नई दिल्ली. निप्पॉन इंडिया ईटीएफ Nifty Bees कम जोखिम के साथ अधिक रिटर्न देने के मामले में निवेशकों को शीर्ष पसंदों में से एक बना हुआ है. इसकी स्थापना करीब 20 साल पहले हुई थी और इसने अब तक निवेशकों को 15.13 फीसदी का सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रिटर्न) दिया है. यह 8,465 करोड़ रुपये का फंड मैनेज कर रहा है.
इसने 3 साल में 11.6 फीसदी, 5 साल में 12.1 फीसदी, 10 साल में 13.1 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसका बेंचमार्क निफ्टी 50 है. निफ्टी 50 के नाम से जाहिर है कि इसमें शीर्ष 50 शेयर हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों के हैं. एनएसई के अनुसार, निफ्टी 50 के 13 अलग-अलग क्षेत्र के शेयरों को दर्शाता है.
ये भी पढ़ें- अमेरिकी बाजार में गिरावट ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, अभी और जाएगा नीचे, भारत पर क्या होगा इसका असर?
बंपर रिटर्न नहीं, सुरक्षित निवेश
निफ्टी 50 में 50 बड़ी कंपनियों के शेयर हैं जिनकी वित्तीय स्थिति बहुत बेहतर है. ये नए आए शेयरों की तरह बहुत तेजी से नहीं भागते बल्कि धीरे-धीरे ऊपर चढ़ते हैं. हालांकि, इन शेयरों में रिस्क कम होता है और ये बाजार में आने वाली किसी विषम परिस्थिति को अन्य नए शेयरों के मुकाबले बेहतर तरीके से हैंडल करते हैं. जिन लोगों के पास डीमैट अकाउंट हैं वे निफ्टी बीईईएस में निवेश कर 5 साल के लिए होल्ड करने पर विचार कर सकते हैं.
लंबी अवधि में बेहतरीन रिटर्न
निफ्टी 50 ने लंबी अवधि में काफी बेहतर रिटर्न दिए हैं. निफ्टी 50 ने 20 साल में 13 फीसदी का कंपाउंड एनुअलर ग्रोथ रिटर्न दिया है. निफ्टी 50 बजार की ढलान के समय कम लुढ़का है और अपने मिड व स्मॉल कैप समकक्षों से तेज रिकवर किया है. अगर हर महीने इसमें आपने 10,000 रुपये की एसआईपी जमा की है तो 20 साल में आपका निवेश करीब 1 करोड़ रुपये हो गया है.
शीर्ष 10 कंपनियों के पास 59 फीसदी मार्केट कैप
निफ्टी की शीर्ष 10 कंपनियां हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी लिमिटेड, टीसीएस, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, लार्सेन एंड टुब्रो. सूचकांक पर लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल संपत्ति का 59 फीसदी हिस्सा केवल इन 10 कंपनियों के पास है.
ये भी पढ़ें- Credit Card से करें खरीदारी तो बैलेंस न होने दें जीरो, अगर बार-बार पार करेंगे क्रेडिट लिमिट तो होंगे कई नुकसान
क्या होता है ईटीएफ
ईटीएफ म्यूचुअल फंड स्कीम्स होती हैं जिनका बीएसई और एनएसई पर कारोबार किया जाता है. ईटीएफ जितना हिस्सा बेंचमार्क इंडेक्स (यहां निफ्टी 50) में निवेश करता है उतना ही निवेश सिक्योरिटीज में करता है. ईटीएफ में निवेश से फंड मैनेजर का जोखिम घट जाता है. इसमें निवेश के लिए आपको डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Business news, Business news in hindi, ETF, Mutual fund
FIRST PUBLISHED : July 04, 2022, 16:36 IST