इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टाफ नर्स के 1729 पदों की भर्ती के दोबारा विज्ञापन पर लगाई रोक, जानें वजह


प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टाफ नर्स के 1729 पदों की भर्ती का विज्ञापन दोबारा जारी करने पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार व यूपी लोक सेवा आयोग प्रयागराज से जवाब भी मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई जुलाई 22 में होगी. यह आदेश जस्टिस राजीव जोशी ने प्रीति पटेल, विवेक कुमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता रोहित द्विवेदी, अजय त्रिपाठी एवं सूर्यप्रकाश पांडेय और राज्य सरकार व यूपी लोक सेवा आयोग के अधिवक्ताओं ने बहस की. मामले के तथ्यों के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने स्टाफ नर्स भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. भर्ती प्रक्रिया अंतिम परिणाम घोषित करने के साथ ही विवादों में आ गई. प्रीति पटेल एवं अन्य अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर विभिन्न संस्थानों के अनुभव प्रमाण पत्र को मान्यता न देने और कटऑफ से ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को अंतिम सफल परिणाम में शामिल न करने का आरोप लगाया.

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याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि तीन सदस्यीय समिति बनाकर 15 हजार अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्रों का स्क्रुटनी की जा रही है. जिसके बाद समिति 45 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. इस पर कोर्ट ने मामले को जुलाई के तीसरे सप्ताह में समिति की रिपोर्ट के साथ पेश करने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने साथ ही सरकार व यूपी लोक सेवा आयोग को याचिका पर प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने तब तक 1729 पदों के लिए नया विज्ञापन जारी करने पर रोक लगा दी है.

Tags: Allahabad high court, Nurse



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