अमर उजाला लघु फिल्म प्रतियोगिता: डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी से बच्ची ने पूछा ऐसा सवाल कि कार्यक्रम में लगने लगे ठहाके


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: Vikas Kumar
Updated Mon, 04 Apr 2022 01:23 AM IST

सार

समारोह में मौजूद एक छोटी सी बच्ची वैष्णवी के सवाल ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। दरअसल वैष्णवी ने डॉ. द्विवेदी से पूछा कि मैं अपनी हिंदी के सुलेख (राइटिंग) कैसे अच्छा बनाएं?

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‘हिंदी हैं हम’ अभियान के तहत अमर उजाला लघु फिल्म प्रतियोगिता सम्मान समारोह रविवार को लखनऊ के डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जाने-माने फिल्म निर्देशक पद्म श्री डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे। इस अवसर पर ‘राष्ट्र निर्माण में भारतीय भाषाओं की भूमिका’ विषय पर डॉ. द्विवेदी ने व्याख्यान दिया। 

डॉ. द्विवेदी के व्याख्यान के बाद कार्यक्रम में सवाल-जवाब का दौर चला। वहां मौजूद कई लोगों ने डॉ. द्विवेदी से हिंदी भाषा को लेकर अपने सवाल पूछे। इस बीच समारोह में मौजूद एक छोटी सी बच्ची वैष्णवी के सवाल ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। दरअसल वैष्णवी ने डॉ. द्विवेदी से पूछा कि मैं अपनी हिंदी के सुलेख (राइटिंग) कैसे अच्छा बनाएं? मासूम के इस सवाल पर मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा कि मेरे अक्षर इतने अच्छे होते थे कि मेरे स्कूल में जो भी कार्यक्रम होते थे उनके लिए मैं लिखता था। विज्ञान के प्रयोग होने पर मुझसे स्लाइड्स लिखवाए जाते थे। ये भी कहा जाता था कि इसकी राइटिंग बहुत अच्छी है। धीरे-धीरे मैंने लिखना बंद किया, अब मैं जो हिंदी लिखता हूं उसे पढ़ने के लिए कुछ लोगों को बुलाना पड़ता है कि वो मुझे बताएं कि ये लिखा क्या है? आगे उन्होंने बच्ची से कहा कि बेटा हर दिन लिखो। मैं तो हर दिन लिखता हूं पर कंप्यूटर पर लेकिन आप पेंसिल और पेन से लिखो और जरूर लिखो।

‘हिंदी माथे की बिंदी’ को चुना गया सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म
गौरव मिश्रा की फिल्म ‘हिंदी माथे की बिंदी’ सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म चुनी गई है। समारोह में मिश्रा को पुरस्कार स्वरूप पांच लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान किया गया। इसके अलावा विशेष जूरी द्वारा चयनित पांच श्रेष्ठ लघु फिल्मों को एक-एक लाख रुपये का विशेष पुरस्कार दिया गया। इसमें शाम्भव पांडे की ‘किताबी कीड़ा’, शिवेन्द्र प्रताप सिंह की ‘धन्यवाद’, अक्षांश योगेश्वर की ‘गाय’, नवीन अग्रवाल की ‘सुकून’ और यशवर्धन गोस्वामी की ‘मदर टंग’ शामिल रही।

विस्तार

‘हिंदी हैं हम’ अभियान के तहत अमर उजाला लघु फिल्म प्रतियोगिता सम्मान समारोह रविवार को लखनऊ के डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जाने-माने फिल्म निर्देशक पद्म श्री डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे। इस अवसर पर ‘राष्ट्र निर्माण में भारतीय भाषाओं की भूमिका’ विषय पर डॉ. द्विवेदी ने व्याख्यान दिया। 

डॉ. द्विवेदी के व्याख्यान के बाद कार्यक्रम में सवाल-जवाब का दौर चला। वहां मौजूद कई लोगों ने डॉ. द्विवेदी से हिंदी भाषा को लेकर अपने सवाल पूछे। इस बीच समारोह में मौजूद एक छोटी सी बच्ची वैष्णवी के सवाल ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। दरअसल वैष्णवी ने डॉ. द्विवेदी से पूछा कि मैं अपनी हिंदी के सुलेख (राइटिंग) कैसे अच्छा बनाएं? मासूम के इस सवाल पर मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा कि मेरे अक्षर इतने अच्छे होते थे कि मेरे स्कूल में जो भी कार्यक्रम होते थे उनके लिए मैं लिखता था। विज्ञान के प्रयोग होने पर मुझसे स्लाइड्स लिखवाए जाते थे। ये भी कहा जाता था कि इसकी राइटिंग बहुत अच्छी है। धीरे-धीरे मैंने लिखना बंद किया, अब मैं जो हिंदी लिखता हूं उसे पढ़ने के लिए कुछ लोगों को बुलाना पड़ता है कि वो मुझे बताएं कि ये लिखा क्या है? आगे उन्होंने बच्ची से कहा कि बेटा हर दिन लिखो। मैं तो हर दिन लिखता हूं पर कंप्यूटर पर लेकिन आप पेंसिल और पेन से लिखो और जरूर लिखो।

‘हिंदी माथे की बिंदी’ को चुना गया सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म

गौरव मिश्रा की फिल्म ‘हिंदी माथे की बिंदी’ सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म चुनी गई है। समारोह में मिश्रा को पुरस्कार स्वरूप पांच लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान किया गया। इसके अलावा विशेष जूरी द्वारा चयनित पांच श्रेष्ठ लघु फिल्मों को एक-एक लाख रुपये का विशेष पुरस्कार दिया गया। इसमें शाम्भव पांडे की ‘किताबी कीड़ा’, शिवेन्द्र प्रताप सिंह की ‘धन्यवाद’, अक्षांश योगेश्वर की ‘गाय’, नवीन अग्रवाल की ‘सुकून’ और यशवर्धन गोस्वामी की ‘मदर टंग’ शामिल रही।



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