Amarnath Rescue Operation: बचाव कार्य में जुटीं ये टीमें, जरूरत पड़ी तो सबका भरोसा ‘इल्यूशिन आईएल-76’ संभालेगा मोर्चा


अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को बादल फटने से अब तक 16 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। करीब 40 लोग लापता और 50 से अधिक घायल हुए हैं। बचाव अभियान में सेना, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं। प्रशिक्षित श्वानों की भी मदद ली जा रही है। 

बचाव कार्य में सुरक्षाबलों के साथ ही आधुनिक मशीनों और हेलीकॉप्टरों की भी मदद ली जा रही है। एयरफोर्स के एएन-32 और इल्यूशिन आईएल-76 विमान को चंडीगढ़ में स्टैंडबाय पर रखा गया है। जरूरत पड़ने पर इसकी भी मदद ली जा सकती है। यह बहुउद्देशीय विमान है। आपदा के समय इस विमान की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

बचाव कार्य में लगीं टीमें और मशीनरी

  • बचाव कार्य में 100 से अधिक बचाव कर्मियों के साथ एनडीआरएफ की चार टीमें लगी हैं।
  • बीएसएफ के एमआई-17 हेलीकॉप्टर द्वारा शवों को नीलगढ़ से श्रीनगर ले जाया गया है।
  • भारतीय वायु सेना ने बचाव कार्यों के लिए श्रीनगर से 2-2 एएलएच ध्रुव और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर लगाए हैं।
  • अमरनाथ गुफा स्थल से घायल तीर्थयात्रियों को भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। 

 

  • खराब मौसम के कारण लद्दाख सेक्टर से कश्मीर घाटी में हेलीकॉप्टरों को लाना मुश्किल हो रहा है।
  • वायु सेना ने एक एएन-32 और इल्यूशिन आईएल-76 विमान को आगे की आवश्यकताओं के लिए चंडीगढ़ में स्टैंडबाय पर रखा गया है।

 

आईएल-76 के बारे में अहम बातें

  • यह चार-इंजन वाला स्ट्रॅटेजिक एयरलिफ्टर विमान है
  • आईएल-76 एक बार में 40 हजार किलो से अधिक वजन ले जा सकता है
  • आईएल-76 के तीन वैरिएंट हैं
  • आईएल-76 रूस निर्मित विमान है, जोकि राहत सामग्री और बड़ी संख्या में लोगों को लाने-ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
  • भारत के साथ ही रूस, यूक्रेन और लीबिया की वायुसेना ने भी इसे अपने बेड़े में शामिल कर रखा है



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