नई दिल्ली. अमरनाथ यात्रा 2 साल बाद गुरुवार 30 जून से दोबारा शुरू हो रही है. यह यात्रा 11 अगस्त तक चलेगी. अमरनाथ हिंदु धर्म विश्वास रखने वालों का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. अमरनाथ की गुफा 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां सीधी सड़क नहीं जाती है और लोगों को ट्रेक (पैदल पहाड़ चढ़ना) कर ऊपर जाना होता है. इसमें कई दिन लगते हैं और वृद्धों के लिए ऐसी चढ़ाई भी मुश्किल होती है. इसलिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने गुफा तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की है.
ऐसा पहली बार हो रहा है जब श्रृद्धालुओं को गुफा तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा मुहैया कराई जा रही है. इस सेवा की शुरुआत के लिए गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार को निर्देश दिया था. हेलीकॉप्टर सेवा श्रीनगर से पंजतरणी तक है जो 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से 6 किलोमीटर का ट्रेक कर श्रृद्धालु अमरनाथ की गुफा तक पहुंचते हैं.
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बालटाल और पहलगाम से मिलेगी सेवा
हेलीकॉप्टर सेवा आपको पहलगाम और बालटाल से मिलेगी. बालताल से अमरनाथ गुफा की दूरी करीब 15 किलोमीटर है और यहां से आपको अन्य साधन भी मिल सकते हैं. वहीं, पहलगाम से मंदिर की दूरी 46 किलोमीटर है और यहां से भी आप ट्रेक, खच्चर व अन्य सवारियों की मदद से गुफा तक पहुंच सकते हैं.
टिकट बुकिंग और कीमत
टिकट बुक करने के लिए आपको हेलीकॉप्टर कंपनियों की वेबसाइट पर जाना होगा. टिकट की कीमत 1445 रुपये से शुरू होती है और 4710 रुपये तक जाती है. बालटाल-पंजतरणी-बालटाल का किराय 2890 रुपये है. बालटाल-पंजतरणी का किराया 1445 रुपये है. पहलगाम से पंजतरणी और फिर वापसी का किराया 4710 रुपये है. जबकि सिर्फ जाने या सिर्फ आने का किराया 2355 रुपये है.
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नीलग्रेट हेलीपैड कहां से कितनी दूर
यह बालताल से 12 किलोमीटर और सोनमर्ग से 4 किलोमीटर दूर है. श्रीनगर से इसकी दूरी 84 किलोमीटर है. वहीं, जम्मू से यह हेलीपेड 384 किलोमीटर की दूरी पर है.
सेना के हाथ में है सुरक्षा
पूरे मार्ग की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और बीएसएफ के 35 हजार से अधिक अतिरिक्त केंद्रीय बलों को शामिल किया गया है. ऐसा पहली बार है कि सीएपीएफ पूरे ट्रेक पर सीधे सुरक्षा प्रदान करेगी. सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल एक बड़े आतंकी खतरे के कारण ऐसा किया गया है.
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Tags: Amarnath Yatra, Tour and Travels, Tourism
FIRST PUBLISHED : June 29, 2022, 09:52 IST