होम लोन की बढ़ती ब्याज दरों के बीच, क्या यह फिक्स्ड-रेट वाले लोन की तरफ बढ़ने का समय है?


नई दिल्ली . RBI के रेट हाइक के बाद धीरे धीरे सभी बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू कर दिया है. आज से पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने बढ़ी ब्याज दरें लागू कर दी हैं तो एचडीएफसी बैंक ने भी होम लोन की दरें बढ़ा दी हैं. लगभग पिछले 4 सालों में होम लोन पर ब्याज दरें काफी कम थी.

कम ब्याज दर दे रहे लोगों को 4 मई को तब झटका लगा जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दर में 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ोतरी की घोषणा की. बढ़ती मुद्रास्फीति की वजह से ब्याज दरें बढ़ना तय थी लेकिन बाजार को थोड़ा आश्चर्य हुआ कि ये कुछ समय पहले ही हो गया. यानी अगली मौद्रिक नीति का इंतजार नहीं किया गया.

बढ़ती ब्याज दरों का बोझ कर्जदारों पर
जिन उधारकर्ताओं ने अक्टूबर 2019 के बाद अपने होम लोन को मंजूरी दी थी, पहली बार उनकी ब्याज दरों में वृद्धि होगी. अधिकांश बैंकों के लिए, बाहरी बेंचमार्क जिससे उनके होम लोन जुड़े हुए हैं, रेपो दर है. इसका मतलब है कि ब्याज दरों में पूरी बढ़ोतरी का बोझ कर्जदारों पर डाल दिया जाएगा. कुछ बैंक जैसे आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और फेडरल बैंक ने पहले ही अपनी रेपो-लिंक्ड दरों को बढ़ाना शुरू कर दिया है और अन्य अगले कुछ दिनों में इसका पालन करेंगे.

यह भी पढ़ें- Inflation : आटे का खुदरा मूल्‍य 12 साल में सबसे ज्‍यादा, एक साल में ही 9 फीसदी से ज्‍यादा बढ़ी कीमत

इस साल और बढ़ेंगे रेट
ब्याज दरों में बढ़ोतरी यहीं रुकने वाली नहीं है. ज्यादा अर्थशास्त्री का मानना है कि इस साल 50 से 75 बेसिस प्वाइंट और रेट हाइक होगा. शायद एक 50 बीपीएस और फिर 25 बीपीएस की बढ़ोतरी की जाए.
जो लोग 6.5-7 प्रतिशत की 15 साल की दरों पर होम लोन दे रहे हैं, उनकी ब्याज दरें आने वाले महीनों में 8 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं.

फिक्स लोन रेट वाला
यह सवाल पैदा करता है कि… यदि ब्याज दरें (फ्लोटिंग रेट लोन पर) बढ़ने वाली हैं, तो क्या लोन लेने वाला फिक्स लोन रेट पर स्विच करने में फायदे में नहीं हैं? दिसंबर तक 50-75 बीपीएस की वृद्धि हो सकती है. वहीं अगले 18 महीनों में, कुल दर वृद्धि 150 बीपीएस तक हो सकती है. इसलिए, दिसंबर 2023 तक, जो लोग अभी 6.5 प्रतिशत पर उधार ले रहे हैं, उनकी ब्याज दर प्रति वर्ष 8 प्रतिशत के करीब पहुंच जाएगी. आमतौर पर, 750 से कम या गैर-वेतनभोगी उधारकर्ताओं के क्रेडिट स्कोर वाले लोगों के लिए, ब्याज दरें और भी अधिक होंगी.

यह भी पढ़ें- सपनों का आशियाना बनाना हुआ महंगा, प्रति हजार ईंटों के दाम में आया इतना उछाल

ऐसी स्थिति में तमाम एक्सपर्ट का कहना है कि इन बदलावों की वजह से लोग फिक्स लोन रेट की तरफ शिफ्ट होंगे. फिक्स्ड-रेट होम लोन का स्पष्ट लाभ ब्याज दरों की अनिश्चितता से सुरक्षा है. फिक्स लोन रेट में आप बिना इएमआई या समय बढ़े टेंशन फ्री होकर अपना लोन चुका सकेंगे.

कौन सा लोन फायदेमंद
अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या फिक्स होम लोन रेट फ्लोटिंग दरों यानी बदलने वाली ब्याज दरों से कम है या ज्यादा. मनी कंट्रोल से बातचीत में बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं कि इसका जवाब देना थोड़ा मुश्किल है. अगर मान लीजिए आपको फिक्स लोन रेट 7.5 से 8.5 प्रतिशत के दायरे में मिलती है और फ्लोटिंग रेट के अगले दो सालों में 8.5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है. ऐसी स्थिति में आप फिक्स लोन रेट ले सकते हैं. अगर फिक्स लोन रेट 8.25 से 8.5 प्रतिशत से अधिक है तो ये आपके लिए फायदेमंद नहीं रहेगी.

फिक्स लोन रेट कितना फायदेमंद है यह इस बात पर निर्भर कर रहा है कि बैंक आपको कितने ब्याज दर पर फिक्स रेट वाला लोन दे रहा है. अगर लोन की फिक्स ब्याज दर 8 – 7.50% से कम हैं तो आपका इसका गणित लगाकर देख सकते हैं कौन फायदेमंद है.

Tags: Bank Loan, Home loan EMI, How to take a cheap home loan, How to take home loan at low interest rate

image Source

Enable Notifications OK No thanks