रूस-यूक्रेन युद्ध: रूसी सेना अब पूर्वी यूक्रेन पर हमले की तैयारी में, अधिकारियों ने लोगों से दोनबास से बाहर निकलने की अपील की


रूस-यूक्रेन युद्ध के 43वें दिन मैरियूपोल के मेयर वाद्यिम बोइचेंको ने पहली बार माना है कि यहां अब तक 5,000 लोग मारे जा चुके हैं और यह बंदरगाह शहर रूसी सैनिकों के कब्जे में है। उधर, एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि रूस ने उत्तर में कीव व चेर्निहीव क्षेत्रों से 24,000 से ज्यादा सैनिक वापस बुलाकर उन्हें बेलारूस या रूस भेजकर पुनर्गठित किया जा रहा है, ताकि दोनेस्क पर हमला कर सकें।

मैरियूपोल के मेयर का बयान ऐसे वक्त में आया है जब यूक्रेन अपनी राजधानी कीव के आसपास के कस्बों में नागरिकों की बर्बर हत्या के सुबूत जुटा रहा है। यहां रूसी सैनिकों ने वापसी से पहले नागरिकों की अंधाधुंध हत्या की और अब इन कस्बों से शवों को उठाया जा रहा है। इस बीच, शीर्ष अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि वापस आए रूसी सैनिकों को पूर्वी हिस्से में लड़ाई के लिए भेजे जाने की आशंका है। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने देर रात देश को संबोधित करते हुए चेताया कि रूसी सेना पूर्वी हिस्से में नए हमले कर सकती है और हम लड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे। रूस का लक्ष्य दोनबास को आजाद कराना है।

हमले से पहले दोनबास के लोग बाहर निकलें
यूक्रेनी अधिकारियों ने दोनबास में रहने वाले लोगों से आग्रह किया कि वे रूसी हमले से पहले समय रहते वहां से बाहर निकल जाएं। यूक्रेनी उप प्रधानमंत्री इरीना वेरेशचुक ने कहा कि “बाद में हम घिर जाएंगे और आपकी मदद के लिए कुछ नहीं कर पाएंगे।”

यूक्रेनी विदेश मंत्री का नाटो से हथियार मुहैया कराने का आग्रह
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने नाटो से उनके युद्धग्रस्त देश को हथियार मुहैया कराने का आग्रह किया है। नाटो मुख्यालय में सैन्य संगठन के विदेश मंत्रियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, मेरा उद्देश्य बेहद सामान्य है, और यह है हथियार, हथियार और बस हथियार। उन्होंने कहा, हमें लड़ना आता है। हमें जीतना भी आता है, लेकिन यू्क्रेन जो मांग कर रहा है उसकी सतत और पर्याप्त आपूर्ति के बिना जीत बहुतों की कुर्बानियां ले लेगी।

रूस 10 निकासी मार्गों के लिए राजी : यूक्रेन
यूक्रेनी उप प्रधानमंत्री इरीना वेरेशचुक ने कहा है कि रूसी सेना उनके देश के तीन पूर्वी क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षित तौर पर निकासी के लिए बृहस्पतिवार को 10 मानवीय गलियारों पर सहमत हुई। आगामी दिनों में यूक्रेन के औद्योगिक पूर्वी क्षेत्र पर कब्जे के लिए रूस सैन्य हमले तेज कर सकता है।

चीन को दो टूक : अमेरिका बोला- रूसी समर्थन पर लगेंगे आर्थिक प्रतिबंध
अमेरिका ने चीन को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर वह रूस का साथ इसी तरह से देकर उसे भौतिक मदद देता रहा, तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमेन ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस पर लगे प्रतिबंधों से चीन को इसके परिणामों की अच्छी समझ मिलनी चाहिए। रूस पर पाबंदियां चीन के नेता शी जिनपिंग के लिए एक उदाहरण के रूप में है।

भारत की बूचा नरसंहार पर निंदा की प्रशंसा
बूचा नरसंहार की भारत द्वारा निंदा किए जाने का अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जॉन कोर्निन ने स्वागत किया और इसे देश का सख्त होता रुख बताया। अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर जॉन कोर्निन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान से भारत के दूर रहने की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति की टिप्पणियों को टैग करते हुए ट्वीट किया कि दोस्तों की प्रतिक्रिया का स्वागत है।

भारत के रूस से आर्थिक रिश्ते हैं इसे सियासी रंग नहीं देना चाहिए
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारत ने रूस के साथ आर्थिक रिश्ते कायम किए हैं और इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। दरअसल यूक्रेन-रूस युद्ध के बावजूद मॉस्को के साथ भारत के कारोबारी रिश्ते को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना पर विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भारत रूस के साथ अपने रिश्ते को लेकर शुरू से स्पष्ट रहा है। यहां तक कि यूरोप द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने पर भी। उन्होंने कहा कि मौजूदा यूक्रेन संकट के बावजूद हमारा ध्यान रूस से हमारे रिश्ते पर है।

पीओके, गिलगिट बाल्टिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों की निगरानी कर रहा यूरोपीय संघ
यूरोपीय संघ ने बुधवार (स्थानीय समयानुसार) को कहा कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों की निगरानी कर रहा है। यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के विदेश मामलों की समिति के सचिव जमील मकसूद ने 22 फरवरी को यूरोपीय संघ के उपप्रमुख डेरेन डेरया को पत्र लिख कर पीओके व गिलगिट-बाल्टिस्तान के हालात पर सवाल किए थे।
 
मकसूद का पत्र सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड पीस एडवोकेसी के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को दिए उस बयान पर आधारित था जिसमें इन दोनों क्षेत्रों में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों का जिक्र किया गया था। डेरेन ने कहा, यूरोपीय संघ स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। हम भारत और पाकिस्तान के बीच एक शांतिपूर्ण और पारस्परिक रूप से सहमत राजनीतिक समाधान में विश्वास करते हैं, जिसमें पीओके में कश्मीरी आबादी के हितों का सम्मान हो।

रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार, दोनों पक्ष सभी नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करने के लिए बाध्य हैं। मानवाधिकारों के उल्लंघन और दुरुपयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निष्पक्ष, स्वतंत्र, त्वरित और पारदर्शी जांच की आवश्यकता होती है। यूरोपीय संघ सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के संरक्षण पर जोर देता है।



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