UP Board 10th Result: झोपड़पट्टी में रहने वाली 6 बेटियों ने लहराया परचम, कोई IAS तो कोई बनना चाहती है डॉक्‍टर


प्रयागराज. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) के यूपी बोर्ड 10वीं के रिजल्‍ट (UP Board 10th Result) में लड़कियों का दबदबा रहा है. वहीं, प्रयागराज से बोर्ड रिजल्‍ट को लेकर बड़ी खबर सामने आयी है. दरअसल जो बच्चियां शिक्षा से कोसों दूर थी, जो कभी कूड़ा बीनती थीं या फिर कभी दूसरे के घरों में काम करती थीं. आज उन्हीं झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली बेटियों ने अपनी बस्ती के साथ साथ अपने उन मां-बाप का भी नाम रोशन किया है जो कभी उन्हें स्कूल जाने से यह कहकर रोकते थे, अगर पढ़ने जाओगी तो दूसरों के घरों पर काम कौन करने जाएगा. मां-बाप पूछते थे कि घर चलाने के लिये पैसे कहां से आएंगे. इन बेटियों के 10वीं बोर्ड परीक्षा में आए शानदार रिजल्‍ट ने कई और बस्ती की बच्चियों की स्कूल जाने की राह खोल दी है.

प्रयागराज में चुंगी, परेड और सीएमपी के पास हरिनगर झोपड़ पट्टी में रहने वाली छह बेटियों ने यूपी बोर्ड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है. सभी बच्चियां प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई हैं. खुशबू विश्वकर्मा ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 84 फीसदी अंक हासिल किए हैं. जबकि उसके माता-पिता मजदूरी करते हैं. जबकि खुशबू बड़ी होकर पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं.

किसी का पिता लगाता है फेरी, तो कोई बेचता है सब्जी
यही नहीं, झुग्गी झोपड़ी रहने वाली सना ने 81 फीसदी अंक हासिल किये हैं. उसके के पिता फेरी लगाने का काम करते हैं. सना डॉक्टर बनना चाहती है. जबकि आंचल ने 80 फीसदी अंक हासिल किए हैं. आंचल के पिता ठेले पर सब्जी बेचने का काम करते हैं. वह डॉक्टर बनना चाहती है. वहीं, खुशबू बानो ने 70 फीसदी अंक हासिल किये हैं. उसके पिता रिक्शा चलाते हैं. खुशबू बानो बैंकिंग के क्षेत्र में जाना चाहती है.

कबाड़ बीनने वालों की बेटी ने भी दिखाया दम
बस्‍ती में रहने वाली कोमल 64 फीसदी और नन्दनी ने 62 फीसदी अंक हासिल किए हैं. दोनों के पिता कबाड़ बीनने का काम करते हैं. दोनों आगे चलकर आईएएस/आईपीएस बनना चाहती हैं.

‘शुरुआत एक ज्योति शिक्षा की’ संस्‍था बनी सहारा
यकीनन इन बच्चियों ने बहुत ही कठिन परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई कर बोर्ड परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है. किसी ने पिता के सब्जी के ठेले पर बैठकर पढ़ाई की तो किसी ने झोपड़ी में लाइट न होने की वजह से मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ाई की है. छह वर्ष पूर्व इन सभी बच्चियों का दाखिला ‘शुरुआत एक ज्योति शिक्षा की’ संस्था ने अलग अलग स्कूलों में कराया था. इसके साथ ही साथ इन बच्चों की शिक्षा दीक्षा की पूरी जिम्मेदारी शुरुआत परिवार के द्वारा विगत छह वर्षों से निभाई जा रही है. इन बच्चों को सभी विषयों की तैयारी प्रतिदिन संस्था के शिक्षकों के द्वारा दस दस घंटे कराई गई, जिसकी वजह से बच्चों ने शानदार सफलता की इबारत लिखी है. साथ ही साथ बस्ती की दूसरी बच्चियों के लिये भी शिक्षा की उम्मीद की किरण जगा दी है. वहीं, ‘शुरुआत एक ज्योति शिक्षा की’ संस्थाके संस्थापक अभिषेक शुक्ला ने बच्चियों की पढ़ाई जारी रखने में मदद की बात कही है. बता दें कि इस संस्था को प्रयागराज के पूर्व आईजी केपी सिंह ने भी प्रोत्साहित किया था. वह खुद और उनकी प्रेरणा पर पुलिसकर्मी भी बच्चों को पढ़ाने जाते थे.

Tags: UP Board, Up board result 2022, UP Board Results



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