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अग्निपथ योजना को लेकर विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीधे पीएम मोदी से सवाल पूछे हैं। ओवैसी ने कहा, हम पीएम से जानना चाहते हैं कि क्या आप हमारे जवानों के लिए यही सम्मान रखते हैं? इसका मतलब है कि वह चाहते हैं कि हमारे सैनिक चार साल बाद चौकीदार बनें। यह एक सम्मानजनक पेशा है लेकिन आपकी पार्टी (भाजपा) उन्हें नीची नजर से देखती है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
ओवैसी ने कहा कि उन उम्मीदवारों पर क्या बीत रही होगी जिन्होंने परीक्षा के लिए अर्हता हासिल करने के लिए इतनी मेहनत की। वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनकी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर रही है। आप सेना प्रमुखों को आगे क्यों रख रहे हैं, पीएम को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
17 से 21 साल के युवकों के लिए योजना
अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखा जाएगा। योजना के विरोध के कुछ दिनों बाद सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा 23 वर्ष तक बढ़ा दी थी। नई योजना के तहत भर्ती होने वाले कर्मियों को ‘अग्निवीर’ के रूप में जाना जाएगा।
कई विपक्षी दलों के साथ-साथ सैन्य दिग्गजों ने 75 प्रतिशत रंगरूटों के चार साल के कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए इस योजना की आलोचना की है। वहीं, सरकार इस योजना का पुरजोर बचाव करते हुए कह रही है कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए परिवर्तनकारी उपाय युवाओं को राष्ट्र की सेवा करने का अवसर प्रदान करेगा।