Russia-Ukraine Crisis : जानें क्‍यों धीमी है Indian Economy में सुधार की रफ्तार, क्‍या रूस-यूक्रेन संकट से और बढ़ेगी महंगाई


नई दिल्ली. महामारी की तीसरी लहर के प्रभाव से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के सुधार की रफ्तार अभी धीमी है. पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए जीडीपी की वृद्धि दर उतनी तेज नहीं है, जितनी होनी चाहिए. इसकी कई वजहें हैं. इस साल की शुरुआत में ओमिक्रॉन के मामलों में बढ़ोतरी के कारण कारोबारी गतिविधियों में रुकावट आई, जिससे सुधार को झटका लगा. अब रूस के यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis ) पर आक्रमण के बीच वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का जोखिम बढ़ गया है.

आज यानी सोमवार को आने वाले सरकार के जीडीपी के आंकड़ों (GDP Data) से पहले ब्लूमबर्ग के सर्वे अनुमान के मुताबिक, 31 मार्च 2022 तक देश की आर्थिक वृद्धि दर 9.1 फीसदी तक पहुंच सकती है. यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में जीडीपी की सबसे तेज वृद्धि है. हालांकि, यह सांख्यिकी मंत्रालय के पिछले महीने के 9.2 फीसदी के अनुमान के मुकाबले थोड़ी धीमी है. इसकी प्रमुख वजह महामारी की तीसरी लहर और बाहरी जोखिम है. रूस-यूक्रेन संकट की वजह से बढ़ रहीं कमोडिटी की कीमतें भी इसके लिए जिम्मेदार हैं.

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निवेश और रोजगार को लगेगा झटका

आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के अर्थशास्त्री समीर नारंग का कहना है कि जीडीपी की धीमी वृद्धि दर से निवेश और रोजगार को झटका लग सकता है. महंगाई के कारण राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के मोर्चे पर दबाव बढ़ रहा है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार धीमी है. ओमिक्रॉन के प्रभाव की वजह से भी कारोबार पर असर पड़ रहा है. भू-राजनीतिक तनाव भी जोखिम बढ़ा रहा है.

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महंगाई के साथ खपत पर दिखेगा असर

रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रूड ऑयल की उच्च कीमतें महंगाई के आउटलुक को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं. इससे लोगों की कमाई पर असर पड़ेगा, जहां निजी खपत जीडीपी की करीब 60 फीसदी है. इससे न सिर्फ चालू खाते का घाटा बढ़ेगा बल्कि रुपये पर दबाव बढ़ेगा. पिछले सप्ताह 11 एशियाई मुद्राओं में रुपये का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है.

विकास दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान

आज आने वाले तिमाही आंकड़ों के मुताबिक, 2021 की आखिरी तिमाही में विकास दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान है. 2020 की समान अवधि में यह आंकड़ा 8.4 फीसदी रहा था. इससे पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मूल्य श्रृंखलाओं को महामारी और अन्य गड़बड़ियों के कारण चुनौतियों और खतरों का सामना करना पड़ रहा है. इससे न सिर्फ भारत की मुश्किलें बढ़ रही हैं बल्कि दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थआओं पर भी इसका असर दिख रहा है.

Tags: Crude oil prices, GDP growth, Indian economy, Inflation

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