कन्नूर: पश्चिम बंगाल (West Bengal) से सात बार सांसद रहे और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता राम चंद्र डोम ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नीति बनाने वाली शीर्ष इकाई पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाए जाने पर इसे बड़ी जिम्मेदारी बताया है.
रविवार को यहां संपन्न हुई माकपा की 23वीं पार्टी कांग्रेस ने सीताराम येचुरी को लगातार तीसरी बार अपना महासचिव चुना है. इसके अलावा 17 सदस्यीय पोलित ब्यूरो का चयन किया गया जिसमें डोम भी शामिल हैं.
माकपा के गठन के बाद से डोम पोलित ब्यूरो में पहली बार दलित प्रतिनिधि बने, लेकिन पेशे से 63 वर्षीय डॉक्टर ने कहा कि उनका चयन वाम दल में नेताओं के चुनाव की स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा है.
डोम ने कहा, ‘‘यह नेताओं को चुनने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इसमें कुछ भी नया नहीं है. यह धारणा सही नहीं है कि माकपा ने अभी अभी एक दलित नेता को पोलित ब्यूरो में शामिल किया है, क्योंकि दलित, आदिवासी पिछड़े समुदायों के सैकड़ों साथी माकपा के साथ काम कर रहे हैं और वे हमारी पार्टी की नींव हैं. वे मजदूर वर्ग के हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह अब मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है.’’ पश्चिम बंगाल में पार्टी की स्थिति के बारे में बात करते हुए डोम ने कहा कि वाम दल को लोगों के साथ काम करने और वहां फासीवादी ताकतों से लड़ने की जरूरत है.
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