Analysis: कोहली सहित चार बल्लेबाजों ने किया शर्मसार, खराब गेंदबाजी और फील्डिंग भारत को ले डूबी, जानें हार के कारण


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विदेश में एक और टेस्ट, एक और हार। टीम इंडिया को इंग्लैंड ने एजबेस्टन टेस्ट में हरा दिया। इसके साथ ही भारतीय टीम विदेशी जमीन पर लगातार तीसरे टेस्ट में परास्त हो गई। पिछले साल के अंत में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में जीत मिली थी। उसके बाद जोहानिसबर्ग और केपटाउन में हार मिली। अब एजबेस्टन में शिकस्त मिलने के बाद टीम इंडिया की हार की हैट्रिक पूरी हो गई।

इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज्यादा निराश चार बल्लेबाजों ने किया। इनमें विराट कोहली शीर्ष पर हैं। उनके अलावा शुभमन गिल, हनुमा विहारी और श्रेयस अय्यर ने टीम इंडिया की लुटिया डुबोने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दूसरी पारी में गेंदबाज अपनी लाइन भूल गए। इसके अलावा फील्डिंग में की गई गलतियों का खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।  

इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार के कारणों के बारे में हम यहां आपको विस्तार से बता रहे हैं: 
1. विराट कोहली फेल: मैच में विराट कोहली के रन से ज्यादा उनके तेवर देखने को मिली। जॉनी बेयरस्टो से उनकी भिड़ंत ने सुर्खियां बटोरीं। एलेक्स लीस के रनआउट होने के बाद विराट ने जिस अंदाज में जश्न मनाया उससे ऐसा लग रहा था कि उन्होंने मैच ही जीत लिया। आक्रामकता गलत नहीं है, लेकिन यह सिर्फ आपके तेवर में ही नहीं दिखना चाहिए। आपको टीम के लिए रन भी बनाने होंगे। अगर कोहली अर्धशतक या शतक लगाते तो उनकी आक्रामकता पर कोई अंगुली नहीं उठाता। अब यह चर्चा हो रही है कि कोहली बल्लेबाजी से ज्यादा अपने तेवर पर ध्यान दे रहे हैं। 

विराट पहली पारी में 11 तो दूसरी पारी में 20 रन बनाकर आउट हो गए। उनके आखिरी अंतराष्ट्रीय शतक के 950 से ज्यादा दिन हो गए। विराट ने बांग्लादेश के खिलाफ 22 नवंबर 2019 को पिछला शतक लगाया था। कोरोना के कारण 2020 को छोड़ भी दें तो 2021 से उनके प्रतिद्वंद्वी जो रूट ने 11 शतक लगा दिए। अब विराट को अपनी बल्लेबाजी को लेकर ज्यादा सोचना होगा। कब तक टीम इंडिया उन्हें बिना रन के रखेगी।
2. शुभमन गिल 20 रन के आंकड़े को नहीं छू सके: उपकप्तान केएल राहुल के नहीं होने के कारण शुभमन गिल को टीम में बतौर ओपनर चुना गया। उन्हें चुनने के लिए मयंक अग्रवाल को नजरअंदाज किया गया। अग्रवाल दक्षिण अफ्रीका में खेले थे। गिल के पास मौका था कि वह रन बनाकर तीसरे ओपनर के लिए अपनी जगह को और मजबूत करें, लेकिन उन्होंने इसे गंवा दिया।

गिल का यह 11वां टेस्ट है। उन्होंने अब तक एक भी शतक नहीं लगाया है। गिल के खाते में चार अर्धशतक हैं। उन्होंने दो अर्धशतक घरेलू मैदान और दो विदेश में लगाया है। गिल के बल्ले से विदेश में पिछला अर्धशतक 15 जनवरी 2021 को निकला था। तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट की दूसरी पारी में 91 रन बनाए थे। पिछली चार पारियों को देखें तो साउथम्पटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में गिल ने 28 और आठ रन बनाए थे। अब एजबेस्टन की पहली पारी में 17 और दूसरी पारी चार रन बनाकर पवेलियन लौट गए। उनके फेल होने के कारण टीम इंडिया को दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत नहीं मिली।
3. हनुमा और अय्यर का नहीं चला बल्ला: कोहली और गिल के बाद हनुमा विहारी और श्रेयस अय्यर भी फेल रहे। हनुमा को तीसरे क्रम पर खेलने का मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने इसका फायदा नहीं उठाया। अभ्यास मैच में बेहतर प्रदर्शन करने वाले श्रीकर भरत को शामिल नहीं किया गया। हनुमा के अनुभव पर कप्तान जसप्रीत बुमराह ने भरोसा जताया। वह पहली पारी में 20 और दूसरी पारी में 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।

श्रेयस अय्यर की बात करें तो पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में 19 रन बनाकर वह आउट हुए। दोनों पारियों में शॉर्ट गेंद पर ही उनका विकेट इंग्लैंड को मिला। अजिंक्य रहाणे की जगह टीम में शामिल किए गए अय्यर पहली बार विदेश में टेस्ट मैच खेल रहे थे। अय्यर पहली पारी में जेम्स एंडरसन की शॉर्ट गेंद पर सैम बिलिंग्स को कैच थमा बैठे थे। दूसरी पारी में मैटी पॉट्स ने उन्हें शॉर्ट गेंद पर जेम्स एंडरसन के हाथों कैच करा दिया। लंबे समय से शॉर्ट गेंद अय्यर की कमजोरी रही है। इस बात को इंग्लैंड के मौजूदा कोच ब्रैंडन मैकुलम अच्छी तरह जानते थे। वह आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स के कोच थे और अय्यर कप्तान। मैकुलम ने अपने गेंदबाजों से शॉर्ट करने को कहा और इसका फायदा इंग्लिश टीम को मिला।
4. खराब फील्डिंग: दूसरी पारी में घटिया फील्डिंग ने टीम इंडिया को मैच से बाहर कर दिया। पहली पारी में शतक लगाने वाले जॉनी बेयरस्टो दूसरी पारी में 14 रन बनाकर खेल रहे थे। उस समय हनुमा विहारी ने मोहम्मद सिराज की गेंद पर उनका आसान कैच स्लिप में टपका दिया। चेतेश्वर पुजारा के चोटिल होने के कारण विहारी को स्लिप में खड़ा किया था। इसके बाद जब बेयरस्टो 39 रन पर थे तब विकेटकीपर पंत उनका कैच नहीं ले पाए। हालांकि, यह एक मुश्किल कैच था, लेकिन बड़े मौकों पर आप ऐसे ही कैच लेकर चैंपियन बनते हैं। दो जीवनदान का फायदा उठाकर बेयरस्टो ने शतक ठोक दिया और टीम इंडिया मैच हार गई।
5. गेंदबाजों की धुनाई: पहली पारी में शानदार गेंदबाजी करने वाले भारतीय गेंदबाज दूसरी पारी में भटके हुए नजर आए। लगातार लेग स्टंप को निशान साधकर गेंदबाजी कर रहे थे। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। जॉनी बेयरस्टो और जो रूट ने जमकर उनकी धुनाई की। कुछ गेंदबाजों की इकोनॉमी तो ऐसी थी कि जिसे देखकर उन्हें खुद भी शर्म आ जाए। मोहम्मद सिराज ने 15 ओवर में 98 रन दे दिए। उनकी इकोनॉमी 6.50 की रही। शार्दुल ठाकुर ने 11 ओवर में 65 रन लुटाए। उनकी इकॉनमी 5.90 की रही। इन दोनों ने बेयरस्टो और रूट को हाथ खोलने के भरपूर मौके दिए। इसका फायदा इंग्लैंड को मिला। उसने टेस्ट जीतकर सीरीज को 2-2 से बराबर कर दिया।

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विदेश में एक और टेस्ट, एक और हार। टीम इंडिया को इंग्लैंड ने एजबेस्टन टेस्ट में हरा दिया। इसके साथ ही भारतीय टीम विदेशी जमीन पर लगातार तीसरे टेस्ट में परास्त हो गई। पिछले साल के अंत में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में जीत मिली थी। उसके बाद जोहानिसबर्ग और केपटाउन में हार मिली। अब एजबेस्टन में शिकस्त मिलने के बाद टीम इंडिया की हार की हैट्रिक पूरी हो गई।

इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ज्यादा निराश चार बल्लेबाजों ने किया। इनमें विराट कोहली शीर्ष पर हैं। उनके अलावा शुभमन गिल, हनुमा विहारी और श्रेयस अय्यर ने टीम इंडिया की लुटिया डुबोने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दूसरी पारी में गेंदबाज अपनी लाइन भूल गए। इसके अलावा फील्डिंग में की गई गलतियों का खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।  

इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार के कारणों के बारे में हम यहां आपको विस्तार से बता रहे हैं: 



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