रिजर्व बैंक ने दो साल बाद 0.40 फीसदी बढ़ाया रेपो रेट, अब होम-ऑटो सहित सभी लोन हो जाएंगे महंगे, बढ़ेगा ईएमआई का बोझ


नई दिल्‍ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने महंगाई के दबाव में करीब दो साल बाद रेपो रेट बढ़ा दिया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार दोपहर अचानक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके रेपो रेट में 0.40 फीसदी बढ़ोतरी की जानकारी दी.

गवर्नर दास ने कहा, ग्‍लोबल मार्केट में कमोडिटी की बढ़ती कीमतों और पेट्रोल-डीजल सहित अन्‍य ईंधन के बढ़ते दबाव की वजह से हमें रेपो रेट में बदलाव करना पड़ रहा है. अब रेपो रेट 4 फीसदी की बजाए 4.40 फीसदी रहेगी. आरबीआई ने मई, 2020 के बाद से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. माना जा रहा था कि जून से रेपो रेट में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन उससे पहले ही गवर्नर ने अचानक दरें बढ़ाकर सभी को चौंका दिया.

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गवर्नर ने कहा कि इस फैसले से पहले मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 मई तक बैठक की गई और सभी सदस्‍यों ने रेपो रेट में बढ़ोतरी के पक्ष में समर्थन किया. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं. यही कारण है कि इस दर में बदलाव का सीधा असर खुदरा कर्ज पर पड़ता है.

महंगाई थामने के लिए बढ़ाया रेपो रेट
गवर्नर ने कहा कि हम पिछले दो साल से कोविड-19 महामारी से जूझ रहे थे और इस दौरान तमाम तरह की सहूलियतें दी गईं. अब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से नई तरह की चुनौतियां पैदा हो गईं और महंगाई का दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में हमें रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी करनी पड़ी. इस कदम से खुदरा महंगाई को थामने में मदद मिलेगी. ग्‍लोबल मार्केट में न सिर्फ कमोडिटी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, बल्कि सप्‍लाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे हालात में हमें रेपो रेट को बढ़ाना ही पड़ा.

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बैंकों का सीआरआर भी 0.50 फीसदी बढ़ाया
आरबीआई ने बाजार में मौजूद अतिरिक्‍त पूंजी तरलता को घटाने के लिए बैंकों का सीआरआर भी 0.50 फीसदी बढ़ा दिया है. अब बैंकों का कैश रिजर्व रेशियो (CRR) बढ़कर 4.50 फीसदी हो गया है. गवर्नर दास ने कहा कि इस कदम से बाजार में मौजूद करीब 83,711.55 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त पूंजी को वापस बैंकों में लाया जा सकेगा. सीआरआर की नई दरें 21 मई, 2022 की मध्‍यरात्रि से प्रभावी हो जाएंगी.

बढ़ती बांड यील्‍ड ने बनाया दबाव
सरकारी बांड पर यील्‍ड यानी प्रतिफल बढ़कर मई, 2019 के बाद सबसे उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गया है. 10 साल का बांड यील्‍ड 0.30 फीसदी बढ़कर 7.39 फीसदी पहुंच गया, जो तीन साल का उच्‍चतम स्‍तर है. इसके अलावा महंगाई दर भी मार्च में 7 फीसदी के आसपास रही थी, जो आरबीआई के तय 6 फीसदी के दायरे से काफी ज्‍यादा है. गवर्नर दास ने कहा कि हमारी पहली कोशिश खुदरा महंगाई को 6 फीसदी से नीचे रखना है.

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आर्थिक स्थिरता और प्रगति पर खास जोर
गवर्नर दास ने आज के प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में सारा जोर अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिरता और आर्थिक प्रगति पर दिया. उन्‍होंने कहा कि मौजूदा संकट की वजह से ग्‍लोबल इकॉनमी एक बार फिर मुसीबत में पड़ती दिख रही है. महंगाई का दबाव सभी देशों में पर है और वहां के केंद्रीय बैंक ब्‍याज दरें बढ़ाकर इसे काबू करने का प्रयास कर रहे हैं. नीतिगत फैसलों को लेकर हमारा रुख अब भी नरम है, लेकिन महंगाई को घटाकर आर्थिक प्रगति का रास्‍ता बनाने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया था.

Tags: Bank Loan, RBI Governor, Shaktikanta Das

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