिल्म ‘मेरा भारत महान’ से. एह फिल्म के निर्देशक सत्येन्द्र तिवारी बाड़ें अउरी लेखक अरविन्द तिवारी. फिल्म के कहानी एगो युवक के बा जवन समाज में बढ़ रहल क्राइम के देख के हथियार उठा लेत बा. ओकरा गावे बजावे के भी शौक बा. फिल्म में एगो ईमानदार अउरी तेज तर्रार अफसर के रोल में बाड़ें रविकिशन. रवि किशन एगो अइसन अपराधी के तलाश में बाड़ें जवन लगातार हत्या कर रहल बा. बाकिर एह में ट्विस्ट ई बा कि उ हत्यारा के टारगेट बनत बाड़ें भ्रष्ट अउरी क्रूर लोग, नेता, अफसर, ठेकेदार, दबंग. रविकिशन के एगो डायलॉग बा, “एक हाथ में बाँसुरी अउरी दूसरा में हथियार, तू त कृष्णा अर्जुन बाड़s हो.” एह फिल्म के देशभक्ति के भी तड़का लगावल गइल बा. फिल्म ट्रेलर के अंतिम दृश्य में पवन सिंह के चंद्रशेखर आजाद के गेटअप में देखावल गइल बा, बाकिर जब उ स्लो मो में चलत आवत बाड़ें त उनके विएफएक्स से सिक्स पैक एब्स देखावल गइल बा जवन बहुत ही अटपटा लागत बा. एह से निर्माता निर्देशक के बचे चाहत रहल ह.

रानी चटर्जी के फिल्म आ रहल बा, लेडी सिंघम. रानी बहुत साल से सोलो फिल्म कर रहल बाड़ी. उनके अब बड़ सुपरस्टार के साथे जोड़ी नइखे बनत. एह फिल्म में गौरव झा उनके ऑपोजिट बाड़ें. फिल्म में शक्ति कपूर के विलेन के भूमिका बा. उनके एगो संवाद बा – “जिंदगी ने दिए बहोत धोखे, इट्स ओके, इट्स ओके, इट्स ओके…”. ई हमरा क्रिएटिव लगुए. फिल्म के फिल्मांकन आ प्रोडक्शन बहुत सस्ता बा, ई हर सीन में लउकत बा, निर्देशन आ एडिटिंग भी कच्चापन लउकत बा. शायद बजट के कमी एकर कारण होखे. भोजपुरी फिल्म आपन गुणवत्ता नइखे बढ़ावत उ बड़ स्टार के फिल्म होखे भा छोट के. ई बड़ कमी बा.

यशी फिल्म्स के लंदन प्रेम त जगजाहिर बा, फेर से ओकर झलक मिले वाला बा. खेसारी लाल यादव आ मधु गुप्ता साथ में एगो ब्रिटिश अभिनेत्री – गायिका ग्रेस रोड्स के भूमिका वाला फिल्म ‘दुल्हनिया लंदन से लाएंगे’. एह फिल्म के निर्देशक बाड़ें रजनीश मिश्रा. रजनीश आ खेसारी के जोड़ी कई गो सफल फिल्म साथे ले आइल बा. एह फिल्म के कहानी में कई गो ट्विस्ट बा, जवना स्क्रीन पर देखला के बाद समझ में आई. बाकिर मोटा मोटी कहानी ई बा कि एगो लइकी घर छोड़ के भागल बिया लंदन, ओकरा पीछे एगो लइका पहुंचत बा. उ पहिले एगो बिदेशी लइकी के प्यार में पड़त बा, फेर जवन लड़की गाँव से भागल रहत बिया ओकरा प्यार में. दुनू के प्यार होता तबतक लइकी के पिता ओकर बियाह ओ लइका से तय कर देत बाड़ें जेकरा प्यार में पड़ के उ भागल बिया. इहवें लव ट्राएंगल बनत बा अउरी फिल्म के क्लाइमैक्स आवत बा.

एह सबमें गायक प्रमोद प्रेमी के फिल्म कलेक्टर साहब हमके अपना कहानी से प्रभावित कइले बा. फिल्म के कहानी बा एगो लइका के जवन कलक्टर बने चाहत बा. ओकर उमिर हो गइल बा बाकिर कलक्टरी नइखे निकलल. बेचारा पढ़े में गुड़ गोबर बा बाकिर घर वाला के दबाव में उ तैयारी कर रहल बा. एक दिन उ अखबार में छपवा देत बा कि उ कलेक्टर बन गइल. बस जवना लइकी से प्यार करत बा, ओकरा से बियाह हो जात बा बाकिर घर वालन के असलियत पता चल जात बा अउरी ओकर एगो गलती से सब तहस नहस हो जात बा. फिल्म के शुरुआत के कहानी अच्छा बा, एकरा के लव ऐंगल ना बना के दोसर मोड दिआइल रहित त फिल्म अउर बढ़िया बनित.

(लेखक मनोज भावुक भोजपुरी साहित्य और सिनेमा के जानकार हैं.)

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