नई दिल्ली. घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए लागू की गई प्रोडक्ड लिंक्ड इंसेटिव (PLI) योजना के तहत सरकार ने व्हाइट गुड्स पीएलआई स्कीम (White Goods PLI) के दूसरे चरण को हरी झंडी दिखा दी है. 15 कंपनियों को इस योजना के तहत टेलीविजन, एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स कम्पोनेंट्स के निर्माण के लिए सरकार इंसेटिव देगी. योजना के दूसरे चरण के तहत कुल 1368 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
देश में घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने अलग-अलग सेक्टरों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी. टेलीविजन, एयर कंडिशनर और एलईडी लाइट्स कम्पोनेंट्स का भारत में ही बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने के लिए सरकार इस सेक्टर के लिए भी पीएलआई योजना लाई है जिसे व्हाइट गुड्स पीएलआई स्कीम कहा गया है.
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19 कंपनियों ने किया था आवेदन
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार White Goods PLI स्कीम के दूसरे चरण के लिए 19 कंपनियों ने आवेदन किया था. एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक, अडानी कॉपर ट्यूब्स, जिंदल पॉली फिल्म्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, विप्रो, जेको एयरकॉन, स्टारियन इंडिया और स्वामीनाथन एंटरप्राइजेज जैसी कंपनियों का नाम पीएलआई स्कीम के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों के लिस्ट में शामिल था. पीएलआई स्कीम के दूसरे चरण में इन कंपनियों ने एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के कम्पोनेंट्स के निर्माण के लिए आवेदन किया था.
इनका हुआ चयन
सरकार ने इंसेटिव देने के लिए 15 कंपनियों का चयन किया उनमें जिंदल पोली का नाम भी शामिल है. Jindal Poly इस स्कीम के तहत 360 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. व्हाइट गुड्स पीएलआई योजना की जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि जिंदल के अलावा सरकार ने अडानी कॉपर, एलजी इलेक्ट्रोनिक्स और मित्सुबिसी जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं. बता दें कि अब तक 61 कंपनियों को PLI के तहत शामिल किया गया है. दोनों चरणों में कुल मिलाकर 6632 करोड़ रुपए का निवेश होगा.
किन उत्पादों का बढ़ेगा निर्माण
लक्ष्मण रॉय ने कहा कि इन 15 कंपनियों में से 6 कंपनियां ऐसी हैं जो कि एयर कंडीशनर या एयर कंडीशनिंग से जुड़े हुए इक्यूपमेंट्स बनाएगी. वहीं 9 कंपनियां ऐसी हैं जो एलईडी लाइट्स बनायेंगी या एलईडी लाइट्स से जुड़े इक्यूपमेंट्स बनाएगी. लक्ष्मण ने आगे कहा कि एसी सेगमेंट के लिए Adani Copper tubes एसी में लगने वाले कॉपर ट्यूब्स बनाने के लिए 408 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. वहीं एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. Mitsubishi का कहना है कि वह 50 करोड़ रुपये इनवेस्ट करेगी.
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रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, सामान सस्ते होंगे
योजना से भारत को एसी और एलईडी उपकरणों के निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी. इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित करने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने और निर्यात में वृद्धि होने की उम्मीद है. साथ ही एसी और एलईडी उपकरणों का भारत में ही उत्पादन होने से इनकी कीमत भी कम होगी.
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Tags: Government Policy
FIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 14:34 IST