जहांगीरपुरी बवाल: सामने एक और चौंकाने वाला सच, हिंसा से एक दिन पहले अंसार ने कई लोगों को बांटे थे रुपये, छतों पर जमा किए थे ईंट और पत्थर


हनुमान जन्मोत्सव पर जहांगीरपुरी में भड़की हिंसा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर सकता है। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बृहस्पतिवार को इस संदर्भ में ईडी को एक खत लिखा। इसमें उन्होंने मुख्य आरोपी अंसार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई करने को कहा है। बी-ब्लॉक जहांगीरपुरी निवासी अंसार (35) फिलहाल दिल्ली पुलिस की हिरासत में है। पुलिस उससे पूछताछ कर अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। ऐसे में अंसार की मुसीबत बढ़ सकती है। गत 16 अप्रैल को शोभायात्रा निकालने के लिए दौरान हुए पथराव के बाद जहांगीरपुरी में हिंसा भड़क गई थी। इसमें आठ पुलिसकर्मियों समेत कुल नौ लोग घायल हुए थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त अस्थाना ने ईडी को 21 अप्रैल को पत्र लिखकर हिंसा के पीछे के वित्तीय एंगल की जांच करने की मांग की है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि हिंसा के पीछे कहीं से फंडिंग हुई है। 

जांच में यह भी बात सामने आई है कि जहांगीरपुरी हिंसा को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। इसके लिए हिंसा से पहले अंसार ने कई लोगों को पैसे बांटे थे और उनके साथ बैठक की थी। 

 

साजिश के तहत ही ईंट, पत्थर व रोड़ी को छतों पर एकत्रित किया गया था। हिंसा मामले में अंसार ने ही शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस की थी। इसके बाद शोभा यात्रा पर पथराव शुरू हुआ। एफआईआर में सिर्फ अंसार का नाम है।

 

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अंसार की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें उसके हाथों में नोटों की गड्डी है। दूसरी तरफ अपराध शाखा की टीम ने कुछ अन्य आरोपियों की पहचान की है। इन आरोपियों को पकड़ने लिए छापे मारे जा रहे हैं।

हिंसा के आरोपी अंसार से 60 मिनट तक पूछताछ

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी मोहम्मद अंसार से पूछताछ करने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना पहुंचे। शुक्रवार को रोहिणी सेक्टर- 14 स्थित अपराध शाखा के कार्यालय पहुंचे कमिश्नर के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।



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