2015 तक, तेलुगु फिल्में सिर्फ साउथ तक ही सीमित थीं. उस बीच अगर वे बॉक्स ऑफिस (Box Office) पर सुपरहिट होती थीं तो उन्हें या तो अन्य भाषाओं में रीमेक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था या हिंदी में डब किया जाता था और यूट्यूब पर रिलीज़ किया जाता था. टॉलीवुड फिल्मों को भी भारतीय फिल्म और प्रसारण विभाग द्वारा (Indian Film and Broadcasting Dept) दिए गए राष्ट्रीय फिल्म जूरी से बहुत कम पुरस्कार मिलते थे. हालांकि, एसएस राजामौली (SS Rajamouli) की रिलीज के बाद पूरा परिदृश्य बदल गया. राजामौली की ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ (Baahubali 1) रिलीज़ हुई और तेलुगु सिनेमा के अच्छे दिन शुरू हो गए. बॉक्स-ऑफिस पर कई रिकॉर्ड बनाए गए, पुरस्कार जीते गए और फिल्म निर्माताओं ने एक बड़े कैनवास पर सोचना शुरू कर दिया. यहां हम आपको बताते हैं कि दूसरे फिल्म मेकर्स को एसएस से क्या सीखना चाहिए. आइए डालते हैं राजामौली और केवी विजयेंद्र प्रसाद की मशहूर फिल्म ‘बाहुबली: द कन्क्लूजन’ पर एक नजर.
बाहुबली के बाद मेकर्स को हुआ टॉलीवुड की क्षमता का अहसास
तेलुगु फिल्मों के पास अपने आस-पास की साउथ इंडस्ट्री की तुलना में बड़ा बजट था. यहां के फिल्म निर्माताओं ने अपने बजट के साथ एक निश्चित सीमा (50-70 करोड़ रुपये) से आगे जाने की हिम्मत नहीं की थी. तमिल सिनेमा के विपरीत इसका बाजार बहुत बड़ा था. निर्देशक शंकर 100 करोड़ के बजट की बड़ी फिल्में बनाते थे और डब किए गए वर्जन से भी जबरदस्त मुनाफा कमाते थे. पर जब एसएस राजामौली की 180 करोड़ की ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ रिलीज हुई तो टॉलीवुड मेकर्स को अपनी इंडस्ट्री की वास्तविक क्षमता का एहसास हुआ.
इस फिल्म के बाद कई टॉलीवुड फिल्म निर्माताओं को पता चला कि बड़ा करना ही बेहतर (bigger is better) है. टॉलीवुड में बाहुबली की सफलता के बाद कई बड़ी फिल्मों की शुरुआत हुई, जैसे ‘रुद्रमादेवी’, ‘सई रा नरसिम्हा रेड्डी,’ गौतमीपुत्र सातकर्णी’, टॉलीवुड से ‘पुष्पा’ और कन्नड़ सिनेमा से ‘केजीएफ’ और आस-पास की इंडस्ट्री से कई और भी.
हर बड़ी ब्लॉकबस्टर का सीक्वल बनाएं
एसए राजामौली का कहना है कि उनकी एपिक एक्शन फिल्म बाहुबली के पहले भाग को अचानक समाप्त करना उनका इरादा नहीं था और न ही दर्शकों को इसके सीक्वेल ‘बाहुबली: द कन्क्लूजन’ को लगातार दिखाने का इरादा कभी नहीं था. पर ये हुआ और इस फिल्म ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर जादू बिखेरा और सैकड़ों करोड़ की कमाई की. ये फिल्म अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनकर चार्ट में सबसे ऊपर रही. इसने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर कई मौजूदा रिकॉर्ड तोड़े हैं और कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं.
मैग्नम ओपस की सफलता ने शंकर, मणिरत्नम और अन्य जैसे कई बड़े फिल्म निर्माताओं को दूसरे विचारों में डाल दिया है और उन्होंने भी शंकर द्वारा 2.0 और इंडियन 2 जैसे सीक्वल की तुरंत घोषणा कर दी है. मणिरत्नम द्वारा 2 भाग ‘पोन्नियिन सेल्विन’ जो 500 करोड़ के बजट से बनाई जा रही है. वहीं प्रशांत नील द्वारा ‘केजीएफ 2’, सुकुमार द्वारा ‘पुष्पा 2’ और कई अन्य फिल्म निर्माताओं ने अपनी फिल्मों के सुपरहिट भाग के सीक्वेल बनाने का ऐलान कर दिया है.
पैन इंडिया स्टार को करें कास्ट
बॉलीवुड से हिंदी अभिनेत्रियों और खलनायक की भूमिकाएं करना तेलुगु सिनेमा में कोई नई बात नहीं है. इस पैमाने की एक फिल्म ने स्थानीय दर्शकों के लिए संबंधित इंडस्ट्री जैसे कर्नाटक से अनुष्का शेट्टी और सुदीप, तमिल सिनेमा से नासर और सत्यराज, हिंदी सिनेमा को रिप्रेजेंट करने वाली तमन्ना और राणा जैसे स्थानीय दर्शकों के लिए बहुत अंतर किया. मलयालम सिनेमा के कुछ फिल्म मेकर्स क्रू ने वहां फिल्म का प्रचार किया और मीडिया ने कहानी को लेकर तीखी समीक्षा लिखी, जिसके परिणामस्वरूप फिल्म के रिलीज होने पर इसके एक्टर्स ने पैन इंडियन स्टारडम हासिल किया.
साउथ की फिल्मों को यूट्यूब के बजाय हिंदी थिएटरों में रिलीज करें
तेलुगु फिल्मों की प्रशंसा YouTube पर इसकी मसाला सामग्री और संगीत, नृत्य, कॉमेडी और टॉलीवुड फिल्मों में बॉलीवुड हीरोइनों और खलनायकों की कास्टिंग जैसे व्यावसायिक तत्वों के कारण स्पष्ट है, लेकिन उसी फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज करना ज्यादा शानदार है. जब राजामौली की ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई तो उनकी दूसरा सीक्वेल ‘बाहुबली 2: द कन्क्लूजन’ को भी सक्सेज मिली. अब दक्षिण की कई फिल्में एक के बाद एक पैन इंडिया फिल्मों में बदल गई हैं. जैसे पुष्पा, मेजर, केजीएफ, आरआरआर, राधे श्याम, साहू, पोन्नियिन सेलवन और कई हैं जो पैन इंडिया की फिल्में हैं.
भारतीय फिल्में सही कंटेंट के साथ अंतरराष्ट्रीय सिनेमा को टक्कर दे सकती हैं
राजामौली की हाल ही में रिलीज़ हुई बेहतर कंटेट वाली ‘आरआरआर’ ने यूएसए बॉक्स-ऑफिस पर कई अंग्रेजी फिल्मों को पछाड़ दिया है. वहीं प्रशांत नील की ‘केजीएफ: चैप्टर 2’ ने भी यूएसए बॉक्स-ऑफिस पर कन्नड़ सिनेमा का फ्लैग ऊंचा किया है. ये फिल्में न केवल यूएसए में शानदार रहीं बल्कि जापान, ब्रिटेन, मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, चीन और कई अन्य देशों में बेहतर साबित हुईं. विश्व स्तर पर इन फिल्मों की सफलता को देखते हुए अब कई भारतीय फिल्में जैसे ‘दृश्यम 2’, ‘केजीएफ: अध्याय 2’ को ग्रीक, रूसी और कई अन्य यूरोपीय भाषाओं में डब किया गया है जो विश्व बाजार की खोज कर रही हैं. अब लगने लगा है कि भारतीय फिल्में जल्द ही विश्व सिनेमा पर राज करने वाली हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 29, 2022, 10:10 IST