यूपी : योगी सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए, भावुक हुए योगी, भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा


सार

योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में पार्टी के विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां मौजूद सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का जिन्होंने मुझ पर एक बार फिर भरोसा जताया।

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भाजपा के विधानमंडल दल की बृस्पतिवार को लोकभवन में आयोजित बैठक में योगी आदित्यनाथ को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष 273 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में योगी आदित्यनाथ के नाम एक रिकार्ड दर्ज हो गया। योगी एक मात्र ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो अपना पांच वर्ष कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे।

राजधानी के लोक भवन में बृहस्पतिवार शाम भाजपा विधायक दल के नेता चुनाव के पर्यवेक्षक एवं गृहमंत्री अमित शाह, सह पर्यवेक्षक एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और संगठन प्रभारी राधामोहन सिंह की मौजूदगी में एनडीए के विधानमंडल दल की बैठक आयोजित हुई। भाजपा के वरिष्ठ सांसद सुरेश खन्ना ने योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव रखा। भाजपा विधायक सूर्य प्रताप शाही, बेबीरानी मौर्य, नंदगोपाल गुप्ता नंदी, राम नरेश अग्निहोत्री और सुशील शाक्य ने प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद योगी को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। अपना दल (एस) के आशीष पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी योगी के नेतृत्व को समर्थन देने की घोषणा की। गृहमंत्री अमित शाह, रघुवर दास, धर्मेद्र प्रधान और स्वतंत्र देव सहित सहित सभी वरिष्ठ नेताओं ने योगी को पुष्प गुच्छ भेंटकर विधायक दल का नेता चुने जाने की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पूर्व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद थे। बैठक में भाजपा के विधायक, विधान परिषद सदस्य, अपना दल और निषाद पार्टी के विधायक भी मौजूद थे।

भावुक हुए योगी
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ विधायकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए। योगी ने भावुक होते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा ने पांच वर्ष तक प्रदेश में सरकार के जरिये जनता की सेवा का अवसर दिया। प्रदेश में फिर प्रचंड बहुमत से जीत के बाद विधायक दल का नेता चुना है। योगी के भावुक होते ही सभागार में गंभीर माहौल छा गया।

सरकार बनाने का दावा पेश किया
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सहयोगी दलों के नेताओं के साथ राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल ने भी देर रात योगी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।

योगी कल लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। योगी के साथ करीब 45 मंत्री भी शपथ लेंगे। इकाना स्टेडिमय में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल योगी को  मुख्यमंत्री पद और मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। यूपी में बीते 36 वर्षों में पहला मौका होगा जब किसी एक दल की दोबारा प्रचंड बहुमत की सरकार शपथ लेगी।

उप मुख्यमंत्री पद की नहीं हुई घोषणा
भाजपा विधायक दल की बैठक में उप मुख्यमंत्री पद को लेकर घोषणा नहीं की गई है। 2017 में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने सरकार में सहयोग के लिए दो उप मुख्यमंत्री नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा था। उसके बाद केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। बृहस्पतिवार को विधायक दल की बैठक में उप मुख्यमंत्री पद की घोषणा को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन पार्टी ने फिलहाल उप मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बरकरार रखा है।

भाजपा विधायक दल के नेता योगी आदित्यनाथ ने वचन दिया है कि वह बिना रुके, बिना डिगे और बिना थके पांच वर्ष तक समर्पित भाव से प्रदेश की जनता की सेवा करेंगे। उनकी सरकार ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ काम करते हुए आगामी पांच वर्ष में यूपी को देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाएगी।

भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद लोकभवन में विधायकों को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्षी दलों ने चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया। लेकिन जनता ने वंशवाद, जातिवाद की संकीर्ण राजनीति को छोड़कर सुशासन और राष्ट्रवाद को अपना समर्थन देकर दुष्प्रचार को नकार दिया।

अब स्वयं से प्रतिस्पर्धा शुरू होगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार के पहले कार्यकाल में कुशासन से सुशासन स्थापित करने के लिए प्रतिस्पर्धा थी। लेकिन अब सुशासन को और भी सुदृढ़ करने के लिए क्या करना चाहिए इसकी प्रतिस्पर्धा है। योगी ने कहा कि अब स्वयं से प्रतिस्पर्धा का दौर शुरू होगा। उसके लिए सभी को तैयार रहना होगा।

सतर्क रहकर आगे बढ़ना होगा
योगी ने कहा कि यह एक बड़ी जिम्मदारी है, सत्ता प्राप्त करने एक प्रतिष्ठा का विषय नहीं हम सभी को परीक्षा के दौर से आगे बढ़ने के लिए भी सतर्क रहने के लिए प्रेरित करता है। यह परीक्षा के जनता जनार्दन की अदालत में खड़े होकर सफल होकर आए हैं

हम तो अनगढ़ थे…
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में जब उन्होंने सत्ता संभाली तब वह अनगढ़ थे। योगी ने कहा कि 2017 में जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया तब उनके पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था ना ही शासन के किसी दायित्व का अनुभव था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन, तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष एवं मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह के सहयोग और टीम वर्क से ही यह संभव हुआ है कि यूपी देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बना। पहले जहां यूपी में केंदर सरकार की योजनाओं को लागू नहीं किया जाता था वहीं अब करीब 50 योजनाओं में यूपी नंबर एक पर है। यूपी की विकास यात्रा का यह  अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मागदर्शन में ही आगे बढ़ सका है।

जनता की अपेक्षा पूर्ति के लिए सेवक के रूप में काम करें
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के युवाओं, महिलाओं, किसानों और आस्था का सम्मान करने के लिए बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। उन्होंने कहा कि जनता की अपेक्षा की पूर्ति के लिए टीमवर्क से सेवक के रूप में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हम जनता के कस्टोडियन के रूप में काम करेंगे। पार्टी ने जो व्यवस्था दी है उसी के अनुसार अपना योगदान देंगे।

यूपी में एक बार फिर जीतकर भाजपा ने इतिहास रच दिया। लगातार सत्ता में आने का रिकॉर्ड बनाया। ये हम सभी के लिए गौरव का क्षण है, जब किसी मुख्यमंत्री को दोबारा सत्ता में आने का मौका मिला है। जब से आम चुनाव शुरू हुए हैं, उस वक्त से उत्तर प्रदेश में ऐसा नही हुआ है। जनता ने हमें दो तिहाई से अधिक सीटों से जिताया। इससे पूर्व की सरकारों में जातिवाद की वजह से योजनाएं धरातल पर नहीं उतरती थीं। यूपी में पहले कानून व्यवस्था का बुरा हाल था। हमारी सरकारी बनी तो लोगों में आशा जगी। योगी सरकार ने प्रशासन के राजनीतिकरण को समाप्त किया। अब प्रदेश में लोगों को कानून पर विश्वास है। सबका साथ, सबका विकास मंत्र पर योगी सरकार ने काम किया। 

भाजपा सरकार ने प्रदेश में विकास की नींव डालने का काम किया। अगले पांच साल में यूपी के खोए गौरव को वापस लाने का काम किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में ज्यादातर समय राजनैतिक अस्थिरता का माहौल रहा। इसका नतीजा उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातिवादी और परिवारवादी पार्टियों का उदय हुआ। समाजवादी पार्टी की सरकार में राजनीति का अपराधीकरण था। उत्तर प्रदेश की जनता इससे मुक्ति चाहती थी। 2017 का समय आया और यहां की जनता को उससे मुक्ति मिली। सपा सरकार में उद्योगपतियों का सम्मेलन दिल्ली में होता था। क्योंकि कोई भी उद्योगपति लखनऊ आने के लिए तैयार नहीं होता था। सपा सरकार में माफिया और गुंडे पुलिस के मालिक बन बैठे थे। गरीब की एफआईआर लिखवाने की हिम्मत नहीं होती थी। 2017 के बाद जब सत्ता में बदलाव हुआ, तो आप देख सकते हैं गुंडे और माफियाओं की क्या हालत है।
 

विस्तार

भाजपा के विधानमंडल दल की बृस्पतिवार को लोकभवन में आयोजित बैठक में योगी आदित्यनाथ को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष 273 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में योगी आदित्यनाथ के नाम एक रिकार्ड दर्ज हो गया। योगी एक मात्र ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो अपना पांच वर्ष कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे।

राजधानी के लोक भवन में बृहस्पतिवार शाम भाजपा विधायक दल के नेता चुनाव के पर्यवेक्षक एवं गृहमंत्री अमित शाह, सह पर्यवेक्षक एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और संगठन प्रभारी राधामोहन सिंह की मौजूदगी में एनडीए के विधानमंडल दल की बैठक आयोजित हुई। भाजपा के वरिष्ठ सांसद सुरेश खन्ना ने योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव रखा। भाजपा विधायक सूर्य प्रताप शाही, बेबीरानी मौर्य, नंदगोपाल गुप्ता नंदी, राम नरेश अग्निहोत्री और सुशील शाक्य ने प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद योगी को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। अपना दल (एस) के आशीष पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी योगी के नेतृत्व को समर्थन देने की घोषणा की। गृहमंत्री अमित शाह, रघुवर दास, धर्मेद्र प्रधान और स्वतंत्र देव सहित सहित सभी वरिष्ठ नेताओं ने योगी को पुष्प गुच्छ भेंटकर विधायक दल का नेता चुने जाने की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर पूर्व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद थे। बैठक में भाजपा के विधायक, विधान परिषद सदस्य, अपना दल और निषाद पार्टी के विधायक भी मौजूद थे।

भावुक हुए योगी

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ विधायकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए। योगी ने भावुक होते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा ने पांच वर्ष तक प्रदेश में सरकार के जरिये जनता की सेवा का अवसर दिया। प्रदेश में फिर प्रचंड बहुमत से जीत के बाद विधायक दल का नेता चुना है। योगी के भावुक होते ही सभागार में गंभीर माहौल छा गया।

सरकार बनाने का दावा पेश किया

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और सहयोगी दलों के नेताओं के साथ राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल ने भी देर रात योगी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।

योगी कल लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ

योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। योगी के साथ करीब 45 मंत्री भी शपथ लेंगे। इकाना स्टेडिमय में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल योगी को  मुख्यमंत्री पद और मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। यूपी में बीते 36 वर्षों में पहला मौका होगा जब किसी एक दल की दोबारा प्रचंड बहुमत की सरकार शपथ लेगी।

उप मुख्यमंत्री पद की नहीं हुई घोषणा

भाजपा विधायक दल की बैठक में उप मुख्यमंत्री पद को लेकर घोषणा नहीं की गई है। 2017 में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी ने सरकार में सहयोग के लिए दो उप मुख्यमंत्री नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा था। उसके बाद केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था। बृहस्पतिवार को विधायक दल की बैठक में उप मुख्यमंत्री पद की घोषणा को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन पार्टी ने फिलहाल उप मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बरकरार रखा है।



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