दिल्ली में रिकार्ड तोड़ गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। चिलचिलाती गर्मी न सिर्फ लोगों का बीपी बढ़ा रही है बल्कि घबराहट, कमजोरी, चक्कर आने जैसी शिकायतें लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। लोग डिहाईड्रेशन और खासतौर से पेट के संक्रमण की चपेट में आकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
राजधानी के अलग अलग अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार बीते तीन दिन में ही मरीजों की संख्या में करीब 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या में करीब 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. तरुण कुमार ने बताया कि गर्मी की वजह से लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं की संख्या भी काफी है। उन्होंने कहा कि लोग जब भी घर से बाहर निकलें, भोजन या नाश्ता करके ही निकलें। खाली पेट धूप में चलने से काफी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा दिन भर में थोड़ा थोड़ा पानी पीते रहें। ताकि शरीर में डिहाइड्रेशन की शिकायत न हो।
वहीं लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अगर मौसम का मिजाज इस कदर आगे के कुछ दिनों में कायम रहा तो अस्पतालों में मरीजों की और भी ज्यादा भीड़ बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक जानलेवा भी हो सकता है। इसके मरीज बेहोश हो जाते हैं। अगर व्यक्ति बेहोश हो जाए और उसे हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखें तो तुरंत उसे अस्पताल ले जाएं। उन्होंने लोगों को बचाव की सलाह देते हुए कहा कि शुगर का कम इस्तेमाल, धूप से तौबा, कैफीन और शराब से दूरी, हल्के रंग के कपड़े और पानी का खूब सेवन गर्मी के प्रकोप को दूर रख सकता है। घर से बाहर निकलते समय छाते, टोपी या कपड़े से खुद को पूरी तरह कवर कर लें।
जिन्हें पहले से बीमारी, उन्हें और जरूरी सावधानी
डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों को पहले से बीमारियां हैं उन्हें और अधिक सावधानी की जरूरत है। घर से निकलने से पहले भोजन या नाश्ता करें और फिर दवा का सेवन करने के बाद ही ऑफिस के लिए निकलें। इसके अलावा शाम तक वापस घर पहुंचते तक बाहरी चीजों का सेवन न करें।
आंखों पर काला चश्मा, चेहरा पूरा कवर
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. सरिता का कहना है कि घर से बाहर निकलते वक्त आंखों पर काला चश्मा जरूर पहनें। दिल्ली में तापमान के साथ साथ प्रदूषण भी आंखों को काफी नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा चेहरे को पूरी तरह से कवर करें और धूप में निकलने से पहले पूरे शरीर को ढ़के। कपड़ों में इस समय कॉटन और हल्के रंगों का चयन अधिक करें।
इन लक्षणों का रखना पड़ेगा ध्यान
-जरूरत से ज्यादा पसीना
-ब्लड प्रेशर में कमी
-मांशपेशियों में ऐंठन
-डिहाइड्रेशन के साथ मितली, चक्कर, कमजोरी और सुस्ती
(इन लक्षणों के दौरान पीड़ित कभी-कभी बेहोश भी हो जाता है।)
हीट स्ट्रोक के दौरान क्या होता है
-त्वचा गर्म और शुष्क हो जाती है
-शरीर का तापमान 104 डिग्री या अधिक होना
-दिल की धड़कन और सांसें तेज या कम होना
-अचानक बेहोशी छा जाना
-रक्त वाहिकाओं का कसना
-यह शरीर के पहले से ही कम हो चुके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का प्रयास करता है।
बचाव के लिए जरूरी उपाय
-संभव हो तो पीड़ित व्यक्ति को स्नान कराएं या ऐसा नहीं है तो उसे गीली बेडशीट में लपेंटें
-पीड़ित सचेत हो तो उसे हाइड्रेटेड करना चाहिए और पानी पिलाना चाहिए
-इस अवस्था में खून गाढ़ा हो जाता है। ऐसे में पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर तरल चीजें दें।
-मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है
लू ने भी तोड़ा 5 साल का रिकॉर्ड
दिल्ली में अप्रैल की बढ़ती तपिश हर दिन नए रिकॉर्ड बना रही है। लगातार पांच दिन तक चली लू ने पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। मौसम विभाग का कहना है कि इससे पहले अप्रैल 2017 में छह दिनों तक लू चली थी। इसके बाद 2018 व 2019 में एक-एक दिन लू चली। जबकि 2020 व 2021 का अप्रैल लू विहीन रहा। अब 2022 के 11 दिनों में ही पांच दिन दिल्लीवालों ने लू को झेला है। अभी का जो अनुमान है कि उसके हिसाब से आगे भी गर्मी कम होने की आसार नहीं दिख रहे हैं। इस हिसाब से इस अप्रैल की गर्मी कहर ढाने जा रही है।