चिंतन शिविर के बाद आदिवासियों को साधेगी कांग्रेस: पांच राज्यों की सवा सौ सीटों पर असर डालता है राजस्थान का ‘प्रयागराज’


सार

सीएम गहलोत 16 मई को बेणेश्वर धाम में 132 करोड़ की लागत से पुलिया का शिलान्यास सोनिया गांधी के हाथों से करवाएंगे। इसके बाद एक जनसभा होगी। जिसमें पांच लाख भीड़ जुटने का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस की बेणेश्वर धाम में सोनिया गांधी की रैली कराने की पीछे आदिवासी वोट बैंक को साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है…

कांग्रेस का चिंतन शिविर।

कांग्रेस का चिंतन शिविर।
– फोटो : Amar Ujala

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विस्तार

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में करारी हार का सामना करने के बाद कांग्रेस पार्टी राजस्थान के उदयपुर में 13 से 15 मई तक चिंतन शिविर करने जा रही है। इसमें कांग्रेस साल के अंत में होने वाले गुजरात, हिमाचल के चुनाव में जीत कैसे हो इसका रास्ता खोजेगी। वहीं अगले साल राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार करेगी। चिंतन शिविर के बाद राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी बांसवाड़ा में स्थित आदिवासियों के तीर्थस्थान बेणेश्वर धाम जाएंगे। यहां वे कुछ कार्यक्रमों का लोकार्पण करने के बाद कई एक रैली को संबोधित भी करेंगे। बेणेश्वर धाम को राजस्थान के प्रयागराज के तौर पर मान्यता दी जाती है। इसकी वजह यह है कि यहां माही, सोम और जाखम नदियों का संगम होता है। इससे पहले गांधी परिवार ने 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले बेणेश्वर धाम का दौरा किया था। यही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी भी यहां आ चुके हैं।

इसलिए अहम है कांग्रेस के लिए बेणेश्वर धाम

सीएम गहलोत 16 मई को बेणेश्वर धाम में 132 करोड़ की लागत से पुलिया का शिलान्यास सोनिया गांधी के हाथों से करवाएंगे। इसके बाद एक जनसभा होगी। जिसमें पांच लाख भीड़ जुटने का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस की बेणेश्वर धाम में सोनिया गांधी की रैली कराने की पीछे आदिवासी वोट बैंक को साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि इस साल के अंत में गुजरात और फिर अगले साल राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में आदिवासियों की तीर्थस्थल बेणेश्वर धाम में रैली कर कांग्रेस पार्टी आदिवासी बैल्ट को साधने की कोशिश करेगी। गुजरात में 27, राजस्थान में 25, मध्यप्रदेश में 45 और छत्तीसगढ़ के विधानसभा में 27 आदिवासी सीटें हैं।

बेणेश्वर धाम की क्या है मान्यता

डूंगरपुर शहर से 80 किलोमीटर और उदयपुर संभाग के मुख्यालय से 180 किलोमीटर दूर बेणेश्वर धाम सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम टापू पर बना हुआ है। मान्यता है कि हजारों साल पहले संत मावजी महाराज ने इसी धाम पर तपस्या करते हुए आदिवासियों और वागड़ में धर्म की स्थापना की थी। बेणेश्वर धाम में भगवान वामन के पहला कदम रखने की भी मान्यता है। यहां संत मावजी का एक महल है। जहां संत मावजी महाराज ने योग साधना की थी। यहां हर वर्ष माघ पूर्णिमा पर मेला भी लगता है। इसमें लाखों भक्त शामिल होते है। यह आदिवासियों को कुंभ के नाम से जाना जाता है।

भाजपा ने भी शुरू की अपनी तैयारी

इधर, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दो दिवसीय राजस्थान दौरा 10 मई से शुरू होने जा रहा है। इस दौरान जेपी नड्डा प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ विधानसभा चुनाव 2023 की रणनीति पर मंथन करेंगे। चुनाव से पहले भाजपा विधायकों के कामकाज की समीक्षा भी कर सकते हैं। नड्डा के दौरे के बाद 20 और 21 मई जयपुर में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होगी। जिसमें विधानसभा चुनाव 2023 की रणनीति पर मंथन होगा। भाजपा राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में विधायकों के कामकाज और मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर मंथन हो सकता है। नड्डा 10 और 11 मई को राजस्थान प्रवास पर रहेंगे। 10 मई को नड्डा श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में बीकानेर संभाग के बूथ सम्मेलन को संबोधित करेंगे और 11 मई को हनुमानगढ़ जिला कार्यालय का उदघाटन करेंगे। साथ ही हनुमानगढ़ से अन्य नौ जिला कार्यालयों का वर्चुअली उदघाटन करेंगे।



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