Air Quality के बारे में सोचने का यह सही समय है! यहां मिलेगा हर सवाल का सटीक का जवाब


नई दिल्ली। अगर हमारे शहर में प्रदूषण है, तो हमें हमेशा फिक्र रहती है। यह हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है। हमें अहसास हो या न हो, पर एयर पॉल्यूशन से हम सभी प्रभावित होते हैं। भारतीय परिवारों में एयर पॉल्यूशन को नजरंदाज कर दिया जाता है पर इसके जोखिमों को कम व खत्म करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने जी जरूरत है। लेकिन सवाल यह है कि इस मामले में लोग कितना जागरुक हैं? इन सवालों का जवाब डायसन में डिजाइन मैनेजर, एनवायरनमेंटल केयर, मुजफ्फर इजामुद्दीन ने दिए हैं।

1. क्या हवा का प्रदूषण अदृश्य हो सकता है?
हां, लेकिन एयर पॉल्यूशन की ओर ध्यान तब जाता है, जब हमें वातावरण में स्मॉग या धुंध दिखाई देती है। लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि केवल दिखने वाला प्रदूषण ही नुकसानदायक नहीं होता है, बल्कि अदृश्य प्रदूषण, जैसे नाईट्रोजन ऑक्साईड भी पूरे साल वातावरण में बनी रहती है और यह भी उतनी ही खतरनाक हो सकते हैं।

2. अगर बाहर के वातावरण में प्रदूषण हो, तो क्या घर के अंदर रहना बेहतर है?
घर हमेशा सुरक्षित नहीं होता और घर के अंदर का प्रदूषण बाहर के प्रदूषण से ज्यादा खतरनाक होता है। दैनिक एक्टिविटीज के जरिए घर के अंदर भी प्रदूषण उत्पन्न होता है। साथ ही बाहर से भी प्रदूषण घर में आता है। घर में प्रदूषक तत्वों का एक जटिल कॉकटेल बन जाता है। हमें लगता है कि हम अपने घरों को सभी तरफ से बंद करके प्रदूषण को घर में आने से रोक देते हैं लेकिन यह सोचना गलता है।

हर रोज लगभग 9,000 लीटर हवा हम सांस के साथ अंदर लेते हैं और अपना 90 प्रतिशत समय बंद दरवाजों के पीछे बिताते हैं। दैनिक एक्टिविटीज में क्लीनिंग सॉल्वेंट, डियोड्रंट और खुशबूदार कैंडल्स से निकलने वाले वीओसी (वोलेटाईल ऑर्गेनिक कंपाउंड) घर के अंदर एयर पॉल्यूशन करने वाले आम तत्व हैं। घर के अंदर प्रदूषण करने वाले अन्य तत्वों में खाना पकाने पर निकलने वाली गैसें और सेंट्रल हीटिंग, मोल्ड, एलर्जन, पॉलेन, पालतू पशुओं के डैंडर या बड़े स्तर पर बनाए गए फर्नीचर से निकलने वाले फॉर्मेल्डिहाईड हैं। चाहे हम घर में हों या ऑफिस में, हम जिस हवा में सांस ले रहे होते हैं, वह काफी नुकसानदायक होती है। हवा में से प्रदूषक कणों और विषैली गैस, इस दोनों को छानने के लिए हेपा फिल्टर और एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर वाला एयर प्योरिफायर है जो घर के अंदर की हवा को शुद्ध करने में काफी मदद कर सकता है।

air pollution


3. घर के अंदर का प्रदूषण ज्यादा नुकसानदायक है या घर के बाहर का?
घर के अंदर और बाहर, एयर पॉल्यूशन को अक्सर दो अलग-अलग चीजें मान लिया जाता है, लेकिन बाहर का प्रदूषण, जैसे वाहनों से निकलने वाला धुआं, पॉलेन, और मोल्ड के स्पोर, घर के अंदर भी प्रवेश कर सकता है। साथ ही घर के अंदर मौजूद प्रदूषक तत्व, जैसे लकड़ी जलाने और खाना पकाने पर निकलने वाला धुआं और गैस वैंटिलेशन के जरिए बिल्डिंग से बाहर निकल जाता है। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहने से घर के अंदर और बाहर के प्रदूषण के बीच का अंतर कम हो जाता है। हम एयर प्योरिफायर का इस्तेमाल कर घर के अंदर की हवा को शुद्ध बना सकते हैं।

4. क्या प्रदूषण एक मौसमी समस्या है?
यह समस्या 365 दिन बनी रहती है। अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग तापमान, जलवायु, और मानवीय गतिविधियों के कारण विशेष तरह के प्रदूषक तत्व वातावरण में बढ़ जाते हैं। हवा की खराब होती क्वालिटी एक वैश्विक समस्या है और भारत इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित 50 शहरों में से 37 शहर भारत में हैं।

5. हवा की क्वालिटी से हमारा जीवन किस प्रकार प्रभावित होता है?
हवा की क्वालिटी एक जटिल समस्या है, और इसका प्रभाव अनेक कारणों पर निर्भर है। इन कारणों में उम्र, स्थान, स्वास्थ्य, हम कितने चुस्त हैं और एक्सपोजर कितने समय तक होता है, इसके अलावा भी कई कारण शामिल हैं।

6. एक्यूआई/एयर क्वालिटी इंडैक्स क्या है और हमें एक्यूआई रैंकिंग के प्रति सतर्क क्यों रहना चाहिए?

एयर क्वालिटी इंडैक्स (एक्यूआई) दैनिक आधार पर हवा की क्वालिटा का इंडैक्स है। एक्यूआई द्वारा इस चीज का पता चलता है कि एक छोटी अवधि में एयर पॉल्यूशन का व्यक्ति के स्वास्थ्य पर क्या असर होता है। एक्यूआई का उद्देश्य लोगों को यह समझने में मदद करना है कि स्थानीय हवा की क्वालिटी उनकी सेहत पर क्या असर डालती है। यह एक पैमाना है, जो 0 से 500 तक चलता है। एक्यूआई जितना ज्यादा होगा, उतना ही ज्यादा हवा का प्रदूषण होगा और स्वास्थ्य की समस्याएं भी उतनी ही ज्यादा होंगी।

7. सेहतमंद एक्यूआई बनाए रखने के क्या सुझाव हैं?
हम जो हवा सांस के साथ छोड़ते हैं, उसकी क्वालिटी को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं कर सकते। लेकिन अपने घर को प्रदूषक तत्वों से मुक्त रखने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं।

नियमित तौर वैक्यूम करेंः जब आप सोफे से धूल साफ करते हैं या फिर तकिए के साथ खेलते हैं, तो आपको हवा में धूल के कण दिखाई देते हैं। यह धूल घर के अंदर के वातावरण में रहती है और सांस के साथ फेफड़ों में चली जाती है। हालांकि, नियमित रूप से वैक्यूम करके आप घर के अंदर धूल के इन कणों को आसानी से कम कर सकते हैं।

सैंट का इस्तेमाल कम करेंः कुछ चीजें, जिनका हम घर में इस्तेमाल करते हैं, जैसे सुगंधित मोमबत्तियां आदि घर के अंदर एयर पॉल्यूशन कर सकती हैं। मोमबत्तियां जलाना पूरी तरह से बंद करने की बजाय, उनका इस्तेमाल कम मात्रा में करें और आम तौर से शाम को उनका इस्तेमाल करें।

खाना पकाते वक्त वैंटिलेशन सुनिश्चित करेंः
तेल में फ्राई करने से सूक्ष्म कण हवा में पहुंचकर प्रदूषण करते हैं और गैस स्टोव के जलने से नाईट्रोजन डाय ऑक्साईड जैसी गैसें निकलती हैं। खाना पकाते समय किचन के डिवाइसेज हवादार जगह हों या फिर खिड़कियां खोल दी जाएं, जिससे प्रदूषित हवा बाहर निकल जाए, या फिर मैकेनिकल वैंटिलेशन जैसे प्योरिफाईंग फैन का इस्तेमाल करें, जिससे प्रदूषक तत्व फिल्टर हो जाएं।

एयर प्योरिफायर का इस्तेमाल करेंः एक अच्छा एयर प्योरिफायर न केवल एलर्जन और पीएम0.1 जितने छोटे प्रदूषक तत्वों को छानने में सक्षम होता है, बल्कि इसे नुकसानदायक गैसों, जैसे वीओसी, नाईट्रोजन डाय ऑक्साईड आदि को भी फिल्टर करने में सक्षम होना चाहिए, ताकि पूरे कमरे की हवा शुद्ध रहे।

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