यासीन मलिक की सजा के विरोध में हो सकता है बड़ा आतंकी हमला, खुफिया विभाग ने जारी किया बड़ा अलर्ट


नई दिल्ली. अलगाववादी नेता यासीन मलिक को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को बड़ा अलर्ट जारी हुआ है. यह अलर्ट देश के खुफिया विभाग की तरफ़ से जारी किया गया है. करीब 6 से 7 संवेदनशील अलर्ट सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के अलावा दिल्ली पुलिस को मिले हैं, जिसमें बकायदा लिखा गया है की दिल्ली की तिहाड़ जेल नंबर 7 के एक अलग वार्ड में बंद अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा के विरोध में दिल्ली एनसीआर में आतंकी हमले को अंजाम दिया जा सकता है.

देश की राजधानी और NCR आतंकियों के निशाने पर है. अलर्ट के मुताबिक, जिस दिन यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने दोषी करार दिया था. उसी दिन से लगातार दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट जारी कर बताया गया है, कि यासीन मलिक को दोषी करार दिए जाने के विरोध में उसके हार्ड कोर समर्थक और उसके करीबी आतंकी संगठनों के प्रमुख सीमा पार से दिल्ली एनसीआर में आतंकी हमले का प्लान बनाये हुए हैं, जिसको लेकर दिल्ली एनसीआर में एंटी टेरर मेजर लिए जाये. खासकर टू व्हीलर पर नजर रखी जाए जो बिना नंबर प्लेट या संदिग्ध नंबर प्लेट से जुड़ी नजर आए. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल इस अलर्ट के बाद मुस्तैद है.

बुरहान वानी एनकाउंटर के 30 मिनट बाद ही मुझे गिरफ्तार कर लिया: मलिक कोर्ट रूम में 

बता दें की NIA ने यासीन मलिक के लिए फांसी की मांग की है. जिसके बाद कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा, ”बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद 30 मिनट के अंदर ही मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे पासपोर्ट आवंटित किया और मुझे भारत ने व्याख्यान देने की अनुमति दी, क्योंकि मैं अपराधी नहीं था. यहां तक ​​कि न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले से पहले मलिक के खिलाफ कोई मामला या मुकदमा नहीं चल रहा था.

एनआईए ने धारा-121 के तहत अधिकतम सजा की मांग की है. अधिकतम सजा मौत तक, फांसी दी जानी है. इस धारा के तहत न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है.

मलिक ने कहा- 1994 के बाद मैंने गांधी जी के सिद्धांत अपना लिये

मलिक ने यह भी कहा कि 1994 में हथियार छोड़ने के बाद मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन किया है. और तब से मैं कश्मीर में अहिंसक राजनीति कर रहा हूं. कोर्ट रूम में यासीन ने कहा कि 28 सालों में अगर मैं कही आतंकी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं, इंडियन इंटेलिजेंस अगर ऐसा बता दे तो मैं राजनीति से भी सन्यास ले लूंगा, फांसी मंजूर कर लूंग. 7 पीएम के साथ मैंने काम किया है.

बता दें कि एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों में  मलिक को दोषी ठहराया था. पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश ने एनआईए अधिकारियों को उनकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया था, जिससे जुर्माने की राशि निर्धारित की जा सके.

इससे पहले 10 मई को मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है. उसने अपना जुर्म कबूल लिया था. मलिक इस वक्त दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.

क्या हैं आरोप?

यूएपीए के तहत कई मामले दर्जधारा 16 आतंकवादी गतिविधि।धारा 17 आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना।धारा 18 आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना।धारा 20 आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना।भारतीय दंड संहिताधारा 120-बी आपराधिक साजिश।धारा 124-ए देशद्रोह।

साल 2017 की हिंसा से जुड़ा है मामला

आतंकी बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत के बाद साल 2016-2017 में कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ी थीं. इसके बाद जांच एजेंसी एनआईए ने यासीन मलिक और अन्य अलगाववादियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था.

ये हैं अन्य आरोपी

फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर सहित अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेता.

आरोप पत्र में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का भी नाम था. जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है. यासीन मलिक सजा को लेकर उनकी पत्नी मुशाल ने पाकिस्तान में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.

Tags: Jammu and kashmir, Kashmir Terror, NIA Court, Terror Funding



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