नई दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगभग 10-15 प्रतिशत केस ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (TNBC) के होते हैं. यह इलाज के लिए सबसे कठिन ब्रेस्ट कैंसर होता है. यह विशेष रूप से अश्वेत महिलाओं, कम उम्र की महिलाओं और बीआरसीए म्यूटेशन वाली महिलाओं में देखा जाता है. टीएनबीसी का इलाज करना इतना कठिन इसलिए होता है, क्योंकि इस रोग में कोशिकाएं तीन घटकों- एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन रिसेप्टर्स, और HER2 प्रोटीन के लिए टेस्ट में नेगेटिव पाई जाती हैं.
मेडिकल न्यूज टुडे की रिपोर्ट के अनुसार फ्लोरिडा के ‘ए एंड एम यूनिवर्सिटी’ में सहायक प्रोफेसर और शोध विश्लेषक डॉ. पेट्रीसिया मेंडोंका ने फिलाडेल्फिया में इस बात का सबूत पेश किया कि इलायची में एक प्राकृतिक कम्पाउंड होता है, जो टीएनबीसी के इलाज में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. डॉ मेंडोंका ने कहा कि इलायची पर कई शोध किए गए और इस संबंध में कई लेख प्रकाशित हुए. इनमें उल्लेख किया गया है कि इलायची में ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर से लड़ने वाले गुण पाए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘सभी रिपोर्ट्स में किए गए औषधीय प्रभावों को ध्यान में रखते हुए और भारतीय व्यंजनों में कई वर्षों से इलायची का उपयोग करने को लेकर हमने PD-L1/MRf2 एक्सिस पर इसके प्रभाव की जांच करने का निर्णय लिया.’ PD-1 और PD-L1 T कोशिकाओं को अन्य कोशिकाओं पर हमला करने से रोकने के लिए एक साथ जोड़ देती हैं और इससे कैंसर कोशिकाएं हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली से बच जाती हैं और इस तरह कैंसर जंगल की आग की तरह शरीर में फैल जाता है.
कैंसर का इलाज करते समय PD-L1 को PD-1 कोशिकाओं के साथ बंधने से रोका जा सकता है, ताकि T कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं पर हमला कर उन्हें मार सकें. इसके लिए Avelumb (Bavencio) और Atezolizumab (Tecentriq) दो इम्यूनोथेरेपी दवाएं हैं, जो इस काम में मदद करती हैं और कैंसर के इलाज में उपयोग की जाती हैं.
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