शेयर मार्केट में मचा त्राहिमाम, निवेशकों का 34 लाख करोड़ रुपया डूबा, अब आगे क्या रंग दिखाएगा बाजार?


नई दिल्ली. घरेलू शेयर बाजार पिछले लगभग 1 महीने से करेक्शन के मूड में दिख रहा है. कोरोना वायरस के प्रभाव से भी अछूते रहे भारतीय शेयर बाजार में अब बढ़ती कीमतों और मंदी की आहट के बीच भगदड़ मच गई है. विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार भारतीय इक्विटी से अपना निवेश बाहर निकाल रहे हैं.

सेंसेक्स ने पिछले साल 62,245 अंकों का अपना ऑल टाइम हाई छुआ था लेकिन अब वह करेक्शन के बाद 54,000 से भी नीचे आ गया है. इस भगदड़ में तेजी आरबीआई के एक फैसले के बाद भी आई. आरबीआई ने पिछले हफ्ते रेपो रेट को 40 बेसिस पॉइंट यानी 0.40 फीसदी बढ़ा दिया. यह मुद्रास्फीति की समस्या का साफ संकेत था. वहीं, यूक्रेन युद्ध पहले से ही वैश्विक विकास पर प्रतिरोध का काम कर रहा है. भारत में कंपनियों की आय में मुद्रास्फीति की झलक दिखाई दे रही है और जानकारों का मानना है कि ये चिंताजनकर सकेंत अभी कुछ और तिमाहियों में जारी रहेंगे.

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निवेशकों ने गंवाए 34 लाख करोड़ रुपये
घरेलू शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों ने गुरुवार को 5 लाख करोड़ रुपये गंवाए. बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 246.3 करोड़ रुपये से टूटकर 241.04 करोड़ रुपये हो गया. वहीं, पिछले एक महीने में शेयर बाजार में मची इस तबाही ने निवेशकों का 34 लाख करोड़ रुपये डुबा दिया है. बीसएई पर लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण जहां 11 अप्रैल को 275.17 करोड़ रुपये था वह अब टूटकर 241.04 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

क्या है जानकारों की राय
एंबिट एसेट मैनेजमेंट के सीईओ सुशांत भंसाली का कहना है, “हमारा मानना है कि बाजार अभी कंसोलिडेशन फेज में है जो करीब 2 साल चले बुल रन के बाद बेहद जरुरी था. मुनाफा कमाई और एसेट एलोकेशन में बदलाव अभी इस ट्रेंड को जारी रखेगा. हालांकि, नया निवेश इस बीच मार्केट को ऊपर की ओर धकेलेगा.” उनका मानना है कि कंसोलिडेशन फेज अभी कुछ और महीने जारी रह सकता है. वह कहते हैं कि यह 3 महीने से 3 और तिमाहियों (9 महीने) तक रह सकता है लेकिन एक बार ये फेज खत्म होने पर बाजार नई ऊंचाइयां देखेगा.

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