Research: कोरोना महामारी के बाद बच्चों की शारीरिक सक्रियता घटी, 23 स्कूलों के 393 बच्चों पर हुआ शोध


एजेंसी, ब्रिस्टल।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 17 May 2022 04:51 AM IST

सार

शोध के नतीजों में पता लगा है कि बीते वर्ष अप्रैल से दिसंबर तक 10 से 11 साल के बच्चों ने हफ्तेभर कार्य दिवसों के दौरान औसतन 56 मिनट ही शारीरिक गतिविधियों में भाग लिया जबकि स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा कम से कम एक घंटे सक्रिय रहने की सिफारिश की गई है।

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लॉकडाउन में लगी पाबंदियां हटने तक बच्चों में शारीरिक गतिविधियां काफी कम हो गई थीं। यह तथ्य ब्रिटेन में ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुए एक ताजा शोध में सामने आया है। बिहेवियरल न्यूट्रिशन एंड फिजिकल एक्टिविटी की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में छपे अध्ययन के मुताबिक, 2021 के अंत तक एक तिहाई से थोड़े ज्यादा (36 फीसदी) बच्चे ही राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुरूप शारीरिक रूप से सक्रिय थे।

शोध के नतीजों में पता लगा है कि बीते वर्ष अप्रैल से दिसंबर तक 10 से 11 साल के बच्चों ने हफ्तेभर कार्य दिवसों के दौरान औसतन 56 मिनट ही शारीरिक गतिविधियों में भाग लिया जबकि स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा कम से कम एक घंटे सक्रिय रहने की सिफारिश की गई है। तुलनात्मक रूप से देखें तो महामारी से पहले इसी आयु वर्ग के बच्चे शारीरिक तौर पर औसतन आठ मिनट ज्यादा सक्रिय रहते थे। इस हिसाब से लॉकडाउन के दौरान उनकी
शारीरिक गतिविधि 13 फीसदी गिर गई।

शोध का कहना है कि इस अवधि में बच्चे हर दिन औसतन 25 मिनट ज्यादा निष्क्रिय बैठे रहे, जो महामारी के पहले के मुकाबले ज्यादा है। शोध में 23 स्कूलों के 393 बच्चों और उनके अभिभावकों को शामिल किया गया।

विस्तार

लॉकडाउन में लगी पाबंदियां हटने तक बच्चों में शारीरिक गतिविधियां काफी कम हो गई थीं। यह तथ्य ब्रिटेन में ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुए एक ताजा शोध में सामने आया है। बिहेवियरल न्यूट्रिशन एंड फिजिकल एक्टिविटी की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में छपे अध्ययन के मुताबिक, 2021 के अंत तक एक तिहाई से थोड़े ज्यादा (36 फीसदी) बच्चे ही राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुरूप शारीरिक रूप से सक्रिय थे।

शोध के नतीजों में पता लगा है कि बीते वर्ष अप्रैल से दिसंबर तक 10 से 11 साल के बच्चों ने हफ्तेभर कार्य दिवसों के दौरान औसतन 56 मिनट ही शारीरिक गतिविधियों में भाग लिया जबकि स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा कम से कम एक घंटे सक्रिय रहने की सिफारिश की गई है। तुलनात्मक रूप से देखें तो महामारी से पहले इसी आयु वर्ग के बच्चे शारीरिक तौर पर औसतन आठ मिनट ज्यादा सक्रिय रहते थे। इस हिसाब से लॉकडाउन के दौरान उनकी

शारीरिक गतिविधि 13 फीसदी गिर गई।

शोध का कहना है कि इस अवधि में बच्चे हर दिन औसतन 25 मिनट ज्यादा निष्क्रिय बैठे रहे, जो महामारी के पहले के मुकाबले ज्यादा है। शोध में 23 स्कूलों के 393 बच्चों और उनके अभिभावकों को शामिल किया गया।



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