Udaipur Murder Case: चश्मदीद बोले- मौत के बाद भी कन्हैया पर वार करते रहे हत्यारे, हम चिल्लाते रहे, पर कोई बचाने नहीं आया


28 जून दिन मंगलवार समय दोपहर ढाई बजे उदयपुर के भूत महल इलाके में दर्जी कन्हैयालाल के साथ जो कुछ हुआ, उस दौरान वहां मौजूद दो चश्मदीद आज भी दहशत में हैं। यह दोनों ईश्वर सिंह गौड़ और राजकुमार शर्मा कन्हैया के साथ उनकी दुकान पर काम करते थे। जिस समय कन्हैया पर हमला हुआ दोनों वहां काम कर रहे थे। घटना के पांच दिन बाद भी एक चश्मदीद ईश्वर अस्पताल में भर्ती है। उसे सिर में 16 टांके आए हैं। वहीं राज कुमार अपने घर में है, और दहशत के बीच अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। अब यह दोनों चश्मदीद मीडिया के सामने आए और कन्हैया के साथ हुई बर्बरता के बारे में बताया।

किसी की आगे आने की हिम्मत नहीं हुई 

कन्हैया की दुकान पर आठ साल से काम कर रहे राजकुमार ने बताया कि हमले से पहले मैं, ईश्वर और कन्हैया अपना-अपना काम कर रहे थे। इस दौरान दो लोग कपड़ों का नाप देने के लिए दुकान पर आए। कन्हैया एक व्यक्ति का नाप ले रहे थे। इसी दौरान उसने धारदार हथियार से उनकी गर्दन पर वार करना शुरू कर दिया। 

यह देख मैं उठा और एक आरोपी को दुकान से बाहर की तरफ धक्का देने लगा लेकिन उसने मुझ पर हमला कर दिया। इसके बाद मैं दुकान से बाहर भागा और मदद के लिए आवाज लगाने लगा। इसी बीच खून से लथपथ कन्हैया बाहर और जमीन पर गिर गया। इसके बाद भी हत्यारों ने उस पर कई बार किए, जबकि उसकी मौत पहले ही हो चुकी थी। हत्यारों की बर्बरता देख किसी की आगे आने की हिम्मत ही नहीं हुई।     

राजकुमार ने कहा, दिन में दुकान पर सिलाई और रात को फूड डिलीवरी का काम करता हूं। इससे ही मेरे परिवार का घर खर्च चलता है। कन्हैया की हत्या के बाद से पूरा परिवार सदमे है। अब घर से बाहर जाने में भी डर लगता है। हालांकि, पुलिस ने घर के बाहर कुछ जवान तैनात कर रखे हैं। 

कुर्ता-पायजामे का नाप देने आए थे आरोपी 

चार साल से कन्हैया के साथ काम कर रहे चश्मदीद ईश्वर सिंह गौड  महाराणा भूपाल अस्पताल में भर्ती हैं। कन्हैया को बचाने के लिए वह हमलावरों से भिड़ गए थे। उनके हमले से उनके सिर और कंधे पर चोट आई थी। गंभीर चोट लगने से उनके सिर में 16 टांके आए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत में सुधार हो रहा है। जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। 


ईश्वर बताते हैं कि गौस और रियाज दुकान पर कुर्ता-पायजामे का नाप देने आए थे। कन्हैयालाल नाप ले रहे थे, तभी एक आरोपी ने उन पर हमला कर दिया। हमला होते ही कन्हैया जोर-जोर से चिल्लाने लगे। मैं उन्हें बचाने के लिए आगे आया तो आरोपियों ने मुझ पर भी हमला कर दिया। इस दौरान मेरे सिर और कंधे पर चोट आई। राजकुमार और मैं दोनों मदद के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन डर के कारण कोई नहीं आया। 



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