Uttar Pradesh Elections: पिता कल्‍याण सिंह की विरासत सहेजने में जुटे राजवीर, कहा-जनता स्‍वागत कर रही


ममता त्रिपाठी

नई दिल्‍ली. राम मंदिर भाजपा की राजनीति की धुरी रही है और राम मंदिर आंदोलन के नायक रहे कल्याण सिंह (Kalyan Singh) ने यूपी में भाजपा की पहली बार सरकार बनाई. यूपी की राजनीति में जाति है कि जाती ही नहीं. मंडल के बाद से हर राजनैतिक दल जाति के आधार पर टिकट बांटने से लेकर पूरे चुनाव की रणनीति जाति के इर्द गिर्द ही बनाते हैं. भाजपा (BJP) में पिछड़ों के सबसे बड़े नेता रहे कल्याण सिंह के निधन के बाद उनके बेटे राजवीर सिंह से ही उम्मीद की जा रही है कि पिता की विरासत को वो सम्भालेगें.

यूपी में पिछड़ों में यादव के बाद आबादी के लिहाज से सबसे बड़े वोटबैंक के रूप में लोध जाति है, करीब 8 प्रतिशत लोध हैं जो 25 जिलों की 75-80 सीट पर हार जीत तय करते हैं. राजवीर सिंह दो बार से लगातार एटा से लोकसभा सांसद हैं, उनके बेटे संदीप सिंह योगी सरकार में मंत्री हैं. राजवीर सिंह कहते हैं कि  ‘बाबू जी के निधन के बाद ये पहला चुनाव है, मगर जनता के दिल में वो आज भी जिन्दा हैं. मैं जहां भी जाता हूं चुनाव प्रचार के सिलसिले में लोगों का अथाह प्यार मुझे और पार्टी को मिल रहा है.’

राजवीर सिंह जाति के मुद्दे पर कहते हैं कि ‘बाबू जी की कार्यशैली ऐसी रही कि यहां के मुसलमान, जाटव और सभी जाति के लोगों ने उन्हें जाति से अलग हटकर वोट किया. आज भी लोग सुशासन के नाम पर उन्हें याद करते हैं. राज्य में नकलविहीन परीक्षा कराने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है.’ इस बार का चुनाव किस तरह और चुनावों से भिन्न है इस पर राजवीर सिंह कहते हैं कि राममंदिर बनने का सपना पूरा हुआ, बेहतर कानून व्यस्था और विकास के मुद्दे को लेकर हम चुनाव में जा रहे हैं. जनता दोनों हाथों से स्वागत कर रही है. बिजली, सड़क के मामले में पिछली सरकारों को पीछे छोड़ चुकी है भाजपा. अतरौली में डिग्री कालेज बन चुका है, युवा पढ़ेगा तभी तो देश का भविष्य उज्जवल होगा. आवारा पशुओं के मामले पर पूछने पर राजवीर बोले कि आवारा पशुओं से फसलों को नुकसान हुआ है मगर सरकार उस दिशा में भी काम कर रही है.

राजवीर सिंह के लिए ये चुनाव चुनौती है अपनी राजनीतिक पहचान बनाए रखने की. 2017 में अति पिछड़े और अति दलित का कार्ड चलकर भारतीय जनता पार्टी ने हाहाकारी जीत हासिल की थी और लोध राजपूतों ने खुलकर भाजपा को वोट किया था. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 15 विधायक लोध जाति से आते हैं. बीएल वर्मा केन्द्र सरकार में मंत्री हैं. मगर कल्याण सिंह के निधन के बाद से लोध जाति का वोट बैंक इस बार पूरी तरह से कल्याण सिंह परिवार के साथ ही दिखाई पड़ रहा है.

Tags: BJP, Kalyan Singh, Uttar Pradesh Elections



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