एनालिसिस: कप्तान मयंक को नहीं मिला ‘बल्लेबाज मयंक’ का साथ, चमीरा ने एक विकेट लेकर पलट दिया मैच


सार

लखनऊ की टीम ने खराब बल्लेबाजी के बावजूद गेंदबाजी के दम पर यह मुकाबला अपने नाम कर लिया। आईपीएल में पहली बार खेलने वाली इस टीम ने प्लेऑफ की ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं।

ख़बर सुनें

कप्तानी का दबाव ऐसा है कि जिस कारण अच्छे से अच्छे खिलाड़ियों का प्रदर्शन खराब हो जाता है। सचिन तेंदुलकर से लेकर रवींद्र जडेजा तक इससे बच नहीं सके। उसी लिस्ट में पंजाब किंग्स के कप्तान मयंक अग्रवाल भी शामिल हो गए हैं। पिछले तीन सीजन में 300 से ज्यादा रन बनाने वाले मयंक कप्तान बनने के बाद पूरी तरह फेल रहे हैं। मौजूदा सीजन में 20.13 की औसत से सिर्फ 161 रन बनाए हैं। लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ शुक्रवार (29 अप्रैल) को भी अच्छी शुरुआत करने के बाद मयंक 25 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

कप्तान के साथ-साथ टीम का कोई भी बल्लेबाज लगातार मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है। लियाम लिविंगस्टोन और भानुका राजपक्षे ने कुछ मैचों में अच्छे हाथ दिखाए थे, लेकिन अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं ला सके। दूसरी ओर, लखनऊ की टीम ने खराब बल्लेबाजी के बावजूद गेंदबाजी के दम पर यह मुकाबला अपने नाम कर लिया। आईपीएल में पहली बार खेलने वाली इस टीम ने प्लेऑफ की ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं।
मैच में टर्निंग पॉइंट
एक छोर से पंजाब के विकेट लगातार गिर रहे थे और दूसरी ओर बेयरस्टो ने एक तरफ से विकेट संभाल रखा था। टीम को 30 गेंद पर 51 रन बनाने थे। इसे आसानी से बनाया जा सकता था। 16वें ओवर की पहली गेंद पर दुष्मंथा चमीरा ने बेयरस्टो को पवेलियन भेज दिया। ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को बेयरस्टो बाउंड्री से बाहर भेजना चाहते थे। गेंद उनके बल्ले से लगकर थर्ड मैन पर क्रुणाल पांड्या के हाथों में चली गई। उस ओवर में सिर्फ दो रन बने। पंजाब की टीम यहां से मैच हार गई।
दोनों कप्तानों का कैसा रहा प्रदर्शन?
शानदार फॉर्म में चल रहे लखनऊ सुपर जाएंट्स के कप्तान केएल राहुल इस मैच में फेल हो गए। राहुल 11 गेंदों पर छह रन बनाकर पवेलियन लौट गए। कगिसो रबाडा की गेंद पर विकेटकीपर जितेश शर्मा ने उनका कैच लिया। हां, एक बात यह है कि राहुल की कप्तानी लगातार बेहतर हो रही है। सही समय पर सही गेंदबाज का इस्तेमाल कर रहे हैं और फील्डिंग के समय लगातार बदलाव करते दिखाई दे रहे हैं।

दूसरी ओर राहुल के साथी मयंक अग्रवाल भी कप्तानी तो अच्छी कर रहे हैं, लेकिन बल्लेबाजी में फेल हो रहे हैं। उनकी कप्तानी एक अनुभवी कप्तान की तरह दिखाई दे रही है। एक बार मयंक बल्लेबाजी में सफल हो जाएं तो टीम के लिए राह आसान हो जाएगी। लीग चरण के आधे से ज्यादा मुकाबले हो चुके हैं। अब मयंक को बतौर बल्लेबाज चलना होगा नहीं तो देर हो जाएगी। इस मैच में 17 गेंद पर 25 रन बनाए। अच्छी शुरुआत के बाद उन्होंने अपना विकेट गंवाया।
लखनऊ के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष:
बल्लेबाजी में क्विंटन डिकॉक और दीपक हुड्डा ने उपयोगी पारियां खेलीं। डिकॉक ने 37 गेंद पर 46 और हुड्डा ने 28 गेंद पर 34 रन बनाए। गेंदबाजी में सबने अहम योगदान दिया। मोहसिन ने चार ओवर में 24 रन देकर तीन विकेट लिए। दुष्मंथा चमीरा ने चार ओवर में 17 रन देकर दो विकेट चटकाए। क्रुणाल पांड्या ने तो चार ओवर में सिर्फ 11 रन ही दिए। उन्होंने भी दो विकेट लिए। इन गेंदबाजों ने मिलकर टीम को जीत दिलाई।

नकारात्मक पक्ष: डिकॉक और हुड्डा को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज नहीं चला। पांच बल्लेबाज तो दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके। कप्तान राहुल, क्रुणाल पांड्या, मार्कस स्टोइनिस, आयुष बदोनी और जेसन होल्डर सभी फेल रहे। गेंदबाजी में होल्डर और आवेश ने अच्छी गेंदबाजी तो की, लेकिन विकेट नहीं निकाल सके। स्पिनर रवि बिश्नोई काफी महंगे साबित हुए। चार ओवर में उन्होंने 41 रन दे दिए। उन्हें सिर्फ एक सफलता मिली।
पंजाब के लिए मैच में क्या-क्या हुआ?
सकारात्मक पक्ष:
गेंदबाजी में अर्शदीप सिंह, संदीप शर्मा, कगिसो रबाडा और ऋषि धवन की तेज गेंदबाजी चौकड़ी ने प्रभावित किया। राहुल चाहर ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए दो विकेट लिए। गेंदबाजों ने लखनऊ को ज्यादा रन नहीं बनाने दिए। बल्लेबाजी में जॉनी बेयरस्टो और मयंक अग्रवाल ने कुछ हद तक सफल रहे। दोनों ने क्रमश: 32 और 25 रन बनाए।

नकारात्मक पक्ष: गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन को बल्लेबाजों ने बर्बाद कर दिया। लियाम लिविंगस्टोन एक पार्टटाइम गेंदबाज के तौर पर इस्तेमाल होते हैं और इस मैच में महंगे साबित हुए। बल्लेबाजी में किसी ने बड़े स्कोर नहीं बनाए। मयंक, लिविंगस्टोन और बेयरस्टो ने अच्छी शुरुआत जरूर की, लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल सके। टीम का कोई एक बल्लेबाज अगर 50-60 रन बना देता तो टीम मैच जीत सकती थी। पंजाब के लिए पिछले कुछ मैचों से बल्लेबाजी चिंता का विषय रही है।

विस्तार

कप्तानी का दबाव ऐसा है कि जिस कारण अच्छे से अच्छे खिलाड़ियों का प्रदर्शन खराब हो जाता है। सचिन तेंदुलकर से लेकर रवींद्र जडेजा तक इससे बच नहीं सके। उसी लिस्ट में पंजाब किंग्स के कप्तान मयंक अग्रवाल भी शामिल हो गए हैं। पिछले तीन सीजन में 300 से ज्यादा रन बनाने वाले मयंक कप्तान बनने के बाद पूरी तरह फेल रहे हैं। मौजूदा सीजन में 20.13 की औसत से सिर्फ 161 रन बनाए हैं। लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ शुक्रवार (29 अप्रैल) को भी अच्छी शुरुआत करने के बाद मयंक 25 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

कप्तान के साथ-साथ टीम का कोई भी बल्लेबाज लगातार मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है। लियाम लिविंगस्टोन और भानुका राजपक्षे ने कुछ मैचों में अच्छे हाथ दिखाए थे, लेकिन अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं ला सके। दूसरी ओर, लखनऊ की टीम ने खराब बल्लेबाजी के बावजूद गेंदबाजी के दम पर यह मुकाबला अपने नाम कर लिया। आईपीएल में पहली बार खेलने वाली इस टीम ने प्लेऑफ की ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं।



Source link

Enable Notifications OK No thanks