23 Yrs Of Hum Dil De Chuke Sanam: यूं शुरू हुई सलमान और ऐश्वर्या की लव स्टोरी, केके को मिला पहला हिट सोलो गाना


फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ की रिलीज से पहले इसके गानों ने देश दुनिया में धूम मचाई। फिल्म को दिल्ली यूपी में वितरित करने वाले वितरक जी डी मेहता ने गानों के बाजार में आने से पहले इसके कुछ कैसेट भिजवाए। फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली से फोन कराया। भंसाली की आवाज में तब नरमी हुआ करती थी, बोले, ‘फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ के संगीत को लेकर कुछ अच्छा लिखेंगे तो मदद होगी।’ भंसाली को गानों के फिल्माने में महारत हासिल रही है। फिल्म ‘1942 ए लव स्टोरी’ के गानों को फिल्माने में भंसाली की निर्देशन क्षमता का बड़ा हाथ रहा है। फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ का संगीत भी हिट रहा। हाल ही में दिवंगत हुए गायक के के को संगीतकार इस्माइल दरबार ने उनका पहला फिल्मी सोलो गाना दिया। गाना पहले दिन से हिट रहा। सलमान खान उन दिनों ऐश्वर्या राय के प्रेम में पागल थे। उन पर फिल्माए गए के के के इस गाने ‘तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही…’ को लोगों ने बार बार सुना और इस एक गाने ने फिल्म के लिए लोगों की बॉक्स ऑफिस पर लाइन लगा दी।

के के की आवाज की कशिश

फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ का पूरा दर्द समेटे गाने, ‘तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही’ में गायकी शुरू होने से पहले के म्यूजिक पर जो नंदिनी की तड़प दिखती है समीर की आखिरी झलक पाने को। वह फिल्म की जान है। बंधन से छिटक कर भागी हिरनी जैसी छलांगती नंदिनी को दुपट्टे में लगी आग का भान तब तक नहीं होता जब तक उसे रास्ता दिखाने वाला नहीं मिल जाता। वहीं वह पलटकर अपनी वह दुनिया देखती है जो उसके दुपट्टे सरीखी जल रही है। दुपट्टा वह वहीं फेंकती है और मुंडेर पर जा खड़ी होती है। संस्कारों की एक जंजीर नंदिनी के पैर अब भी रोके है। गुरु दक्षिणा में दिया वचन समीर के पैर रोक नहीं पा रहा है। प्रेम यही है। वह दूसरो को कष्ट नहीं देता। वह दूसरों के सुख में सुख पाता है, तत् सुखे सुखे त्वम..

दो साल की मेहनत से बना संगीत

संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ के म्यूजिक पर बहुत मेहनत की थी। फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले लगातार दो साल वह इस्माइल दरबार के साथ इस पर जतन करते रहे। फिल्म के गीतकार हैं महबूब। फिल्म का संगीत कमाल का संगीत है। करवा चौथ के दिन आज भी हर प्रेमी जोड़ा चांद छुपा बादल में गाता है। उदित नारायण और अलका याग्निक की आवाजों ने इस गाने में असर भी बहुत रूमानी किया है। बाकी गानों में ऐश्वर्या के किरदार की आवाज कविता कृष्णमूर्ति बनीं और उन्होंने भी ‘निंबूडा’ से लेकर ‘आंखों की गुस्ताखियां’ और ‘अलबेला सजन’ तक कमाल का गाया है।

कुमार शानू और कविता का बेहतरीन गाना

फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ जिन गानों का जिक्र यहां अलग से जरूरी है, उनमें से पहला है हरिहरन का गाया, ‘झोंका हवा का आज भी…’ और फिल्म के खास गाने ‘आंखों की गुस्ताखियां’ में कुमार शानू की आवाज आप सुनेंगे तो शायद पहचान भी न पाएं, इतने शानदार तरीके से गाया है उन्होंने ये गाना। और साथ में कविता कृष्णमूर्ति की संगत, बस कमाल है..

यूं ऐश्वर्या को मिली फिल्म

फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ में ऐश्वर्या राय बच्चन कैसे आईं, इसकी भी दिलचस्प कहानी है। ऐश्वर्या को उन्हीं दिनों आमिर खान की फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ ऑफर हुई थी, वह ये फिल्म तारीखों के चक्कर में कर नहीं पाईं तो इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग पर वह इसलिए चली गईं कि कहीं फिल्म से जुड़े लोग बुरा न मान जाएं। वहीं ऐश्वर्या की पहली मुलाकात संजय लीला भंसाली से हुई। मिस वर्ल्ड वह बन चुकी थीं। आत्मविश्वास उनमें भरपूर था ही। जैसे ही वह भंसाली से मुखातिब हुईं, उन्होंने अपना दाहिना हाथ बढ़ाया और जैसे ही भंसाली ने उनका हाथ लपका, वह बोलीं, “हाय! आई एम ऐश्वर्या राय एंड आइ लाइक्ड ‘योर मूवी खामोशी द म्यूजिकल’।” ऐश्वर्या की आवाज भंसाली के कानों से जब टकराई तो उन्हें भान हुआ कि वह लगातार उनकी आंखें देखे जा रहे थे। बड़ी बड़ी सी हिरनी जैसी आंखें। रंग किसी शांत झील सा और उन आंखों की चमक ने संजय लीला भंसाली का मन मोह लिया। उनके मन में आवाज आई, यही तो मेरी नंदिनी है।

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