न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Thu, 21 Apr 2022 07:31 PM IST
सार
संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि लाल किले को आयोजन स्थल के रूप में इसलिए चुना गया है क्योंकि यहीं से 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर की जान लेने का आदेश दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर थोड़ी देर में लाल किला पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे देश को संबोधित भी कर सकते हैं। यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री मुगलकालीन स्मारक से सूर्यास्त के बाद देश को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे।
संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि लाल किले को आयोजन स्थल के रूप में इसलिए चुना गया है क्योंकि यहीं से 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर की जान लेने का आदेश दिया था। इससे पहले पहली बार प्रकाश पर्व पर दिल्ली का लाल किला जगमगाया है। बुधवार शाम यहां मौजूद हर कोई शख्स लेजर लाइट शो को देख आकर्षित हो रहा था। लाइट के जरिए लोगों को सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी के दर्शन भी हुए। साथ ही अलग-अलग रंगों के जरिए लाल किले की खूबसूरती लोगों को आकर्षित कर रही थी।
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर थोड़ी देर में लाल किला पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे देश को संबोधित भी कर सकते हैं। यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री मुगलकालीन स्मारक से सूर्यास्त के बाद देश को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे।
संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि लाल किले को आयोजन स्थल के रूप में इसलिए चुना गया है क्योंकि यहीं से 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर की जान लेने का आदेश दिया था। इससे पहले पहली बार प्रकाश पर्व पर दिल्ली का लाल किला जगमगाया है। बुधवार शाम यहां मौजूद हर कोई शख्स लेजर लाइट शो को देख आकर्षित हो रहा था। लाइट के जरिए लोगों को सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी के दर्शन भी हुए। साथ ही अलग-अलग रंगों के जरिए लाल किले की खूबसूरती लोगों को आकर्षित कर रही थी।
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