ये है अनोखा फ्रिज! बिना बिजली के करता है काम, कोविड वैक्सीन को रखेगा सेफ और सैनिकों को मिलेगा ठंडा पानी


नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के एक छात्र ने सोलर एनर्जी से चलने वाला एक रेफ्रिजरेटर बनाया है। इसका इस्तेमाल राज्य में मौजूद ग्रामीण अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में जीवन रक्षक दवाओं और COVID-19 वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए किया जा सकता है। COVID-19 वैक्सीन की बड़े पैमाने पर बर्बादी को लेकर काफी प्रयास किए जा रहे हैं और इसी प्रयास में यह एक हिस्सा होगा। अब पूरे उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों में इस तरह की समस्या नहीं रहेगी। क्योंकि इस तरह की जगहों पर बिजली की कमी होती है। ऐसे केंद्र अब बिजली के डिवाइसेज का इस्तेमाल किए बिना कुशलता से काम कर सकेंगे।

एक्सिस कॉलेज, कानपुर के बी.टेक तृतीय वर्ष के छात्र समरजीत सिंह ने स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली की कमी का समाधान खोजा है, जहां सोलर एनर्जी से चलने वाले रेफ्रिजरेटर जीवन रक्षक दवाओं और टीकों को सुरक्षित रख सकते हैं। इनका दावा है कि यह डिवाइस ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने इस डिवाइस के पेटेंट के लिए भी अप्लाई किया है।

साथ ही यह भी कहना है कि सौर ऊर्जा, जो पर्यावरण की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, अब ग्रामीण अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं को सुरक्षित रकने में अहम भूमिका निभाएगी। जहां भी बिजली और अन्य संसाधनों की समस्या होती है, ऐसे क्षेत्रों में यह रेफ्रिजरेटर सौर ऊर्जा की मदद से काम कर सकता है। समरजीत ने कहा, “मैंने एक सोलर रेफ्रिजरेटर बनाया है। मैंने कंप्रेसर का इस्तेमाल किए बिना इस डिवाइस का प्रोटोटाइप बनाया है।”

उनका कहना है कि इस सोलर डिवाइस को एक बोर्ड पर रखा गया है और इसमें सोलर प्लेट के साथ-साथ इसमें लगी बैटरी भी लगी हुई है। कंप्रेसर की जगह थर्मोइलेक्ट्रिक का इस्तेमाल किया गया है। बिजली की आपूर्ति के समय, रेफ्रिजरेटर में तापमान का अंतर पैदा होगा, जिसके बाद डिवाइस का तापमान कम हो जाएगा।

सौर पैनल को चार घंटे तक चार्ज करने पर सौर ऊर्जा से चलने वाला रेफ्रिजरेटर लगभग 12 घंटे तक आसानी से काम कर सकेगा। इस रेफ्रिजरेटर में एक अतिरिक्त बैटरी दी गई है, जो सौर ऊर्जा के डिस्चार्ज होने पर भी इसे चार्ज करेगी। यह डिवाइस पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इसकी क्षमता 5 लीटर है। यह हल्का है और साथ ही एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है।

रेफ्रिजरेटर को काम कराने के लिए बिजली की आपूर्ति की आवश्यकता नहीं है, जिसकी लागत लगभग 3,000 से 3,500 रुपये है। समरजीत ने आगे कहा कि सौर पैनल से चलने वाला रेफ्रिजरेटर खराब कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में देश की रक्षा करने वाले सेना के जवानों के लिए भी फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि इस डिवाइस के जरिए सुरक्षा बलों को ठंडा पानी मिल सकेगा और वो पी सकेंगे और हेल्दी खाना खा सकेंगे।

देश की रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों के लिए इस रेफ्रिजरेटर के अंदर इंजेक्शन और दवाओं के साथ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ भी सुरक्षित रखे जा सकते हैं। एक्सिस कॉलेज, कानपुर के निदेशक आशीष मलिक ने कहा कि यह अनूठा डिवाइस बिजली के इस्तेमाल के बिना ही चिकित्सा और सैन्य उद्देश्यों के लिए बेहद फायदेमंद है। यह बहुत सस्ता और सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने वाली डिवाइस है।

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