Rajya Sabha Election: भितरघात के डर से कांग्रेस में बाड़ेबंदी, हरियाणा के सभी MLA पांच जोड़ी कपड़ों के साथ दिल्ली तलब


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हरियाणा से राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन की जीत का समीकरण गड़बड़ाने से बचाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मोर्चा संभाल लिया है। अंदरखाने भितरघात के डर से सभी 31 विधायक गुरुवार को पांच जोड़ी कपड़ों के साथ दिल्ली तलब कर लिए हैं। पहुंचते कितने हैं, यह बैठक शुरू होने पर ही साफ होगा।

दिल्ली से ही विधायकों को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में भेजने के संकेत मिले हैं। आलाकमान सुनिश्चित करना चाहता है कि एक भी विधायक विरोधी खेमे के जाल में न फंसे, इसलिए दिल्ली में बैठक कर सभी विधायकों को एकजुटता से वोट करने की घुट्टी पिलाई जाएगी।

कांग्रेस के विधानसभा में 31 विधायक हैं, माकन को जीतने के लिए 30 वोट चाहिए। नाराज विधायक कुलदीप बिश्नोई की अनुपस्थिति की स्थिति में 30 विधायक एकजुट रहते हुए वोट करते हैं तो माकन आराम से जीत जाएंगे। लेकिन, आलाकमान के पास रिपोर्ट पहुंची है कि निर्दलीय विधायक कार्तिकेय शर्मा और उनके पूर्व मंत्री पिता विनोद शर्मा कुछ कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की फिराक में हैं। पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के ससुर हैं, इसलिए पार्टी और सतर्क हो गई है। विनोद शर्मा के कुछ कांग्रेस विधायकों के साथ बेहद घनिष्ठ संबंध हैं, उसके मद्देनजर शीर्ष नेतृत्व कोई चूक नहीं करना चाहता। 

क्रॉस वोटिंग की संभावना कम, गलत निशान से रद्द होगा वोट
10 जून को राज्यसभा की दोनों सीटों के लिए होने वाले मतदान में क्रॉस वोटिंग की संभावना कम है। चूंकि, भाजपा, कांग्रेस के साथ निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव प्रभारी व एजेंट मौके पर मौजूद रहेंगे। विधायकों को वोट डालने से पहले उन्हें दिखानी होगी। ऐसे में प्रभारी को पता चल जाएगा कि किस विधायक ने किसे वोट दिया है। बैलट पेपर न दिखाने पर वोट रद्द हो जाएगा। इसके अलावा विधायक अगर बैलट पेपर पर गलत निशान लगाते हैं, तब भी वोट रद्द होगा।

भविष्य के लिए बंद होंगे रास्ते
अगर कोई विधायक पार्टी उम्मीदवार को वोट न देकर अन्य को देता है तो संबंधित पार्टी उसे प्राथमिक सदस्यता रद्द करते हुए निष्कासित कर सकती है। साथ ही भविष्य के लिए पार्टी के दरवाजे बंद हो जाएंगे। हालांकि, वह विधायक बना रहेगा। राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए व्हिप जारी नहीं होता, इसलिए पार्टी विधायक की सदस्यता खत्म करने के लिए विधानसभा को नहीं लिख सकती।

विधायक कहेंगे, तो घुमाएंगे : हुड्डा
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधायक कहेंगे, तो उन्हें घुमाएंगे। किसी विधायक पर कोई दबाव नहीं है। दबाव डालने से भी कुछ नहीं होने वाला। कांग्रेस की अंक गणित पूरी है। कुलदीप बिश्नोई पार्टी के उम्मीदवार को ही वोट करेंगे। उनकी मुझसे कोई नाराजगी नहीं है, मेरे साथ हैं। वह राहुल गांधी से मुलाकात पर अड़े हैं, उस मामले को प्रदेश प्रभारी देख रहे हैं।

हमारे विधायक शेर की तरह घूम रहे : धनखड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि हमारे विधायक शेर की तरह घूम रहे हैं, हमें बाहर भेजने की जरूरत नहीं। कांग्रेस एक उंगली दूसरे पर उठाती है तो चार उंगलियां खुद की तरफ होती हैं। कांग्रेस को विधायक बाहर भेजने की जरूरत क्यों पड़ रही है, सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं।

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हरियाणा से राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन की जीत का समीकरण गड़बड़ाने से बचाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मोर्चा संभाल लिया है। अंदरखाने भितरघात के डर से सभी 31 विधायक गुरुवार को पांच जोड़ी कपड़ों के साथ दिल्ली तलब कर लिए हैं। पहुंचते कितने हैं, यह बैठक शुरू होने पर ही साफ होगा।

दिल्ली से ही विधायकों को राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में भेजने के संकेत मिले हैं। आलाकमान सुनिश्चित करना चाहता है कि एक भी विधायक विरोधी खेमे के जाल में न फंसे, इसलिए दिल्ली में बैठक कर सभी विधायकों को एकजुटता से वोट करने की घुट्टी पिलाई जाएगी।

कांग्रेस के विधानसभा में 31 विधायक हैं, माकन को जीतने के लिए 30 वोट चाहिए। नाराज विधायक कुलदीप बिश्नोई की अनुपस्थिति की स्थिति में 30 विधायक एकजुट रहते हुए वोट करते हैं तो माकन आराम से जीत जाएंगे। लेकिन, आलाकमान के पास रिपोर्ट पहुंची है कि निर्दलीय विधायक कार्तिकेय शर्मा और उनके पूर्व मंत्री पिता विनोद शर्मा कुछ कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की फिराक में हैं। पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के ससुर हैं, इसलिए पार्टी और सतर्क हो गई है। विनोद शर्मा के कुछ कांग्रेस विधायकों के साथ बेहद घनिष्ठ संबंध हैं, उसके मद्देनजर शीर्ष नेतृत्व कोई चूक नहीं करना चाहता। 

क्रॉस वोटिंग की संभावना कम, गलत निशान से रद्द होगा वोट

10 जून को राज्यसभा की दोनों सीटों के लिए होने वाले मतदान में क्रॉस वोटिंग की संभावना कम है। चूंकि, भाजपा, कांग्रेस के साथ निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव प्रभारी व एजेंट मौके पर मौजूद रहेंगे। विधायकों को वोट डालने से पहले उन्हें दिखानी होगी। ऐसे में प्रभारी को पता चल जाएगा कि किस विधायक ने किसे वोट दिया है। बैलट पेपर न दिखाने पर वोट रद्द हो जाएगा। इसके अलावा विधायक अगर बैलट पेपर पर गलत निशान लगाते हैं, तब भी वोट रद्द होगा।

भविष्य के लिए बंद होंगे रास्ते

अगर कोई विधायक पार्टी उम्मीदवार को वोट न देकर अन्य को देता है तो संबंधित पार्टी उसे प्राथमिक सदस्यता रद्द करते हुए निष्कासित कर सकती है। साथ ही भविष्य के लिए पार्टी के दरवाजे बंद हो जाएंगे। हालांकि, वह विधायक बना रहेगा। राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए व्हिप जारी नहीं होता, इसलिए पार्टी विधायक की सदस्यता खत्म करने के लिए विधानसभा को नहीं लिख सकती।

विधायक कहेंगे, तो घुमाएंगे : हुड्डा

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधायक कहेंगे, तो उन्हें घुमाएंगे। किसी विधायक पर कोई दबाव नहीं है। दबाव डालने से भी कुछ नहीं होने वाला। कांग्रेस की अंक गणित पूरी है। कुलदीप बिश्नोई पार्टी के उम्मीदवार को ही वोट करेंगे। उनकी मुझसे कोई नाराजगी नहीं है, मेरे साथ हैं। वह राहुल गांधी से मुलाकात पर अड़े हैं, उस मामले को प्रदेश प्रभारी देख रहे हैं।

हमारे विधायक शेर की तरह घूम रहे : धनखड़

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि हमारे विधायक शेर की तरह घूम रहे हैं, हमें बाहर भेजने की जरूरत नहीं। कांग्रेस एक उंगली दूसरे पर उठाती है तो चार उंगलियां खुद की तरफ होती हैं। कांग्रेस को विधायक बाहर भेजने की जरूरत क्यों पड़ रही है, सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं।



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