Equity Mutual Fund : Stock Market में उतार-चढ़ाव का ऐसे उठाएं लाभ, जानें कहां करें निवेश


नई दिल्ली. पिछले कुछ समय से वैश्विक और घरेलू शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. रूस-यूक्रेन संकट के बाद दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आई है. भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे तेल में तेजी को देखते हुए निवेश इस समय शेयर बाजार में निवेश से अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं. हालांकि, अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) में निवेश करते हैं तो उतार-चढ़ाव के इस दौर में मुनाफा कमा सकते हैं.

टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन का कहना है कि रूस ने जिस दिन यूक्रेन पर हमला किया, उस दिन सेंसेक्स में 2,702 अंकों की गिरावट आई थी. उसके एक दिन बाद ही घरेलू बाजार में तेजी देखी गई. पिछले सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 3.41 फीसदी टूट गया. ऐसे में अगर आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो एक निवेशक के रूप में अपने जोखिम का आकलन जरूर करें.

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जोखिम का आकलन जरूर करें
इक्विटी म्यूचुअल फंड पूरी तरह जोखिम के अधीन है और यह पूरी तरह बाजार जोखिम पर निर्भर रहता है. इसका मतलब है कि बाजार में जब भी गिरावट आती है तो निवेशकों का पोर्टफोलियो घट जाता है, जबकि तेजी के दौर में उन्हें मुनाफा होता है. इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए वित्तीय अनुशासन जरूरी है. इसके तहत एसेट एलोकेशन के साथ समय-समय पर अपने पोर्टफोलिया की समीक्षा जरूर करनी चाहिए. इससे न सिर्फ निवेश सुरक्षित रहता है बल्कि बेहतर रिटर्न भी मिलता है.

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अलग-अलग कैटेगरी में करें निवेश
इक्विटी म्यूचु्अल फंड की अलग-अलग कैटेगरी होती है. यह स्मॉलकैप, मिडकैप, लार्जकैप और मिक्स्ड कैप हो सकता है. अगल-अलग कैटेगरी के म्यूचुअल फंड के लिए एसेट अलोकेशन अलग-अलग होता है. निवेशक कितना जोखिम उठा सकता है या उठाना चाहिए, उस आधार पर ही फंड का चुनाव करना चाहिए. बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम से बचने के लिए निवेशकों के लिए जरूरी है कि वे अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं. इसका मतलब है कि अपने पोर्टफोलियो में मिडकैप, स्मॉल कैप, लार्ज कैप सबको जगह दें.

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बाजार में गिरावट तो स्मॉलकैप पर जोर
बाजार में जब उतार-चढ़ाव का दौर शुरू होता है तो तेजी और गिरावट दोनों समय म्यूचुअल फंड के यूनिट पर असर होता है. हालांकि, लार्जकैप फंड पर असर कम होता है, जबकि स्मॉलकैप में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखा जाता है. ऐसे में निवेशक उतार-चढ़ाव बढ़ने पर स्मॉलकैप, मिडकैप और लार्जकैप में अपना निवेश घटा-बढ़ा सकते हैं. बाजार में जब गिरावट आए तो स्मॉलकैप में निवेश बढ़ा सकते हैं. तेजी आने पर यह ज्यादा रिटर्न दे सकता है.

लंबी अवधि के लिए करें निवेश
निवेश सलाहकारों का कहना है कि म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश पर जोर देना चाहिए. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करते हैं तो कई गुना रिटर्न मिल सकता है और आपका जोखिम घट जाता है. निवेश के दौरान फंड की समीक्षा जरूरी है, लेकिन रोजाना आधार पर ऐसा करने से तनाव बढ़ जाता है. इसलिए एक साल में तीन से चार बाक अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें. लंबी अवधि के लिए इंतजार करने पर शानदार रिटर्न मिल सकता है.

सही निवेश का गणित
म्यूचुअल फंड में निवेश का ’15 गुना 15 गुना 15′ का एक नियम होता है. यह सुझाव देता है कि म्यूचुअल फंड में अगर आप 15 साल या इससे अधिक समय तक निवेश करते हैं तो आपको 15 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है और आप करोड़पति बन सकते हैं. म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर के मुताबिक, अगर आप 15 साल तक 15-15 हजार रुपये निवेश करते हैं तो 15 वर्ष बाद मैच्योरिटी पर आपको एक करोड़ की राशि मिलेगी.

डर के मारे शेयर बेचने की नामसझी न करें
एलकेमी कैपिटल मैनेजमेंट के निदेशक हिरेन वैद का कहना है कि शेयर बाजार जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें निवेशकों को डर के मारे और नासमझी में अपने शेयर नहीं बेचने चाहिए. इतिहास गवाह है कि पहले भी भू-राजनीतिक तनाव और युद्ध के कई मौकों पर बाजार धाराशायी जरूर हुआ, लेकिन फिर तेजी से वापसी भी की. इसलिए एक निवेशक के लिहाज से किसी भी संकट के समय शेयरों की अंधाधुंध बिक्री नासमझी है. ऐसा तभी करना चाहिए, जब बहुत जरूरी हो अन्यथा उल्टा असर भी पड़ सकता है.

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